DGCA के नए नियमों में पायलटों ने अपने गुस्से को उजागर करने का तरीका ढूंढ लिया है. ये नियम 10 घंटे से अधिक समय तक विमान चलाने की अनुमति देते हैं, जिससे पायलटों में थकान बढ़ सकती है.
ALPAI ने इस नीति पर आपत्ति जताई है, लेकिन DGCA ने तर्क दिया है कि यह बदलाव उड़ान सुरक्षा से अधिक हवाई कंपनियों की क्रांति को ध्यान में रखता है. इसका मतलब है कि पायलटों को अतिरिक्त आराम दिया जाएगा, लेकिन इससे उड़ान सुरक्षा पर भारी दबाव पड़ सकता है।
इस नीति का समर्थन करने वाले कुछ पायल्टों ने कहा है कि यह बदलाव उन्हें थकान को कम करने में मदद करेगा, लेकिन विपक्ष वाले कहते हैं कि इससे उड़ान सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है. वे तर्क देते हैं कि भारत में पायलटों की कमी नहीं है, इसलिए समय सीमा बढ़ाने का कोई मतलब नहीं बनता.
ALPAI ने इस नीति पर आपत्ति जताई है, लेकिन DGCA ने तर्क दिया है कि यह बदलाव उड़ान सुरक्षा से अधिक हवाई कंपनियों की क्रांति को ध्यान में रखता है. इसका मतलब है कि पायलटों को अतिरिक्त आराम दिया जाएगा, लेकिन इससे उड़ान सुरक्षा पर भारी दबाव पड़ सकता है।
इस नीति का समर्थन करने वाले कुछ पायल्टों ने कहा है कि यह बदलाव उन्हें थकान को कम करने में मदद करेगा, लेकिन विपक्ष वाले कहते हैं कि इससे उड़ान सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है. वे तर्क देते हैं कि भारत में पायलटों की कमी नहीं है, इसलिए समय सीमा बढ़ाने का कोई मतलब नहीं बनता.