सतारा कांड के आरोपी पुलिसकर्मी का एनकाउंटर करो: RG Kar मामले में पीड़िता के पिता की मांग

सतारा कांड के आरोपी पुलिसकर्मी का एनकाउंटर करो: RG Kar मामले में पीड़िता के पिता की मांग

RG Kar मेडिकल कॉलेज मामले में पीड़िता के पिता ने साफ कह दिया है कि हमें 2024 में महिला आयोग के लोग घर पर आए थे, और उन्होंने हमें आश्वासन दिया था। लेकिन इतना वक्त बीत जाने के बाद भी इन लोगों ने क्या किया? इसका जवाब हमारे पास नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल महिला आयोग के लोग भी किसी काम के नहीं हैं, ये सिर्फ मुंह दिखाने के लिए आते हैं।

उन्होंने बंगाल महिला आयोग को निष्क्रिय बताते हुए कहा कि ये लोग सिर्फ औपचारिकता निभाते हैं, कोई उम्मीद नहीं रखी जा सकती। उन्होंने मांग की कि महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित किया जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

पीड़िता के पिता ने कहा, 'हमें उम्मीद थी कि ये लोग हमारी बात मानेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।' उनके अनुसार, महिला आयोग को अपने द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देना होगा, न कि सिर्फ मुंह दिखाना ही बंद कर दें।

RG Kar मामले में पीड़िता के पिता ने कहा कि वे आगे भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लड़ेंगे, और हमारी बात सुनी जाएगी। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि न्यायपालिका इस मामले में न्याय दिलाएगी।'
 
ਮुझे ਸਭ ਤੋਂ ਜਿਆਦਾ ਗੁੱਸਾ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਗੱਲ ਇਹ ਸੀ ਕਿ ਬੰਗਾਲ ਮਹਿਲਾ ਆਈਓ ਦੇ ਲੋਕ ਪਤਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਉਸ ਘਟਨਾ ਵਿੱਚ ਕੀ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਜਿਸ ਮਹਿਲਾ ਐਸ.ਐਸ.ਪੀ. ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਆਰोप ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ। ਮੈਨੂੰ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਥਿੰਕ ਪਾਉਣ ਵਾਲੇ ਨਹੀਂ ਅਗਲੇ ਮਾਮਲਿਆਂ ਦਾ ਸੋਚ ਸੋਚਿਆਂ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ।
 
ਇਹ ਰੀपोर्ट ਖ਼ਾਸ ਤੌਰ 'ਤੇ ਪੁਲਿਸ ਕਰਮਚਾਰੀ ਦੇ ਅਨੁਭਵ ਬਾਰੇ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਆਪਣੇ ਅੱਕਰ-ਏ-ਖ਼ਤਮਾ ਦੀ ਘਟਨਾ ਬਾਰੇ ਵੀ ਜਾਣ ਕੇ ਉਸ ਆਪਣੇ ਅਹੁਦੇ ਤੋਂ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਸੀ। ਲੇਕਿਨ ਮੈਨੂੰ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪੁਲਿਸ ਵਿੱਚ ਜੇਬ ਤੋਂ ਅਧਿਕਾਰ ਨਾਲ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ।
 
अरे ये तो बहुत बड़ा घोटाला है! महिला आयोग के लोग भी इतने बूढ़े और ज़िम्मेदार नहीं? वे सिर्फ मुंह दिखाने के लिए आते हैं और कोई काम नहीं करते। यह तो बहुत नसीबी है कि पीड़िता के पिता ने उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। हमें उम्मीद है, लेकिन वाकई तो ऐसा नहीं होता... 😒
 
अरे ये तो बहुत बड़ी ललच है, महिला आयोग की! उन्होंने पीड़िता के पिता से कहा कि वे आश्वासन दिया था, लेकिन फिर मामला कैसे सolved हुआ? यह तो बहुत बड़ा झूठा खेल है! और अब वे मांग कर रहे हैं कि महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित किया जाए, अरे यह तो पूरी तरह से सही है, लेकिन पहले उन्हें अपने द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देना होगा, नहीं तो वे फिर से लालच में खेलते रहेंगे।
 
मुझे लगता है कि हमें यह सोचकर शुरू करना चाहिए कि सरकार कितनी तेजी से काम कर रही है। पहले यह 2020 में हुआ था, फिर 2022, और अब 2024। पीड़िता के पिता ने बंगाल महिला आयोग को निष्क्रिय बताते हुए कहा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2018 में भी महिला आयोग को बनाया गया था। तो क्या वास्तव में उन्होंने कोई काम किया या न? 🤔
 
अरे दोस्त, यह सतारा कांड की बात करें तो हमें बहुत डर लगता है। पुलिसकर्मी के आरोपी को एनकाउंटर करने से पहले मुझे एक सवाल आता है - क्या हमारी सरकार और महिला आयोग ने इतनी चीजें नहीं देखी थी?

उस समय महिला आयोग के लोग पीड़िता के घर आए थे, और उन्होंने आश्वासन दिया था, लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं हुईं। यह तो बहुत अच्छा लग रहा था। अब वही मामला तो एक और बार सामने आया है, तो हमें उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि सरकार या महिला आयोग इस मामले में न्याय दिलाएगी।

हमें अपने पास यही सवाल है कि अगर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, तो हम क्या करेंगे। हमें सुरक्षित कार्यस्थल बनाने और महिला डॉक्टरों की मदद करने की जरूरत है। फिर देखें, न्यायपालिका ने नहीं लागू, तो हम अपने अधिकारों के लिए लड़ने की जरूरत है।

अरे दोस्त, यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है, और हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है 🤔
 
अरे दोस्तो 🤔, RG Kar मामले में पीड़िता के पिता ने बंगाल महिला आयोग की आलोचना करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि ये लोग सिर्फ औपचारिकता निभाते हैं, कोई उम्मीद नहीं रखी जा सकती। यह सच नहीं है, हमें उम्मीद थी कि ये लोग हमारी बात मानेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। 🤷‍♂️

मुझे लगता है कि महिला आयोग को अपने द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देना होगा, न कि सिर्फ मुंह दिखाना ही बंद कर दें। हमें उम्मीद थी कि ये लोग हमारी बात सुनेंगे, और उन्होंने कुछ नहीं किया। 🤦‍♂️

हमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लड़ना होगा, और न्यायपालिका इस मामले में न्याय दिलाएगी। हमें उम्मीद है कि न्यायपालिका इस मामले में न्याय दिलाएगी, तो हमारी बात सुनी जाएगी। 💪

मुझे लगता है कि हमें ऐसे लोगों का समर्थन करना चाहिए, जो सच्चाई कह रहे हैं। हमें अपनी आवाज़ उठानी चाहिए, और न्याय की दिशा में लड़ना चाहिए। 🗣️
 
रG कर मामले में पीड़िता के पिता की बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है 🤯। ये लोग कहते हैं कि महिला आयोग लोग सिर्फ मुंह दिखाने के लिए आते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि क्या वे हमारी बात सुन रहे हैं? मेरी माँ को भी यही समस्या होती है, और वह पूरे दिन कॉलेज छोड़कर घर पर तैयार करती है ताकि वह अपनी पढ़ाई कर सके, लेकिन उसका सहयोग शिक्षक नहीं करते हैं।

इसलिए, मेरी राय यह है कि महिला आयोग को हमें सुनना चाहिए और हमारी बातों पर विचार करना चाहिए। उन्हें सिर्फ औपचारिकता निभाने में इतना समय लेने देना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं होने से रोकी जा सकें।
 
अरे वो आरोपी पुलिसकर्मी तो बस मुंह साफ कर रहे थे, और अब उनका एनकाउंटर हुआ? 🤔 वहीं RG Kar मामले में पीड़िता के पिता ने कहा कि हमारी बात सुनी जाएगी, लेकिन इतना वक्त बीत जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया।

बंगाल महिला आयोग को तो बहुत आलोचना मिलनी चाहिए, वे सिर्फ औपचारिकता निभाते हैं और किसी काम के नहीं हैं। हमें उम्मीद थी कि वे हमारी बात मानेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। 🤷‍♂️

हमें सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करना होगा, ताकि ऐसी घटनाएं न हों। और आरोपी पुलिसकर्मी को माफ करना ही ठीक नहीं है। उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए। 💪
 
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