‘SIR कीजिए या FIR कीजिए, कुछ नहीं होने वाला’: एसआईआर पर सियासत तेज, जानें किसने क्या कहा

चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की, जो 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 28 अक्टूबर से शुरू होगा। इसमें आंध्र प्रदेश, गोवा, पुदुच्चेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद यह कदम उठाया गया है, जहां 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची शुद्ध हुई।

इस एसआईआर के दूसरे चरण में, चुनाव आयोग ने 4 राज्यों जैसे कि बिहार, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित कई अन्य राज्यों में मतदाता सूची की जांच की है। पूरे देश में, चुनाव आयोग ने कहा है कि यह एसआईआर पहले चरण की सफलता के बाद उठाया गया है, जहां बिहार में 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची शुद्ध हुई है।

चुनाव आयोग ने कहा है कि इस एसआईआर के दूसरे चरण में, चुनाव आयुक्तों ने जोरदार और कुशलतापूर्वक इन राज्यों की मतदाता सूची की जांच की है। पूरे देश में, चुनाव आयोग ने कहा है कि यह एसआईआर पहले चरण की सफलता के बाद उठाया गया है, जहां बिहार में 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची शुद्ध हुई है।

पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीयू के नेता राहुल गांधी ने अपने ट्विटर पर एसआईआर की घोषणा को लेकर तंज दिया। उन्होंने कहा, "सिर कीजिए या FIR कीजिए, कुछ नहीं होने वाला"।
 
बिहार की पहली चरण में सफल होने के बाद तो इन राज्यों में एसआईआर की जरूरत तो बन गई ही 🤔। लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी नहीं कि हर राज्य में ऐसा ही सफल होना होगा। पहले चरण में सफलता हुई है तो दूसरे चरण में भी जैसे-जैसे राजनेता अपनी-अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं वो ही सफल नहीं हो पाएंगे। यह एक अच्छा संदेश है कि चुनाव आयोग तैयार नहीं है।
 
सरकार यह अच्छी तरह से जानती है कि चुनाव में मतदाताओं की सूची को तय करने से पहले सब कुछ सही हो या नहीं देखना बहुत जरूरी है। लेकिन फिर भी, सरकार यह साबित नहीं कर पा रही है कि हर मामले में ऐसा ही सफल रहा। मुझे लगता है कि अगर चुनाव आयोग ने इस एसआईआर को पहले ही शुरू करने पर विचार किया होता, तो इससे देश के पूरे मतदाताओं को बेहतर महसूस हुआ होता।
 
बोले की बोले, चुनाव आयोग की एसआईआर में जो 28 अक्टूबर से शुरू होगा, तो इससे पहले भी बहुत से राज्यों में मतदाता सूची की जांच हुई है, लेकिन इसे दूसरे चरण में घोषित करने से इसका ध्यान बढ़ रहा है। अगर सचमुच इससे पहले भी जांच हुई थी, तो फिर क्यों इसका दूसरा चरण है?
 
क्या यह सुनिश्चित है कि चुनाव आयोग ने पहले चरण में 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची शुद्ध नहीं की? तो फिर एसआईआर क्यों लगाया गया? 🤔 मुझे लगता है कि यह एक मजेदार सवाल है, जैसे कि क्या चुनाव आयोग ने अपने आप से देखा है? 😂

पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी ने तंज दिया, "सिर कीजिए या FIR कीजिए, कुछ नहीं होने वाला"। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा मजाक है, लेकिन मैं इसके पीछे का तर्क जानना चाहता हूं। क्या एसआईआर तो सिर्फ एक मजाक था? 😜

कोई भी ऐसा कहने में सहज नहीं है कि चुनाव आयोग ने पहले चरण में मतदाताओं की सूची शुद्ध नहीं की। इससे लगता है कि एसआईआर का उद्देश्य केवल एक मजाक था। 😳

मुझे लगता है कि हमें चुनाव आयोग को फिर से पूछना चाहिए, "क्या आपकी सूची पहले चरण में तो शुद्ध नहीं थी, तो फिर एसआईआर क्यों लगाया गया?" 🤷‍♂️
 
बात छोटी है बस यह सुनिश्चित करने की जरुरत है कि चुनाव में दिखाई देने वाले लोग वास्तव में मतदान कर पाएंगे। तो इस बार भी एसआईआर का उद्देश्य यही होना चाहिए
 
मुझे लगता है कि सारे चोर एक साथ ही पकड़े जाने पर सबसे अच्छा। तो फिर राहुल गांधी की बात समझ में नहीं आई 🤔👀। ये एसआईआर न केवल चुनाव की सफलता की जांच करने के लिए, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि मतदाताओं की सूची में ऐसे नाम नहीं हैं जो चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को खतरा देते हैं। 🙏🏼
 
अरे, यह तो बहुत ही अच्छी बात है कि चुनाव आयोग ने इन 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की, जिससे हमारे देश के मतदाताओं की सूची शुद्ध हो सके। यह बहुत जरूरी है कि हमारे देश में चुनाव निष्पक्ष और सत्यापित हों। लेकिन, यह सवाल है कि क्या इन 4 राज्यों में भी ऐसी जांच हुई है? और क्या पूरे देश में इस तरह से एसआईआर चलेगा, तो ये तो हमें आश्वस्त करेगा।
 
बात करें क्या यार! चुनाव आयोग ने एसआईआर की घोषणा की, तो मुझे लगता है कि यह एक अच्छा कदम है। इससे सुनिश्चित होता है कि हमारे देश में चुनावों की गुणवत्ता बढ़े। लेकिन फिर भी, कुछ लोगों ने राहुल गांधी जी को तंज दिया, यह ठीक से समझ नहीं आता। मुझे लगता है कि इससे कोई फायदा नहीं होगा, बस ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। चुनावों में हमेशा एक निश्चित मात्रा में धोखाधड़ी होती है, तो यह बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं है!
 
😒 यह मंच बहुत दुरुस्त नहीं है... क्यों न करें मैं अपने विचार लिख सकता? चुनाव आयोग से एसआईआर की घोषणा अच्छी है, लेकिन इससे पहले तो मतदाता सूची में गड़बड़ी कैसे आएगी? 🤔 अब 28 अक्टूबर से दूसरा चरण शुरू होगा, और बिहार जैसे राज्यों में पहले चरण की सफलता से यह तय हुआ है। लेकिन इसे निगरानी के तहत रखना चाहिए, नहीं तो फिर मतदाताओं की पारदर्शिता की बात कही जाएगी। 😒
 
क्या इस में मतदाता सूची में गलती कैसे आ गई? आंध्र प्रदेश में बाकी राज्यों की तरह नहीं हो सकता है कि चुनाव आयोग इतना गहन रिसर्च करेगा? यह तो कुछ भी नहीं करने वाला है 😐
 
बेटी, यह सारी चतुराई और कुशलता साफ़ देख रही हूँ! चुनाव आयोग ने बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद ही इस एसआईआर की घोषणा की है, तो फिर क्यों? यह सब शुद्ध मतदाता सूची होने पर ही बोल दिया जा रहा है।
 
मुझे लगता है कि यह एसआईआर एक अच्छा कदम है, लेकिन मुझे लगता है कि इसे थोड़ा बाद में शुरू करना चाहिए ताकि मतदाताओं को इस पर ज्यादा समय नहीं लगे। पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी ने बहुत मजाकिया टिप्पणी की, लेकिन मुझे लगता है कि उसके लिए यह अच्छी तंज थी। 🤔
 
बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद चुनाव आयोग ने यह एसआईआर घोषणा की, और अब दूसरे चरण शुरू हो जाएगा। यह बहुत अच्छी बात है कि चुनाव आयोग ने बिहार में 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची शुद्ध करने के बाद इस एसआईआर की घोषणा की। मुझे लगता है कि यह एसआईआर हमेशा की तरह सुचारू रूप से चलेगा। और अगर कुछ गलत होगा, तो चुनाव आयोग ने पहले ही पता कर लिया होगा। बिहार में पहले चरण की सफलता से यह एसआईआर घोषणा बहुत सही लग रही है। 🙌
 
बिल्कुल सही है यह चुनाव आयोग ने ऐसा नहीं किया, फिर भी जो छत्तीसगढ़ में पहले चरण की सफलता से हमेशा राजनीति करने वाले लोग खुश होंगे। और अब जब गणित कैसे करें, तो चुनाव आयोग को 4 राज्यों में मतदाता सूची की जांच करने की जरूरत नहीं थी।

राहुल जी ने बिल्कुल सही कहा है, अगर कुछ नहीं होने वाला तो सिर कीजिए या FIR कीजिए। लेकिन राजनीति में ऐसा कभी नहीं होता, दूसरे चरण की सफलता पर इतना जोर देने से पहले 1 व 2 चरण में बाकी क्या हुआ? यह कैसे कर सकते हैं किसी एक राज्य को छोड़कर दूसरों पर ध्यान देते हुए।
 
अरे, इस चुनाव में सबकुछ और भी जटिल हो गया है 🤯 चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के एसआईआर की घोषणा की, लेकिन तो क्या यह जरूरी था? पहले तो साफ-सफाई होनी चाहिए, फिर इतने पलों में इसकी घोषणा करने की जरूरत नहीं थी। कोई कुछ भी साबित कर रहा है, लेकिन सबकुछ और भी जटिल हो गया है यह तो बात है। हमारे देश की लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए हमें अपने मतदाताओं की सूची शुद्ध करने में अधिक समय और प्रयास करना चाहिए, न कि इतनी जल्दी में इसे तोड़-मरोड़कर फेंकना।
 
अरे, यह देखना रोचक है कि चुनाव आयोग ने एसआईआर की घोषणा कर दी है, जो 28 अक्टोबर से शुरू हो रहा है। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा कदम है, खासकर जब बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद इसे उठाया गया है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि मतदाता सूची में कौन-कौन से बदलाव हो रहे हैं और इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

लेकिन, अरे, राहुल गांधी की बातें अच्छी नहीं लग रही हैं। उन्होंने कहा है कि सिर कीजिए या FIR कीजिए, कुछ नहीं होने वाला। मुझे लगता है कि यह एक नकारात्मक प्रवाह है, जो चुनाव आयोग और उसकी प्रगतियों पर निगरानी रखने की मेहनत को कमजोर कर सकता है। हमें अपनी राजनीतिक व्यापारिक गतिविधियों से हटकर एक सकारात्मक दिशा में चलना चाहिए।

कुल मिलाकर, मुझे लगता है कि एसआईआर एक अच्छा कदम है, लेकिन हमें अपनी राजनीतिक प्रक्रियाओं को साफ और ईमानदार बनाने की जरूरत है।
 
चुनाव आयोग की एसआईआर की बात करें तो यह बहुत अच्छा निर्णय साबित हो सकता है! 🤔 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस दूसरे चरण में, चुनाव आयोग ने जोरदार और कुशलतापूर्वक इन राज्यों की मतदाता सूची की जांच की है। आंध्र प्रदेश, गोवा, पुदुच्चेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप जैसे 12 राज्यों में यह एसआईआर बहुत महत्वपूर्ण होगा! 📈

अगर हम मतदाता सूची की जांच में 70% तक सुधार कर लेते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा। लेकिन चुनाव आयोग की बात करें तो पहले चरण में सफलता के बाद इस एसआईआर को उठाने का निर्णय बहुत सही है। इससे हमारे देश की मतदाता सूची में कुछ भी गलतपन नहीं रह सकता। 🚫

चुनाव आयोग ने कहा है कि इस एसआईआर के दूसरे चरण में, चुनाव आयुक्तों ने जोरदार और कुशलतापूर्वक इन राज्यों की मतदाता सूची की जांच की है। लेकिन अगर हम यहाँ पर आंकड़े देखें तो मुझे लगता है कि हमें 80% तक सुधार करने की जरूरत होगी। 📊

पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी ने अपने ट्विटर पर एसआईआर की घोषणा को लेकर तंज दिया। उन्होंने कहा, "सिर कीजिए या FIR कीजिए, कुछ नहीं होने वाला"। लेकिन मुझे लगता है कि राहुल जी की बात सुनिश्चित करने की जरूरत नहीं है। 😂

चुनाव आयोग की एसआईआर को लेकर मुझे बहुत उम्मीदें हैं। अगर हम इस एसआईआर में 90% तक सुधार कर सकते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा। 🤞
 
अरे भाई, यह एसआईआर की बात करती है, मुझे लगता है कि चुनाव आयोग ने अच्छी तरह से जांच की है 🤔, लेकिन राहुल गांधी जी का ट्विटर पर तंज करना थोड़ा भारी लग रहा है 😂। मुझे लगता है कि उन्हें यह सोचकर चिंता हो रही है कि एसआईआर पहले चरण की सफलता के बाद हुआ है, लेकिन हमेशा ये सवाल उठता रहता है कि यह एसआईआर सच में कितना प्रभावी होगा 🤷‍♂️। और भाई, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयुक्तों ने जोरदार और कुशलतापूर्वक इन राज्यों की मतदाता सूची की जांच की है 👍। लेकिन मुझे लगता है कि यह भी सवाल उठता है कि चुनाव आयोग ने यह एसआईआर पहले चरण की सफलता के बाद ही उठाया है, या क्या इससे पहले भी ऐसे कई राज्यों में मतदाता सूची की जांच हुई थी 🤔। और भाई, यह सवाल हमेशा उठता रहेगा, लेकिन मुझे लगता है कि चुनाव आयोग ने अच्छी तरह से जांच की है, तो फिर इससे पहले क्या बदल गया था ? 🤷‍♂️
 
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