राहुल गांधी ने पूछा- 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां हैं?:बिहार जाने वाली ट्रेनों में लोग छतों तक लटके, ये NDA की धोखेबाजी का सबूत

राहुल गांधी ने कहा है कि 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां हैं, लेकिन सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। रेल मंत्रालय ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक देश भर में 12,000 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट जारी की थी, लेकिन अब तक कुल 11,865 ट्रिप (916 ट्रेनें) नोटिफाई की गई हैं।
 
मैंने देखा तो ये 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां हैं? राहुल गांधी जी के दावे पूरी तरह से खोखले हैं! मुझे लगता है कि सरकार ने बस अपनी खुद की लिस्ट बनाई है। 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक तो कुल 11,865 ट्रिप नोटिफाई की गई है, लेकिन कहां हैं वो और 135 ट्रेनें? यह तो जहरीला खेल है!
 
अरे, ये राहुल गांधी का बहुत बड़ा मुद्दा है 🤔। सरकार को तो हमेशा दावा करना पड़ता रहता है, और फिर लोगों को साबित करने की जिम्मेदारी दिलाई जाती है। लेकिन यहाँ राहुल गांधी ने कहा है कि 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां हैं, लेकिन सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है, और हमें इसकी जाँच करनी चाहिए। शायद सरकार ने गलत आंकड़े दिए होंगे, या फिर कुछ लोग गलती कर गए होंगे। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सच्चाई प्रकट हो।
 
ये दावे कितने मजाक हैं! सरकार को अपने बोलों पर मौन मेला कर लेना चाहिए। 935 वाली तो कहाँ से गुजरींगी? 🚂😒
 
बिल्कुल सही तो यही बात है! 🙄 सरकार के दावों से चिंतित हूँ। मुझे लगता है कि इन 11,865 ट्रिप्स में से कहीं भी जास्ती नहीं हुई होगी। रेल मंत्रालय ने इतनी ज्यादा स्पेशल ट्रेनों को लिस्ट करने का इरादा तो था, लेकिन अभी तक वे अपने दावों को सच बनाने में असफल रहे। यही नहीं, सरकार ने इतने लोगों को रोजगार प्रदान करने का भरोसा किया है, लेकिन अब तो क्या हुआ? 🤔 हमें उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वे अपने दावों से मिलकर आएंगे। #स्पेशलट्रेन #सरकारद्वारखोखलेसाबित
 
मेरे दोस्तों अगर हम बात कर रहे हैं तो ये सरकार का दावा कैसे सच नहीं हो सकता? जानबूझकर झूठ बोलना अच्छा नहीं है, मुझे लगता है कि यह एक बड़ा नुकसान है। हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए और सरकार की बातों पर सही से सोचना चाहिए। अगर हम अपने देश की सच्चाई को नहीं पहचानते हैं तो कैसे हम अपने भविष्य को बना सकते हैं? 🤔

मेरी बात है कि सरकार को खुलकर जवाब देना चाहिए और अगर उन्होंने कुछ गलत कहा है तो उसे सुधारना चाहिए। हमें अपने नेताओं को सही से समझने की जरूरत है और उनके द्वारा किये जाने वाले काम की गिनती करनी चाहिए। अगर हम एक-दूसरे को गलत मानकर आगे बढ़ते हैं तो हमेशा अपने देश की विकास के लिए पीछे रहते रहेंगे। 🚫
 
मुझे लगता है कि सरकार को अपने दावों को साबित करने में थोड़ा परेशानी हो रही है। 12,000 स्पेशल ट्रेनें जैसा बोलते हैं लेकिन वाकई तो कितनी हैं? यार, यह सरकार की चाल है कि हमें आश्वासन दिया जाए और फिर कुछ नहीं होता। मुझे याद आता है जब देश में सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू हुई थी, लेकिन समय बीतती गई और कोई भी प्रगति नहीं हुई। यही लगता है, सरकार को अपने वादों पर ध्यान देना चाहिए, न कि सिर्फ जंग में गले लगाए रखना। 🤔
 
मुझे यह तो दिलचस्प है कि राहुल गांधी जी ने सरकार के खिलाफ यह बात कही है। लेकिन मैं सोचता हूँ कि क्या वास्तव में सभी 12,000 स्पेशल ट्रेनें सचमुच चल रही हैं? रेल मंत्रालय ने इतनी बड़ी संख्या में लिस्ट जारी करने का क्यों काम किया? और अब तक कितनी ट्रिप्स नोटिफाई की गई हैं, इसकी पूरी जानकारी कैसे हमें मिल रही है? तो फिर दावों से दावे में फर्क किसने बताया?
 
मुझे लगता है कि सरकार को अपने दावों से पहले अच्छी तरह से योजना बनानी चाहिए। 11,865 ट्रिप कितनी हैं? यह तो थोड़ी कम है। मुझे लगता है कि रेल मंत्रालय ने यह संख्या बढ़ाने के लिए कुछ बदलाव करने की जरूरत है, फिर अच्छी तरह से योजना बना कर चलाना चाहिए।

मैंने देखा है कि पीएम मोदी जी ने एक बार कहा था कि भारत में 1,00,000 स्पेशल ट्रेनें चलानी चाहिए। यह तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन अगर सरकार अपने दावों से पहले योजना बनाती है, तो हमें और अच्छी सुविधाएं मिल जाएंगी।
 
अरे, यह तो बहुत अजीब लग रहा है... सरकार कहती है कि देश में 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलाए जा रही हैं, लेकिन क्या सच्चाई कितनी बड़ी है? रेल मंत्रालय ने दावा किया था कि 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक देश भर में यह स्पेशल ट्रेनें चलाए जाएंगी, लेकिन अब तक हमारे पास केवल 11,865 ट्रिप्स ही नोटिफाई हुई हैं। यह तो बिल्कुल नहीं सही है... सरकार को अपने दावों का जवाब देने में कमजोरी दिख रही है।
 
मैंने देखा है कि राहुल गांधी जी ने बोले हैं, लेकिन मुझे लगता है वो सही नहीं कह रहे हैं। 12,000 स्पेशल ट्रेनें कहां चल रही हैं? सरकार ने दावा किया था, लेकिन अब तक कुल ट्रिप्स ज्यादा हुए हैं, इससे लगता है कि वो खोखले साबित हो गए हैं। मुझे लगेगा अगर सरकार तो सच्चाई बताती।
 
बिल्कुल सही कहा जा रहा है स्पेशल ट्रेनों के बारे में, यह तो सरकार की दावे की जगह हमें सच्ची जानकारी मिलती है। 11,865 ट्रिप नोटिफाई हुई है, लेकिन 12,000 से भी कम हैं तो कहीं ऐसा नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि सरकार ने अपने दावों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया है, जैसे कि हमेशा करते हैं।

मेरी रेलवे टिकटें भी तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार ने अपनी स्पेशल ट्रेनों पर भी ऐसा ही किया है। मैं उनको ट्रैक रखना चाहता हूं, जैसे कि यूपीआई ने शुरू किया था, लेकिन उन्हें भी ऐसी सुविधाएं देने की जरूरत है।

मुझे लगता है कि सरकार को अपने दावों पर सच्चाई दिखानी चाहिए, ताकि हमें विश्वास हो।
 
मुझे यह देखकर बहुत उदास हुआ, सरकार की बातें सच्ची नहीं हैं तो क्या हमें उम्मीद करनी चाहिए? मेरा संदेह है कि ये 11,865 ट्रिप वास्तव में कितनी हैं, और फिर भी ये सरकार हमें दिलासा देती रहती है। मुझे लगता है कि सरकार को अपने दावों से ज्यादा ईमानदारी दिखानी चाहिए, खुद तय कर लें कि आप कहां पर हैं और आपके पास कितनी स्पेशल ट्रेनें हैं। मुझे लगता है कि अगर सरकार सच्चाई दिखाती है, तो हमें उसकी ओर से विश्वास करने की जरूरत नहीं है। 🤔
 
राहुल गांधी के बोलों से तो सरकार को बहुत बड़ा झटका लग गया, लेकिन यह सवाल उठता है कि 12,000 स्पेशल ट्रेनें वास्तव में कहां हैं? रेल मंत्रालय ने इतनी बार दावा किया था और तो इतना बड़ा झोलमाल कर लिया था, लेकिन अब तक कितनी यात्राएं हुई हैं, इसका खुलासा सरकार नहीं कर रही। मुझे लगता है कि यह एक बड़ी छलाकी है, और हमें इस पर सावधान रहना चाहिए।
 
तो फिर क्या लोग खुद से गन्दी बातें करते हैं? सरकार के दावों पर सवाल उठाना ठीक है, लेकिन 12,000 ट्रेनों की बात करने से पहले खुद को अच्छी तरह से जानते हैं। लगता है कि सरकार ने थोड़ा गिनती में ध्यान खो दिया है। 🙄

किसी को भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि सरकार के दावों पर पूरा विश्वास किया जाए। लेकिन फिर भी, हमें आशा रखनी चाहिए कि सरकार अपने दावों को सही साबित करेगी। लेकिन अब तक, यह साबित नहीं हुआ है। 😐

क्या इस बात पर विचार करना चाहिए कि 12,000 ट्रेनों में से 135 ट्रेनें दिल्ली-मुंबई मार्ग पर चलती हैं। लगता है कि सरकार ने ध्यान रखा थोड़ा कम से फिर गया।
 
राहुल गांधी के दावे सुनकर मुझे खुदसे आश्चर्य हुआ। सरकार ने कहा था 12,000 स्पेशल ट्रेनें, लेकिन अब तक केवल 11,865 ट्रिप्स नोटिफाई की जा रही हैं। यह तो बहुत गंभीर बात है। रेल मंत्रालय को अपने दावों पर फिर से विचार करना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि सरकार की गणना सही नहीं हो सकती है, जैसे स्टेशनों और ट्रेनों की संख्या में कुछ अंतर बन रहा है। यह देखकर थोड़ा परेशान हुआ, तभी विचार आया कि क्या पुलिस ने ये सूची बाहरी लोगों से भी संभालती है?
 
मुझे लगता है कि सरकार द्वारा दी जाने वाली झूठी बातें हमेशा ही हमारे पैसे और समय को बर्बाद करती रहती हैं। यह तो साफ़ है कि 12,000 ट्रेनों का दावा बड़ा ही मोहक था, लेकिन सच्चाई तो हमेशा अलग सीट पर बैठती है। 🤔

मेरा मन है कि सरकार को अपने दावों को सत्यापित करने के लिए थोड़ी और प्रयास करना चाहिए। अगर वे सच्चाई बताना चाहते हैं तो उन्हें पहले से ही इस बात पर जोर देना चाहिए कि हमारे देश में कितनी ट्रेनें चल रही हैं, और उसके लिए हमने कौन-कौन से प्रयास किए हैं। 🚂

लेकिन फिर भी, मुझे लगता है कि सरकार को अपने दावों को कम करना चाहिए, न कि बड़ा करना। अगर वे सच्चाई बताना चाहते हैं तो उन्हें अपनी गलतियों पर खुलकर स्वीकार करना चाहिए और अपने प्रयासों को बढ़ाना चाहिए। 💪
 
मैंने देखा है कि रेल मंत्रालय ने कहा है कि 12,000 स्पेशल ट्रेनें हैं, लेकिन वास्तविकता तो और भी खराब है। अब तक कुल 11,865 ट्रिप नोटिफाई हुई है, जिसका मतलब यह है कि कहीं से भी ये ट्रेनें नहीं आईं। मुझे लगता है कि सरकार के दावे हैं और वास्तविकता अलग है। मैं संदेह करता हूं कि ये ट्रेनें कहां से आएंगी और कैसे आएंगी।
 
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