नितिन गडकरी के कार्यक्रम में 2 महिला अधिकारियों में झगड़ा-VIDEO:सोफे पर बैठने के लिए विवाद, एक ने दूसरी को कोहनी मारी-चिकोटी काटी

नागपुर में रोजगार मेले के दौरान एक घटना हुई जिसमें महिला अधिकारियों के बीच झगड़ा हुआ। इसमें देखा गया कि एक महिला अधिकारी दूसरी को कोहनी से धक्का मारती है और चिकोटी भी काटती है।

इस घटना में शामिल थीं डाक विभाग की पोस्टमास्टर जनरल (पीजीटी) शोभा मधले और नवी मुंबई से नागपुर की पीजीटी सुचिता जोशी। दोनों अधिकारियों के बीच पोस्टमास्टर जनरल पद पर ट्रांसफर होने के विवाद को लेकर झगड़ा चल रहा था।

वीडियो में देखा गया कि रोजगार मेले के दौरान मधले ने जोशी से पूछताछ करने की कोशिश करते हुए सोफे पर बैठने के लिए कहा, लेकिन जोशी ने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया। इस मौके पर मधले ने जोशी को पीटा और उसकी चिकोटी भी।

इस अशोभनीय हरकत के बाद गडकरी और उनके साथ मौजूद अन्य व्यक्ति इसके बारे में सोशल मीडिया पर चर्चा करने लगे। इस घटना ने सरकारी कर्मचारियों के बीच मारपीट के मामले को फिर से उजागर किया।

इस घटना से पहले, हेड मास्टर और ट्रांसफर के नाम पर पैसे मांगने वाले कर्मचारी के बीच भी मारपीट हुई थी। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के कोरबा में ठेका कंपनी के सुपरवाइजर और कर्मचारियों के बीच भी मारपीट हुई।

इन घटनाओं ने सरकारी कर्मचारियों के बीच मारपीट की समस्या को उजागर किया है, जिसका समाधान कैसे किया जाए, यह एक बड़ी चुनौती है।
 
मेरे दोस्त, यह घटना तो बहुत शर्मिंदगी की बात है! क्योंकि जब भी कोई ऐसी घटना होती है, तो हमारे समाज में एक अलग से डर फैल जाता है। और इसका नतीजा हमारी सरकारी कर्मचारियों के बीच मारपीट होने वाली समस्या है जो बहुत गंभीर है।

मुझे लगता है कि ये सभी समस्याओं का समाधान सिर्फ हमारे शिक्षकों को ही नहीं, बल्कि हमें भी मिलकर करना होगा। हमें अपने स्कूल में एक अच्छी और सकारात्मक वातावरण बनाना होगा, जहां सभी बच्चे खुश-खुश रह सकें।
 
Wow 😱 यह देखकर मन में आश्चर्य हुआ कि सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर जनरल शोभा मधले ने अपने पद से ट्रांसफर के विवाद को लेकर दूसरी महिला अधिकारी पर कैसे आक्रामक हरकत की। इससे भारतीय कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर बात करने में साहस ही बढ़ जाएगा।
 
शायद ये घटना तो सरकार से दूर भी हुई है और अब पुलिस में ही निचोड़ लेनी चाहिए। इससे हम समझते हैं कि ऐसी घटनाओं को निपटने के लिए जरूरी है सरकारी कर्मचारियों को सिखाना कि वे अपने प्रदर्शन में शांति बनाए रखें।

पर, याद रखें, हमें सोच-समझकर यह भी कहा जाना चाहिए कि जब तक पैसे का मुद्दा न हो, तब तक ऐसी किसी भी घटना को नहीं देखना चाहिए।
 
मैंने भी ऐसी बातें कभी नहीं सोची, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकारी कर्मचारियों में बदलाव की जरूरत है, जैसे उन्हें नियमों का पालन करने की टिप्पणी करनी चाहिए, फिर भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।
 
नागपुर में हुई इस घटना से बहुत दुख हुआ। लेकिन हमें इसके बाद कुछ सीखने को भी मिल सकता है 🤔। अगर यह घटना ऐसी नहीं होती, तो शायद नागपुर में रोजगार मेले पर कोई भी प्रकार की समस्या नहीं होती। हमें यह सोचकर भी बहुत अच्छा लगेगा कि अगर हम सभी एक दूसरे के साथ सहयोग करें, तो कुछ ऐसा न होता।

अब इसके बाद, सरकारी कर्मचारियों के बीच मारपीट की समस्या का समाधान कैसे किया जाए, यह हमें सोचने पर मजबूर कर देता है 💡। शायद इस समस्या का समाधान निकालने के लिए, हमें सभी कर्मचारियों के बीच एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और समझ को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।

इसलिए, मुझे लगता है कि अगर हम सभी एक दूसरे के साथ सहयोग करेंगे, तो ये समस्या हल हो सकती है। और अगर हम सरकारी पदों पर नियुक्ति पाने वाले लोगों को भी ऐसा ही समझाएंगे तो शायद इन सभी मामलों में सुधार हो सकेगा।
 
बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है! यह बात समझ नहीं आती है कि क्यों ऐसी गलती कर रहे हैं। पोस्टमास्टर जनरल पद पर ट्रांसफर होने का विवाद तो फूट-फूटकर चल रहा था, लेकिन इससे कुछ भी नहीं मिलता। यह तो दूसरों के सामने अपने गुस्से निकालने की बात है। क्या उन्हें पता था कि उनकी इस हरकत से कितनी गलती कर रहे हैं?
 
अरे, ये तो बहुत ही सोच-विचार करने वाला मामला है 🤔। सरकारी कर्मचारियों के बीच मारपीट की समस्या को देखने पर लगता है कि यह न केवल एक छोटी घटना है, बल्कि इसके पीछे कई जटिल कारण भी हो सकते हैं। हमें अपनी संस्थाओं और पदों पर खड़े रहने की जरूरत है, न कि दूसरे व्यक्ति के खिलाफ बैठने की।
 
मुझे ये घटना बहुत दुखद लगती है 🤕। हमें सरकारी कर्मचारियों के बीच सौहार्द और सम्मान को लेकर बात करनी चाहिए। इन महिला अधिकारियों के बीच झगड़े को खत्म करने के लिए एक मंच बनाने की जरूरत है, जहां वे अपने समस्याओं को संवाद कर सकें। पुरुष और महिला दोनों कर्मचारियों को समान अवसर और सम्मान देने की जरूरत है। हमें इन मारपीट के मामलों को लेकर सच्चाई बाहर निकालने की जरूरत है और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
 
कई वर्ष से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं और उनका समाधान नहीं मिल पाया। शायद अगर सरकार कर्मचारियों को अच्छे बीमार्य लाभ और नौकरी की स्थिरता देती, तो इन जगहों पर भी ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। हमें सरकारी कर्मचारियों का सहयोग करना चाहिए और उनकी समस्याओं को समझना चाहिए। 🙏
 
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