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 । यह सुनकर अच्छा लगता है कि अदालत ने पहले उन्हें बरी कर दिया था, क्योंकि उस समय पर्याप्त सबूत नहीं थे। आज तो ऐसा लगता है कि पुलिस और पीड़ित की सुरक्षा के लिए कुछ अच्छा बदलाव आया होगा। मुझे यकीन नहीं है कि चंपा साहब ने सब सच कहा था, लेकिन अब तो उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे पीड़ित और उनकी परिवार को कुछ आराम मिलेगा। इसकी दुनिया में भी ऐसी कई कहानियाँ हैं जहां सबूतों की कमी में सच बूझ निकलता है।
। यह सुनकर अच्छा लगता है कि अदालत ने पहले उन्हें बरी कर दिया था, क्योंकि उस समय पर्याप्त सबूत नहीं थे। आज तो ऐसा लगता है कि पुलिस और पीड़ित की सुरक्षा के लिए कुछ अच्छा बदलाव आया होगा। मुझे यकीन नहीं है कि चंपा साहब ने सब सच कहा था, लेकिन अब तो उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे पीड़ित और उनकी परिवार को कुछ आराम मिलेगा। इसकी दुनिया में भी ऐसी कई कहानियाँ हैं जहां सबूतों की कमी में सच बूझ निकलता है। । पहले तो उन्हें 1998 में गिरफ्तार कर लिया गया था, और फिर अदालत में उनकी पत्नी हेमलता यादव को भी बरी कर दिया गया था। यह सब सुनकर लगता है कि न्याय प्रणाली में कुछ गलत हुआ है।
। पहले तो उन्हें 1998 में गिरफ्तार कर लिया गया था, और फिर अदालत में उनकी पत्नी हेमलता यादव को भी बरी कर दिया गया था। यह सब सुनकर लगता है कि न्याय प्रणाली में कुछ गलत हुआ है। 
 चंपा बिस्वास ने पहले अपनी पत्नी पर आरोप लगाया, लेकिन तब अदालत में साबित करने के लिए इतनी मुश्किल थी, आज उनकी पत्नी को बरी कर दिया गया... यह तो समाज की मूर्खता है
 चंपा बिस्वास ने पहले अपनी पत्नी पर आरोप लगाया, लेकिन तब अदालत में साबित करने के लिए इतनी मुश्किल थी, आज उनकी पत्नी को बरी कर दिया गया... यह तो समाज की मूर्खता है  अब तो यह देखकर खेद होता है कि वे दोनों कैसे गुजरिए।
 अब तो यह देखकर खेद होता है कि वे दोनों कैसे गुजरिए।
