चक्रवात ‘मोंथा’ के कारण रेलवे ने 43 ट्रेनें कीं रद्द, यहां देखें पूरी लिस्ट

चक्रवात ‘मोंथा’ ने रेलवे पर अपना प्रभाव डाला, 43 ट्रेनें कीं रद्द। सोमवार को रवाना होने वाली किरंदुल एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। इसके अलावा, मंगलवार को रवाना होने वाली विशाखापत्तनम-किरंदुल एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 18515) और किरंदुल एक्सप्रेस-विशाखापत्तनम (ट्रेन संख्या 18516) दोनों को भी रद्द कर दिया गया।

चक्रवात 'मोंथा' ने कई पहाड़ी इलाकों में अपना प्रभाव डाला, जिसके कारण कई ट्रेनें रद्द होने पर मजबूर हुईं। रेलवे ने इस चक्रवात के कारण 43 ट्रेनें कीं रद्द कर दी हैं। इससे पहले, सोमवार को रवाना होने वाली किरंदुल एक्सप्रेस को भी रद्द कर दिया गया था।

इसके अलावा, मंगलवार को रवाना होने वाली विशाखापत्तनम-किरंदुल एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 18515) और किरंदुल एक्सप्रेस-विशाखापत्तनम (ट्रेन संख्या 18516) दोनों को भी रद्द कर दिया गया। रेलवे ने इन सभी ट्रेनों को रद्द करने का फैसला इस चक्रवात 'मोंथा' के कारण किया है।
 
अरे, ये मॉन्था वाला चक्रवात तो बस इतना नहीं कहें, यह लोगों को भी खेलने देता है! 43 ट्रेनें रद्द करना? यह तो बस एक नई गेम ऑफ चैंपियन्स है! 😂 किरंदुल एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी प्रभावित हुईं, यार फिरे मॉन्था कितना खतरनाक है! लेकिन तो यह सुनिश्चित है, रेलवे ने अच्छा काम किया, न कि चिंतित होने की जरूरत!
 
🌪️ यार, चक्रवात मोंथा से ट्रेनें रद्द हो जानी नाहीं अच्छी बात है 🙏। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मैं उम्मीद करता हूँ कि चक्रवात जल्द ही अंदर जाए और सब ठीक हो जाए। 😊
 
बड़ा बुरा हुआ है ये चक्रवात... मैं अपने घर से बाहर नहीं जा पाया। रेलवे पर भी ट्रेनें रद्द हो गईं, लोगों का बहुत नुकसान हुआ होगा। मैं अपने परिवार को सुरक्षित रखूँगा, लेकिन दूसरों की जिंदगी कैसी होगी, यह नहीं पता।
 
अरे, ये सच में बहुत ही दुर्भाग्य की बात है... चलने-फिरने का आसानी से नहीं होना चाहिए। कोई भी चक्रवात का मौसम तैयार न करे। यह तो मेघालय जैसे इलाकों में अच्छा लगता है, लेकिन दिल्ली या राजस्थान जैसे बड़े शहरों में तो कुछ और सावधानी बरतनी चाहिए।
 
नाराज़ मैं हूँ, 43 ट्रेनें रद्द कर दीं गईं। किरंदुल एक्सप्रेस सोमवार को नहीं चल पाई, फिर भी याद रखिए कि कुछ लोग किरंदुल में राहगिरोह के बारे में बात कर रहे थे। और फिर इन ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। मैंने यह पढ़ा है कि ये चक्रवात बहुत गंभीर था, लेकिन क्या इसीलिए 43 ट्रेनें रद्द कर दी गईं?
 
बड़ा बड़ा चक्रवात आ गया है 🌪️, इससे पहले सोमवार को किरंदुल एक्सप्रेस निकलने वाली ट्रेन को भी रद्द कर दिया गया था। अब मंगलवार को भी कई ट्रेनें रद्द होने पर मजबूर हुईं। यह चक्रवात बहुत खतरनाक है और हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। चलो, कोई नए गेम खेलें या एक अच्छा फिल्म देखें, रेलवे प्रेसिडेंट को चक्रवात के बारे में नहीं पता है, ऐसा कहने की जरूरत नहीं।
 
चक्रवात के बाद ट्रेनें कितनी देर तक जल्दी चलने वाली थीं? ऐसा लगता है कि रेलवे ने खुद ही उन्हें धीमा कर दिया है। शायद सबको सुरक्षित रखने की जरूरत है, लेकिन इससे पास और आगे के शहरों के लोगों को भी परेशान होने का मौका मिलता है।
 
क्या यह सच में चक्रवात 'मोंथा' का प्रभाव इतना जोरदार है? पहले मैंने सोचा था कि यह तो बस एक फिल्म की तरह ही, लेकिन लगता है वास्तविकता भी ऐसी ही है। रेलवे पर 43 ट्रेनें रद्द होने की बात सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ। तो ये सचमुच चक्रवात 'मोंथा' ने अपना प्रभाव डाला है और लोगों की जान बचाने के लिए रेलवे ने इन ट्रेनों को रद्द कर दिया है। मुझे लगता है कि इस चक्रवात से हमें सावधान रहना चाहिए और अपने घरों की सफाई करनी चाहिए, जैसा कि शाहरुख खान ने फिल्म 'चकदेवी' में कहा था। 🌨️💨
 
तो यार, मैंने क्या पढ़ा? 43 ट्रेनें रद्द होने पर मजबूर हुईं और सबसे बड़ी बात यह है कि इन सभी ट्रेनों को रद्द करने के लिए कुछ सोचकर नहीं किया गया। मुझे लगता है कि अगर उन्हें थोड़ा सा समय दिया जाता, तो वे इस चक्रवात से निपटने में सफल होते। लेकिन फिर भी, रेलवे की प्लानिंग और व्यवस्था अच्छी नहीं लग रही।

मुझे लगता है कि ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करने पर हमें अपने भविष्य के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं। अगर सबकुछ सही तरीके से निकले, तो यह समस्या हल हो जाएगी। लेकिन अगर ऐसा हुआ, तो हमें फिर से इसे उठाने की जरूरत होगी।
 
क्या ये नया सामान्य है कि हर बार चक्रवात आने पर हमें अपनी यात्राएं रोकनी पड़ती हैं? मेरी याद आती है जब मैं बचपन में था, तो कभी-कभी चक्रवात आने पर रेलवे स्टेशनों पर बैठकर दादी-दादाजी के साथ ट्रेनों का इंतजार करते। हमें वहाँ से खाना भी खाया जाता, और ट्रेनों को देखते हुए एक दूसरे से बातें करते। अब तो यह सभी चीजें बहुत बदल गई हैं...
 
मोंठा चक्रवात तो वास्तव में एक बड़ा मादक बन गया है! पहले यह चक्रवात बस हमारी सड़कों पर चलने लगा, अब यह रेलवे तक पहुंच गया है और तेजी से अपना प्रभाव फैलाने लगा है। 43 ट्रेनें किनमुन्ने रद्द कर दीं? वाह! मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक चक्रवात इतना शक्तिशाली हो जाएगा!

तो अब रेलवे पर चलने से पहले हमें सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। मोंठा चक्रवात तो बस एक प्रेरणा है कि हमें अपने घरों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए और फंसने से बचने के लिए तैयार रहना चाहिए। चलो, मैं भी अपने घर को अच्छी तरह से बांधकर रखूंगा! 😊
 
चलो, यह तो बहुत स्पष्ट है कि चक्रवात 'मोंथा' ने एक बार फिर से अपना प्रभाव दिखाया है। 43 ट्रेनें रद्द करना भी सही था, नहीं? मैंने सोचा था कि रेलवे अधिकारी पहले से ही चक्रवात की भविष्यवाणी कर लेते हैं और इसी तरह की ट्रेनें रद्द कर देते हैं। लेकिन फिर भी, कई गाइडेंस और अलर्ट जैसे विकल्प मिलते हैं, जो कि सुरक्षित यात्रियों के लिए बहुत जरूरी है। मैं खुश हूं कि रेलवे ने पहले से यह तैयारी कर ली थी, अब कुछ भी गलत नहीं होगा।
 
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