ASEAN Summit: 'आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ', पीएम मोदी ने सम्मेलन को वर्चुअली किया संबोधित

आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ, पीएम मोदी ने सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा, "आसियान परिवार के साथ फिर एक बार मुझे जुड़ने का मौका मिला है। मुझे बहुत खुशी हो रही है." पीएम ने कहा, "समावेशीपन और स्थिरता इस वर्ष के आसियान शिखर सम्मेलन के विषय हैं। हम साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

पीएम ने मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को बधाई दी, जिन्होंने मुझे आसियान परिवार में शामिल होने का अवसर दिया। उन्होंने कहा, "भारत और आसियान मिलकर विश्व की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम न केवल भूगोल साझा करते हैं, बल्कि गहरे ऐतिहासिक संबंधों और साझे मूल्य के जोड़ से जुड़े हुए हैं। हम वैश्विक दक्षिण का हिस्सा हैं।

पीएम ने कहा, "आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ है। भारत ने हमेशा आसियान की केंद्रीयता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन किया है। अनिश्चितता के इस दौर में भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत हुई है। हमारी मजबूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास का आधार बनकर उभर रही है।"

पीएम ने थाईलैंड की राजमाता के निधन पर जताया शोक। उन्होंने कहा, "थाईलैंड की राजमाता के निधन पर मैं सभी भारतवासियों की ओर से थाईलैंड के राज परिवार और जनता के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।"
 
🤔 आजकल आसियान शिखर सम्मेलन के बारे में बहुत बातें हो रही हैं। मुझे लगता है कि भारत और आसियान के बीच के संबंध बहुत मजबूत हैं और भविष्य में भी और अधिक महत्वपूर्ण होंगे। 🤝 प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में आसियान परिवार के साथ फिर एक बार मुझे जुड़ने का मौका मिला है, यह बहुत अच्छी बात है। 🌟

मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने आसियान और भारत के बीच के साझेदारी पर बहुत अच्छा विचार दिया है। हमारी रणनीतिक साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास का आधार बनकर उभर रही है, यह बहुत अच्छा है। 🌎 मुझे लगता है कि भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत हुई है।

मैं आशा करता हूं कि आसियान शिखर सम्मेलन के बाद हमें और अधिक साझेदारी और सहयोग मिलेगा। 🤞 प्रधानमंत्री जी ने थाईलैंड की राजमाता के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की, यह बहुत अच्छी बात है। 💔
 
क्या पीएम मोदी ने आसियान परिवार को धोखा दिया है? 🤔 एक्ट ईस्ट नीति तो ही नहीं, बल्कि आसियान के लिए भारत के बिना औरंगजेब की तरह चलने वाला सरकार है! 😂

मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने मुझे आसियान परिवार में शामिल होने का अवसर दिया, लेकिन क्या वास्तव में भारत-आसियान संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है? या फिर बस अपनी हिंद-प्रशांत नीति पर चलने की कोशिश कर रहा है? 🤷‍♂️

पीएम मोदी ने कहा है कि भारत और आसियान मिलकर विश्व की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन क्या वास्तव में हमारी साझेदारी वैश्विक दक्षिण का हिस्सा बनकर उभर रही है? या फिर बस एक पलक बाला सिद्ध हो रही है? 👀
 
🙏 मेरा विचार है कि आसियान शिखर सम्मेलन को निगरानी में रखना एक अच्छा कदम है। पीएम मोदी ने बहुत सही कहा कि भारत और आसियान मिलकर विश्व की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे देश और आसियान के देशों के बीच बहुत गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं और हमें मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

लेकिन मेरी खुशी नहीं है जब मुझे यह जानकर पता चलता है कि मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने आसियान परिवार में भारत को एक्ट ईस्ट नीति के साथ शामिल होने के लिए मजबूर किया। क्या यह सही था? हमारी एक्ट ईस्ट नीति तो हमारे देश की स्वतंत्रता और समृद्धि को बनाए रखने में बहुत महत्वपूर्ण है।
 
मुझे लगता है कि आसियान सम्मेलन के बाद मैं फिर से मलयाली फिल्मों को देखना चाहूँगा, जैसे कि मुन्नू डेड मेरन। यह फिल्म तो बहुत ही मजेदार थी, और आमात्य प्रdea जैसी महिलाओं के साथ अच्छा ट्रेंड करता है।
 
बुरा हुआ की हम सब बिना मिलने भी फिर से एक दूसरे से जुड़ पाएं! 🤝 आसियान परिवार को एकजुट करने की बात तो बहुत अच्छी है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि सहयोग और समावेशिता केवल शब्दों में नहीं होती, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी इसका प्रदर्शन करना होगा।
 
मुझे लगता है कि आसियान की योजना बहुत ज्यादा बड़ी है, लेकिन क्या हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे पास इसके लिए पर्याप्त संसाधन हैं? मेरे खयाल से अगर हम अपनी आर्थिक स्थिति और टैक्टिकल कमजोरियों को सही ढंग से समझ लें, तो यह निश्चित रूप से फायदेमंद होगा, लेकिन अगर नहीं तो यह हमारे लिए खतरनाक भी हो सकता है 🤔
 
तो बात क्या है ? इस आसियान शिखर सम्मेलन में PM मोदी ने बहुत अच्छा भाषण दिया, लेकिन लगता है कि भारत वास्तव में आसियान परिवार की स्थिति को समझ नहीं पाई है। हम तो बस एक्ट ईस्ट नीति से भर जाते हैं और दुनिया को अपने आर्थिक लाभ की बात कर लेते हैं, लेकिन वास्तव में हमारी सरकार को समझने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमें यह सीखने की जरूरत है कि आसियान परिवार की स्थिरता और समावेशिता को लेकर हमें सचमुच सोचने की जरूरत है। 🤔
 
तो फिर आसियान सम्मेलन में भारत की उपस्थिति से देश को कितनी राहें खुली हुईं? 🤔 प्रधानमंत्री जी ने एक्ट ईस्ट नीति का बहुत बड़ा जोर दिया, हमारे देश की इस नीति को आगे बढ़ाने में भारत को आसियान परिवार के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिल रहा है। यह बहुत अच्छा है 🤝
 
अरे, आसियान शिखर सम्मेलन के बाद भी मुख्यमंत्री ने मुझे कहा 🤔, "आसियान परिवार के साथ फिर एक बार मुझे जुड़ने का मौका मिला है"। तो आसियान शिखर सम्मेलन कितना महत्वपूर्ण है? 😊

मालेज़ियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को बधाई देने जा रहे थे, लेकिन क्या उन्हें भारतीय नागरिकों की बात कहकर याद किया गया? 🤷‍♂️

प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान परिवार को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया, लेकिन क्या हमें यह नहीं पता है कि आसियान कितने विविध हैं? 🤔
 
भारत को आसियान में फिर से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला है ... 🤝🏽 [https://www.ndtv.com/india-news/pm-...speech-asian-leaders-meeting-virtual-2125319)

क्या सोचोगे कि पीएम मोदी ने मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की ...? 🤔 [https://www.dnainew.com/world/pm-na....com/world/pm-narendra-modi-malaysia/2474160)

आसियान परिवार में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका ... 🌟 [https://timesofindia.indiatimes.com...ias-chance-to-shine/articleshow/10722585.cms)
 
🤔 आसियान शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, हमारी एक्ट ईस्ट नीति को लेकर पीएम मोदी ने बहुत स्पष्टता दिखाई है। मुझे लगता है कि इस सम्मेलन से भारत और आसियान परिवार के बीच संबंध और मजबूत होंगे। मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने भी बहुत अच्छा काम किया, भारत को आसियान में शामिल होने का अवसर दिया। यह एक अच्छा संकेत है कि आसियान परिवार और भारत के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी बढ़ रही है। 🚀
 
भाई, यह तो बहुत ही अच्छी बात है कि पीएम मोदी ने आसियान परिवार के साथ फिर से जुड़ने का मौका मिला। लेकिन भाई, हमें याद रखना होगा कि आसियान परिवार में शामिल होने के लिए देश को पहले खुद तैयार होना होगा, नहीं तो यह सब मुश्किल ही होगा।
 
😐 आसियान का यह सम्मेलन बहुत अच्छा आयोजित हुआ, लेकिन मुझे लगता है कि हमें और भी ज्यादा प्रयास करना चाहिए ताकि हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें। आसियान परिवार के साथ हमें बहुत अच्छे संबंध बनाने की जरूरत है।
 
अरे भाई, यह तो बहुत अच्छी बात है कि पीएम मोदी ने आसियान सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिला। उन्होंने बहुत सारी महत्वपूर्ण बातें कही हैं। लेकिन फिर भी, यह सवाल उठता है कि पाकिस्तान और चीन को भी आसियान में शामिल करने पर विचार किया जाए। क्योंकि अगर हम वास्तव में एक्ट ईस्ट नीति का समर्थन करते हैं, तो दूसरे स्थानिक संबंधों को भी महत्व देना चाहिए।
 
नमूने के तौर पर मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री जी ने आसियान परिवार के साथ फिर से जुड़ने का अवसर लिया है। यह एक अच्छी बात है कि वे समावेशिता और स्थिरता को इस वर्ष के आसियान शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय बताया है।

मेरा अनुमान है कि प्रधानमंत्री जी ने यह तय कर लिया होगा कि भारत और आसियान अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कैसे काम करेंगे। इस तरह की योजनाएं बनाने में समय लगेगा, लेकिन यह अच्छा है कि वे अब पहले से ही तैयारी शुरू कर चुके हैं।

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