ASEAN Summit: 'आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ', पीएम मोदी ने सम्मेलन को वर्चुअली किया संबोधित

आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन में कहा। उन्होंने कहा, "आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ है।"

पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और आसियान मिलकर विश्व की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम न केवल भूगोल साझा करते हैं, बल्कि गहरे ऐतिहासिक संबंधों और साझे मूल्य के जोड़ से जुड़े हुए हैं। हम वैश्विक दक्षिण का हिस्सा हैं। हमारे बीच न केवल व्यापारिक संबंध हैं, बल्कि सांस्कृतिक संबंध भी हैं।'

इस दौरान पीएम मोदी ने मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और आसियान अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा, 'समावेशीपन और स्थिरता इस वर्ष के आसियान शिखर सम्मेलन के विषय हैं। यह विषय हमारे साझा प्रयासों में स्पष्ट रूप से दिखती है - चाहे वह डिजिटल समावेशन हो या वर्तमान चुनौतियों के बीच खाद्य सुरक्षा और लचीली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना।'

पीएम मोदी ने थाईलैंड की राजमाता के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, 'भारत और आसियान मिलकर विश्व की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम न केवल भूगोल साझा करते हैं, बल्कि गहरे ऐतिहासिक संबंधों और साझे मूल्य के जोड़ से जुड़े हुए हैं। हम वैश्विक दक्षिण का हिस्सा हैं। हमारे बीच न केवल व्यापारिक संबंध हैं, बल्कि सांस्कृतिक संबंध भी हैं। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ है।'
 
भाई भाई, यह तो बहुत अच्छी बात है कि पीएम मोदी ने आसियान शिखर सम्मेलन पर जोर दिया है। हमारे देश और आसियान देशों के बीच साझा प्रयासों पर जोर देना बहुत जरूरी है, खासकर डिजिटल समावेशन और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों को हल करना। लेकिन मुझे लगता है कि हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आसियान शिखर सम्मेलन में जो विषय शामिल हैं, उन्हें हमारे देश की आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों से जोड़ना चाहिए।

आज कल पीएम मोदी ने आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति को बहुत महत्व देते हुए कहा, लेकिन हमें यह भी समझना चाहिए कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ क्या है? क्या हमारे देश और आसियान देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध और साझे मूल्य के जोड़ पर ध्यान देना चाहिए?

मुझे लगता है कि हमें इस आसियान शिखर सम्मेलन में भी एक नई दिशा ढूंढनी चाहिए, ताकि हमारे देश और आसियान देशों के बीच साझा प्रयासों को और मजबूत बनाया जा सके।
 
मुझे लगता है की हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक सोच-समझकर काम करना चाहिए। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति में स्थिरता और समावेशिता की बात कही जा रही है, लेकिन हमें अपने विकास को इतने तेजी से नहीं करना चाहिए कि प्रकृति को नुकसान पहुंचे।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिखर सम्मेलन में बोलते समय, मुझे लगता है कि भारत और आसियान दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारे बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्ते बहुत मजबूत हैं, लेकिन भौगोलिक रूप से हमारा स्थान अलग-अलग है। मैं इस तरह की एक्ट ईस्ट नीति की प्रशंसा करता हूँ, जिससे हम आसियान देशों के साथ अपने बुनियादी मूल्यों और साझे विश्वासों पर आधारित संबंध बनाते हैं।
 
आसियान सम्मेलन में पीएम मोदी के बोल देखकर तो यह अच्छी बात है... लेकिन कुछ सवाल भी उठते हैं... एक्स्ट्रा क्षेत्र नीति से हम वास्तव में कहाँ जा रहे हैं? क्या यह बस ट्रेड और अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की बात है? आपने कहा, "समावेशीपन और स्थिरता इस वर्ष के आसियान शिखर सम्मेलन के विषय हैं..." लेकिन क्या हम वास्तव में यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे देश में सभी लोगों को समावेश मिलेगा? 🤔
 
मैंने देखा है कि पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन में भारत और आसियान के बीच मजबूत संबंधों पर जोर दिया है। यह बहुत अच्छा है कि हम एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं और विश्व की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि हमें भी अपने आसपास की दुनिया को समझने का प्रयास करना चाहिए और एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें अपने विचारों को साझा करने के लिए और एक दूसरे की समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए 🤝
 
आसमान में तेजी से बाढ़ के प्रभाव के बारे में खबर आ रही है... 🌨️ फिर भी, आसियान देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 1.2% से 0.8% तक घट गई है, जो कि बहुत ही चिंताजनक बात है।
 
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