Maharashtra की दिलचस्पी वाली महान नेता विठाबाई पाटिल 114 साल की उम्र में ही इस स्वर्गवास कर गईं। उनके परिवार के अनुसार, विठाबाई अपने परिवार के लिए एक आदर्श मॉडल थीं, जिन्होंने अपने जीवन में कई सकारात्मक पहल कीं।
विठाबाई ने अपने जीवन को खुशियों और दुखों से भरा हुआ बताया, लेकिन उनकी आखिरी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। परिवार के अनुसार, विठाबाई की याददाश्त तेज थी और वह रोजमर्रा के अपने कई काम खुद करती थीं। उनके छह बच्चे, छह बहुएं, पोते-पोतियां और परपोते-परपोतियां इस दुनिया से चले गए।
विठाबाई ने महाराष्ट्र में महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने के लिए कई संघर्ष किया, लेकिन उनकी निरंतरता और समर्पण ने उन्हें एक महान नेता बनाया।
विठाबाई की मृत्यु ने उनके परिवार और अनुयायियों को बहुत ही दुखी कर दिया है। लेकिन उनकी विरासत जीवित है और वह हमेशा हमें प्रेरित करेंगी।
विठाबाई ने अपने जीवन को खुशियों और दुखों से भरा हुआ बताया, लेकिन उनकी आखिरी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी। परिवार के अनुसार, विठाबाई की याददाश्त तेज थी और वह रोजमर्रा के अपने कई काम खुद करती थीं। उनके छह बच्चे, छह बहुएं, पोते-पोतियां और परपोते-परपोतियां इस दुनिया से चले गए।
विठाबाई ने महाराष्ट्र में महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने के लिए कई संघर्ष किया, लेकिन उनकी निरंतरता और समर्पण ने उन्हें एक महान नेता बनाया।
विठाबाई की मृत्यु ने उनके परिवार और अनुयायियों को बहुत ही दुखी कर दिया है। लेकिन उनकी विरासत जीवित है और वह हमेशा हमें प्रेरित करेंगी।