'हमें पता है, RSS की विचारधारा शामिल करेंगे', भाकपा ने पीएम श्री योजना रद्द करने की उठाई मांग

भाकपा ने पीएम श्री योजना रद्द करने की मांग, आरएसएस की विचारधारा को माफ़ नहीं करने पर पीछा किया।

अरे, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने सातवें दिन आज शनिवार (25 अक्टूबर, 2025) को वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के विरोध में सामने आए और समझौते को रद्द करने की मांग की।

भाकपा ने बताया है कि सरकार को समझौता ज्ञापन से पीछे हट जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'यह एक राजनीतिक मांग है कि राज्य सरकार पीएम श्री से पीछे हट जाए।' भाकपा ने केंद्रीय समिति के सदस्य प्रकाश बाबू ने कहा कि सरकार को समझौता ज्ञापन से पीछे हट जाना चाहिए।

भाकपा मंत्रियों ने पहले ही इस मुद्दे पर विरोध जताया था। उन्होंने कहा, 'शिक्षा मंत्री का यह बयान कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू नहीं की जाएगी, गलत है। पीएम श्री एमओयू में एनईपी का क्रियान्वयन पहली शर्त है.' उन्होंने कहा कि एमओयू को रद्द करने के प्रावधान हैं और इसे रद्द करने के लिए अन्य शर्तें भी बताई गई हैं।

केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार की ओर से केंद्र की प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को लेकर भाकपा ने विरोध किया है। भाकपा के मंत्री जे चिंचू रानी ने कहा कि पीएम श्री योजना पर राज्य मंत्रिमंडल में दो बार चर्चा हुई थी और भाकपा मंत्रियों ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि बाद में इसे कैसे आगे बढ़ाया गया और किसने समझौते पर हस्ताक्षर किए। हमारी पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक 27 अक्टूबर को होगी, जहां आगे का फैसला लिया जाएगा।'

भाकपा ने बताया है कि विरोध में उन्होंने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बारे में मीडिया के माध्यम से ही पता लगाया। उन्होंने कहा, 'हमने पहले ही स्पष्ट रूप से कहा था कि पीएम श्री योजना को लागू नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। हम इससे सहमत नहीं हैं।'
 
🤔 पीएम श्री योजना पर समझौता ज्ञापन लेने से पहले क्यों बात नहीं की गई? 🤷‍♂️ यह समझौता ज्ञापन मेरे लिए बड़ा विवादित है - राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू नहीं करने का मतलब कि हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी। 😕
 
अरे दोस्तों, यह समझौता ज्ञापन तो भाकपा की आर्थिक स्वतंत्रता और राष्ट्रीय एकता पर सवाल उधार लेता है। ये समझौता हमारे देश में विभाजन को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन आजकल सब तो आरएसएस की विचारधारा से सहमत होते हुए हैं। लेकिन भाकपा ने अपने अधिकारों और राष्ट्रीय एकता पर खड़े होकर समझौते को रद्द करने की मांग की है। यह हमें एक बात सिखाता है कि हमारे देश में विभाजन को कम करने के लिए हमें अपने अधिकारों और एकता पर मजबूत रहना चाहिए। 🚫💪
 
🤔 आज भाकपा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के विरोध में सामने आए, लेकिन यह सवाल है कि सरकार दोनों पक्षों की बातें सुनने क्यों नहीं कर रही है? 🤷‍♂️ क्या पीएम श्री योजना पर राज्य मंत्रिमंडल में दो बार चर्चा हुई थी, जैसे कि भाकपा ने कहा? 🤔 और सरकार तय करेगी कि क्या समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना ठीक है या नहीं? 💬
 
अरे, ये समझौता ज्ञापन तो सरकार द्वारा किसी भी तरह से पीएम श्री को लागू करने के लिए बनाया गया है, लेकिन भाकपा ने सही कहा है कि इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात है।

मुझे लगता है कि सरकार ने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले अच्छी तरह से जांच नहीं की, और भाकपा ने सही कहा है कि विरोध में उन्होंने समझौते पर हस्ताक्षर करने के बारे में मीडिया से पता लगाया।

अब, मुझे लगता है कि यह समझौता रद्द किया जाना चाहिए और इसके बजाय सरकार को एक नया समझौता तैयार करना चाहिए।
 
अरे, यह समझौता ज्ञापन पूरा तो फट जाएगा, भाकपा ने बिल्कुल सही कहा है। आरएसएस की विचारधारा से ऐसा समझौता करना राजनीतिक में सबसे बड़ा दुर्भाग्य है… 😒 किसने इतनी गलती कर ली, यह तो भारतीय जनता पार्टी ने अच्छा वादा नहीं किया। मुझे लगता है, यह समझौता ज्ञापन रद्द करना चाहिए, नहीं।
 
मैंने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने का विरोध इसलिए कर रहा हूं क्योंकि यह संघी राजनीतिका भावनाओं को बढ़ावा देता है 🤬। मुझे लगता है कि हमारी पार्टी ने सही समय पर समझौते की राह से हटनी चाहिए। क्या हमें सरकार को यह बताना पड़ेगा कि हम इसका विरोध कर रहे हैं? 🤔
 
मेरा फ़ेसलाइन है कि पीएम श्री योजना पर समझौता ज्ञापन रद्द करने की बात सचमुच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के लिए अच्छी सोच वाली नीति है। मैंने पहले भी कहा था कि इस योजना में आरएसएस की विचारधारा को माफ़ करने पर भाग नहीं लेना चाहिए।

अब जब भाकपा ने इसके खिलाफ विरोध किया है, तो मुझे लगता है कि यह एक अच्छा संकेत है। हमें सरकार को समझौता ज्ञापन पर सुनने की जरूरत है और पीएम श्री योजना को रद्द करने के लिए विरोध करना चाहिए।

हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस मुद्दे पर सरकार ने पहले से ही अपनी शर्तें बताई हैं, जैसे कि एमओयू को रद्द करने के प्रावधान और अन्य शर्तें।

अब यह देखना रोचक होगा कि सरकार भाकपा की बात मानती है या नहीं।
 
ਮैं ਤੱਕੀਏ, ਵਾਹ ਰਿਲੀਜ਼ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਇਸ ਨਾਲ ਬਿਨਾਂ ਟੈਡ ਆਉਣਾ ਹੈ। ਪਰ, ਮੈਂ ਯੂ ਕੀ ਡਰਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਇਸ ਸਭ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਰਾਜ ਸਰਕਾਰਾਂ ਲਈ ਮੁੱਖ ਚੁਣਿਆਂ 'ਚ ਇੱਕ ਹੋਰ ਮੁੱਦਾ ਉਠ ਸਕਦਾ ਹੈ।
 
अरे दोस्त, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के विरोध में बैठना भाकपा की स्थिति को देखकर अच्छा लगता है। लेकिन अगर सरकार तो पीएम श्री योजना को लागू नहीं कर रही है, तो इसका मतलब यह निकलता है कि हमें अपने बच्चों को जिस तरह की शिक्षा देनी है, वह मान्यता नहीं मिल रही है।
 
राजनीति में तो यही बात होती रहती है कि हर दिन नई-नई चीजें सामने आती हैं और लोगों को अपनी राय रखना पड़ता है।

मुझे लगता है कि पीएम श्री योजना पर विरोध करना अच्छा निर्णय था, खासकर जब सरकार ने यह सोचा था कि हम इससे सहमत होंगे। लेकिन भाकपा ने अपनी राय रखनी उचित किया।

मुझे लगता है कि कुछ लोगों ने विचार नहीं किए कि आरएसएस की विचारधारा हमारे देश को कहाँ ले जाएगी।

केरल में सरकार की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर करना एक बड़ा गलत फैसला था।
 
राज्य सरकार में यह समझौता ज्ञापन राजनीतिक ही राजनीतिक है और मुझे लगता है कि भाकपा से बात करते हुए समझना आसान है। उनकी बात सुनकर लगता है कि पीएम श्री योजना पर सरकार को वापस आना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को शामिल करने से नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि भाकपा की बात समझने की जरूरत है, क्योंकि यह एक राजनीतिक मुद्दा है जिस पर सरकार और विपक्षी दल के बीच बहस हो रही है। 🤔
 
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