तेजस्वी-राहुल BJP का तीखा हमला, कहा- संविधान बचाने की बात करने वाले अब रच रहे हैं साजिश

बीजेपी नेता गिरिराज मालवीय ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें राजद के एमएलसी कारी शोएब कहते नजर आ रहे हैं कि यदि महागठबंधन की सरकार बनी, तो वक्फ कानून को फाड़कर फेंक दिया जाएगा। इस बयान को आधार बनाकर मालवीय ने राजद पर संविधान के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया।

खगड़िया में राजद के एमएलसी कारी शोएब ने ऐलान किया कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बने, तो वे संविधान बदल देंगे और वक्फ कानून में संशोधन करेंगे। जैसे ही इस बयान की चर्चा हुई, मालवीय ने राजद पर आरोप लगाया कि ये लोग दिन-रात संविधान बचाने की बात करते हैं, वहीं उसको बदलने की साजिश रच रहे हैं।

मालवीय ने अपनी पोस्ट में कहा, "खगड़िया में शोएब ने यह बयान दिया है कि अगर तेजस्वी यादव बने तो वे संविधान बदल देंगे। ऐसा कहने के लिए क्यों? खगड़िया में बिहार का इतिहास है, जहां दलित, पिछड़ और आदिवासियों की जमीन पर हमला किया गया है।"

इस बयान से यह सवाल उठता है कि तेजस्वी यादव वाक्फ कानून में बदलाव करने के लिए तैयार हैं या नहीं। लेकिन मालवीय ने इस प्रश्न पर जवाब नहीं दिया।
 
मालवीय की बात सुनकर लगता है कि वो खगड़िया में बहुत ज्यादा जानते हैं 🤔। वहाँ दलित, पिछड़ और आदिवासियों की जमीन पर हमला किया गया, लेकिन ऐसा कहने से यह सवाल उठता है कि क्या तेजस्वी यादव वाक्फ कानून में बदलाव करने के लिए तैयार हैं? 🤷‍♂️

मालवीय ने भी राजद पर आरोप लगाया है, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने खगड़िया में कुछ गलत देखा होगा ⚠️। अगर वह इतनी ज्यादा बात कर रहे थे, तो शायद वो कुछ सच्चाई जानते हों। लेकिन फिर भी लगता है कि आरोप लगाना एक आसान चीज है, लेकिन सच्चाई दिखाना मुश्किल है 💡

आजकल राजनीति में इतनी ज्यादा झूठ बोलने की चिंता हो रही है 🙄। लोग अक्सर अपने विपक्षियों पर आरोप लगाते हैं, लेकिन कभी-कभी उन्हें अपनी खुद की सच्चाई भूल जाते हैं 🤦‍♂️
 
क्या बिल्कुल यह सही है? अगर तेजस्वी यादव वाक्फ कानून में बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं, तो फिर संविधान के खिलाफ साजिश कैसे कह दिया जाए? लेकिन अगर वे वाक्फ कानून में बदलाव करने की बात कर रहे हैं तो फिर यह भी सही नहीं है कि वे संविधान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

मालवीय ने खगड़िया की history ko show kar diya, lekin usse kuchh nahi change kiya. बिहार mein dalit, pichda aur adivasi ke liye kuchh badalna chahiye tha, par wahaan sab kuchh thik hai.
 
[Image of a confused face 😕]

[Image of a broken law book 📚💔]

[Image of a "Wanted" poster with Tेजस्वी यादव का चित्र 👮‍♂️]

[Teesh: तेजस्वी यादव को कानून तोड़ने वाला? 🤔]
 
ये तो बहुत ही गहरी और संवेदनशील बात है 🤔। अगर सरकार बनती है तो वाक्फ कानून को बदलने का मतलब यह भी है कि हमारे देश की नस्लीय और धार्मिक समृद्धि को खतरे में नहीं डालना चाहिए। लेकिन जैसे ही तेजस्वी यादव की ऐसी बातें आती हैं तो लगता है कि वे अपने इतिहास और दलित सामाजिक परिस्थितियों को याद नहीं करते।
 
क्या तेजस्वी यादव वाक्फ कानून को फाड़कर फेंकने का दमदार तरीके से समर्थन करेंगे? मुझे लगता है कि उनके पास यह राजनीतिक हथियार तैयार करने की क्षमता नहीं है। वाक्फ कानून को बदलने के लिए देशभर में बहस हो रही है, ऐसे में तेजस्वी यादव को अपनी राजनीति को संगठित करने की जरूरत होगी। इसके अलावा, खगड़िया में बिहार का इतिहास जैसा कुछ है तो उसके लिए यह बयान वाक्फ कानून को फाड़कर फेंकने का दमदार तरीका नहीं लगता।
 
नम से, यह बहुत ही चिंताजनक बयान है! शोएब जी का कहना कि अगर तेजस्वी बनेंगे तो संविधान बदल दिया जाएगा, यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि खगड़िया में बिहार का इतिहास इतना हिंसक नहीं रहा है, मुझे लगता है कि शोएब जी का बयान और भी गहराई में ली जा सकती है।
 
बात तो यह है कि भारत की संविधि बहुत बड़ी है, और उसमें बदलाव करना बहुत मुश्किल है। लेकिन अगर हम वाक्फ कानून के बारे में बात करते हैं तो लगता है कि यह एक बहुत ही जटिल समस्या है। अगर तेजस्वी यादव वाक्फ कानून में बदलाव करने के लिए तैयार हैं, तो शायद उन्हें इस बात पर और भी सोचने की जरूरत होगी।
 
तो यह तो बिल्कुल सही है कि जैसे ही एक बयान आता है, दूसरे तुरंत जवाब देने लगते हैं। लेकिन मालवीय का बयान थोड़ा और व्यस्त है। खगड़िया में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने से पहले यह सोच लीजिए कि भारत एक बहुत बड़ा देश है जहां हर जगह अलग-अलग समस्याएं होती हैं। लेकिन अगर तेजस्वी यादव वाक्फ कानून में बदलाव करना चाहते हैं, तो फिर उनको संविधान को समझना चाहिए। मालवीय ने बताया थोड़ा सही बात, लेकिन अगर उससे पूछा जाए तो यह सवाल उठता है कि वाक्फ कानून को बदलने से क्या फायदा होगा।
 
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