‘SIR कीजिए या FIR कीजिए, कुछ नहीं होने वाला’: एसआईआर पर सियासत तेज, जानें किसने क्या कहा

बात क्या है यह चुनाव आयोग की सुनवाई में इतनी तेजी? पहले चरण में शुद्ध हुई 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची, फिर तुरंत दूसरे चरण में एसआईआर शुरू करना? लगता है कि सब जल्दबाजी में हो रहा है, पर बीच में भी जांच नहीं हुई। चुनाव आयोग ने इतनी तेजी से क्यों लिया?
 
बात करें तो चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में एसआईआर की घोषणा की, लेकिन क्या यह जरूरी था? पहले चरण में बिहार में 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची शुद्ध हो गई, तो फिर चाहिए था कि दूसरे चरण में और भी जोरदार पुनरीक्षण करें।

क्या यह एसआईआर पहले चरण की सफलता के आधार पर ही हुआ या न? बाकी सब समझ में आता है, लेकिन चुनाव आयोग को सोच-समझकर रखना चाहिए। और राहुल गांधी जी का ट्विटर पोस्ट तो थोड़ा मजाकिया लग रहा है 🤣
 
मैंने सुना है कि चुनाव आयोग ने दूसरे चरण की एसआईआर की घोषणा की, जो 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगी। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा कदम है, लेकिन कुछ लोगों ने कहा है कि यह पहले चरण की सफलता के बाद उठाया गया है।

मैं सोचता हूं कि एसआईआर में जो राज्य शामिल हैं, वे सभी अपनी-अपनी समस्याओं और चुनौतियों के साथ आते हैं। मुझे लगता है कि चुनाव आयोग ने इन राज्यों की मतदाता सूची को अच्छी तरह से जांचने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि हमारे देश में चुनाव की सफलता और प्रक्रिया में सुधार हो। 🤔
 
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