Satta Ka Sangram: समस्तीपुर में विरोधियों ने इन मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरा, दागे तीखे सवाल!

बिहार समस्तीपुर जिले में विरोधियों ने चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' पर नीतीश सरकार को घेरा, दागे तीखे सवाल। युवाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने से पहले बिहार पहुंचकर अपने भविष्य की आकांक्षाएं जताईं। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को अच्छी शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता है, साथ ही मोटी रकम परीक्षा की तैयारी पर खर्च करनी पड़ती है।

युवाओं ने कहा, 'हम चाहते हैं कि राज्य में केवल सरकारी नहीं, बल्कि निजी क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हों, ताकि हमें काम के लिए राज्य से बाहर जाना पड़े।' भर्ती परीक्षाओं में होने वाली अनियमितताएं, धांधली और पेपर लीक ने युवाओं में गुस्सा और अविश्वास पैदा किया। वे निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया की मांग करते हैं।

युवा चाहते हैं कि उनके गृह राज्य में ही इतने अवसर हों कि उन्हें अपने परिवार से दूर न जाना पड़े। राजनीतिक दल पलायन को रोकने और स्थानीय स्तर पर काम देने का वादा कर रहे हैं।
 
तो ये युवाओं की बात मान लेते हैं तो क्या? हमारे पास जो स्कूल और कॉलेज हैं, वो सरकारी ही हैं और रोजगार के अवसर की बात कर रहे हैं तो कौन बनाएगा? निजी क्षेत्र भी देखें तो तीन-चार लाख साले कमाते हैं लेकिन सरकारी नौकरियां मिली तो फिर खुशी होती।

लेकिन युवाओं की बात समझना जरूरी है और उनके जीवन को बदलने की बात करनी चाहिए। हमें स्कूलों में अच्छी शिक्षा देनी चाहिए ताकि वे सरकारी नौकरियां पाने के लिए तैयार हों। और रोजगार के अवसर बढ़ाने की बात करते हुए हमें स्थानीय उद्योगों को मजबूत करना चाहिए ताकि युवाओं को राज्य से बाहर जाने की जरूरत न पड़े।
 
🤔 बिहार में युवाओं की बात सुनकर लगता है कि सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहीं और जाना पड़ता है, ऐसा क्यों? 🤷‍♂️

जैसे ही रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं तो युवाओं को अपने भविष्य की कल्पना करने से पहले बिहार में आकर ही रहना पड़ता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताएं और धांधली हो रही हैं, जिससे युवाओं का विश्वास सरकार पर खराब होता जा रहा है। 🚨

पारदर्शिता और निष्पक्षता से भरी की जरूरत है, ताकि युवा अपने भविष्य को सुरक्षित रूप से बना सकें। सरकार को ऐसे नीतियों पर विचार करना चाहिए जिससे युवाओं को अपने गृह राज्य में ही काम और शिक्षा के अवसर मिल सकें। 🌟
 
बिहार में युवाओं की बात सुनने से मुझे बहुत खेद है 🤕। उन्हें लगता है कि सरकारी नौकरी के लिए इतनी परीक्षा और तैयारी करने की जरूरत है, यह ज्यादा नहीं चाहिया। क्योंकि युवाओं को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, न कि उनके भविष्य को पूरा करने के लिए सरकारी नौकरी की दौड़ में पड़ना। हमें उम्मीद है कि सरकार रोजगार के अवसरों को बढ़ाए और युवाओं को अपने गृह राज्य में रहने का मौका दे।
 
🤔 मुझे लगता है कि युवाओं की बात मानने की जरूरत है, सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले लोगों को अच्छी शिक्षा के लिए जाना पड़ता है और यह भी देखा जाना चाहिए कि भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताएं न हों, तभी हमारे राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। 📈

मुझे लगता है कि सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले लोगों को और भी सोच-समझकर करने की जरूरत है, अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए और भर्ती परीक्षाओं में अच्छी तैयारी करने के लिए। 📚 क्योंकि अगर हमारे गृह राज्य में जाने से पहले अच्छी शिक्षा प्राप्त कर लेते हैं और भर्ती परीक्षाओं में तैयारी करते हैं, तो हमें निजी क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। 💼
 
सबसे बड़ी समस्या यह है कि युवाओं को अपने भविष्य की आकांक्षाएं निर्धारित करने के लिए सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हुए भी उन्हें अच्छी शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता है 🤕। यह जानकर चौंकाने वाला है कि भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताएं और धांधली हो रही हैं... इस तरह की घटनाओं से युवाओं का आत्मविश्वास टूटने लगता है।

मुझे लगता है कि सरकारों और राजनीतिक दलों को अपने वादों पर खरे उतरना चाहिए और स्थानीय स्तर पर काम करना चाहिए, ताकि युवाओं को अपने गृह राज्य में ही रोजगार के अवसर मिल सकें। हमें अपने देश में युवाओं के भविष्य के लिए सोच-विचार करना चाहिए और उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

आजकल युवा अधिक जागरूक हो रहे हैं और उनकी आवाज़ मायने रखती है। हमें उनकी बातों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए मदद करनी चाहिए।
 
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