क्या बाइक से गए उत्तराखंड तब भी देना होगा 'ग्रीन सेस', जानें किन लोगों को बढ़ेगा खर्च?

उत्तराखंड में ग्रीन सेस का मतलब क्या है, इसके बारे में अब हर कोई जानता है और सवाल उठने लगे हैं कि अगर आप बाइक से उत्तराखंड आते हैं तो आपको इस टैक्स की जरूरत नहीं होगी।

उत्तराखंड सरकार ने ग्रीन सेस लागू करने का फैसला किया है और इसमें दोपहिया वाहन जैसे बाइक शामिल हैं। अगर आप बाइक से उत्तराखंड आते हैं तो आपको यह टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक और CNG वाहन, राज्य में रजिस्टर्ड वाहन और आपातकालीन सेवाओं में लगे वाहन जैसे एंबुलेंस और दमकल भी छूट में शामिल हैं।

ग्रीन सेस का टैक्स बाइक के प्रकार के अनुसार अलग-अलग है। इसमें छोटे वाहन 80 रुपये, बस 140 रुपये, मालवाहक वाहन 250 रुपये और ट्रकों का टैक्स उनके वजन के हिसाब से 120 से 700 रुपये तक निर्धारित किया गया है। टैक्स की वसूली के लिए उत्तराखंड में राज्य की सीमाओं पर अब ANPR कैमरे लगाए गए हैं।

अब इनकी संख्या 37 कर दी गई है जिससे डेटा रिकॉर्डिंग और निगरानी और बेहतर हो.
 
बिल्कुल सही है कि उत्तराखंड सरकार ने ग्रीन सेस लागू करने का फैसला किया है। लेकिन यह सवाल उठता है कि इससे क्या बदलाव आएगा, अगर ये टैक्स बिल्कुल भी कम नहीं होती, तो लोगों को क्या लाभ होगा? क्या यह न केवल ग्रीन सेस लागू करने का एक तरीका है, बल्कि इससे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। अगर वाहनों की संख्या कम न होती, तो यह कैसे लोगों को आर्थिक रूप से मदद करेगा?
 
बिल्कुल सही है यह एक अच्छा फैसला है, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार ने देखा होगा कि स्थानीय लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। अगर बाइक से आये तो यह टैक्स नहीं देना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि यह नियम अच्छा है क्योंकि इससे ग्रीनहाउस गैस की रोकथाम होगी। और अगर इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं तो फिर यह और भी अच्छा है। 🚲💚

मुझे लगता है कि सरकार ने अच्छी तरह सोचकर इसे बनाया है, लेकिन मुझे कुछ सवाल हैं। अगर दोपहिया वाहन शामिल नहीं होते तो यह फैसला कैसे लिया गया था? और अगर ग्रीन सेस टैक्स वसूली के लिए ऐसे कैमरे लगाए गए हैं तो इससे कितने लोग परेशान होंगे। मुझे लगता है कि सरकार ने अच्छा सोचकर इसे बनाया है, लेकिन अभी भी कुछ सवाल हैं। 🤔
 
मैंने भी पहले सोचा था कि ये ग्रीन सेस वास्तव में एक अच्छा फैसला है तो चलने लगा हमारे पार्टिसिपेंट्स ने अपने वाहनों को रजिस्टर्ड कराना शुरू कर दिया। अब भी कुछ लोग सोच रहे हैं कि यह टैक्स बहुत ज्यादा है लेकिन मेरा कहना है कि ये एक अच्छा निर्णय है। हमारे परिवेश को बचाने के लिए और भी जरूरी है कि हम अपने वाहनों को जल्द से जल्द रजिस्टर्ड कराएं।
 
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