चुनाव आयोग देश में अगले हफ्ते से वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) शुरू कर सकता है। इसकी शुरुआत 10-15 राज्यों से होगी, जहां अगले एक साल में विधानसभा चुनाव होना हैं। इन राज्यों में SIR पहले होगी, जहां मतदाताओं को हटाने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कोई भी दोहरा मतदान न हो।
असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया, "हम राज्यों में SIR शुरू करने से पहले उन राज्यों में नहीं करेंगे, जहां स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। यह इसलिए है कि निचले स्तर पर कर्मचारी उन चुनाव में व्यस्त होंगे।"
चुनाव आयोग ने बताया है कि राज्यों में अंतिम SIR कट-ऑफ डेट के रूप में काम करेगी, जैसे कि बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट का उपयोग चुनाव आयोग ने SIR के लिए किया था। अधिकांश राज्यों में वोटर लिस्ट का अंतिम बार सिर्फ 2002 और 2004 के बीच हुआ था।
चुनाव आयोग द्वारा SIR की शुरुआत इस प्रकार हो सकती है:
1. **देशभर में मतदाता सूचियों की गहन पुनरीक्षण (SIR)**: चुनाव आयोग देश में नवंबर से 10-15 राज्यों में वोटर लिस्ट का SIR शुरू कर सकता है।
2. **अंतिम SIR कट-ऑफ डेट**: राज्यों में अंतिम SIR कट-ऑफ डेट के रूप में काम करने की प्रक्रिया होगी, जैसे कि बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट का उपयोग चुनाव आयोग ने SIR के लिए किया था।
3. **मतदाताओं को हटाना**: स्थानीय निकायों में मतदाताओं को हटाने से पहले, इन राज्यों में SIR होना आवश्यक है।
4. **बिहार और उत्तराखंड की वोटर लिस्ट**: बिहार और उत्तराखंड में 2002 से 2004 के बीच SIR हुआ था, जिसमें 70 करोड़ मतदाताओं को दर्ज किया गया था।
5. **मतदाता सूची को अपडेट करना**: चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करने का मकसद है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी दोहरा मतदान न हो।
असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया, "हम राज्यों में SIR शुरू करने से पहले उन राज्यों में नहीं करेंगे, जहां स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। यह इसलिए है कि निचले स्तर पर कर्मचारी उन चुनाव में व्यस्त होंगे।"
चुनाव आयोग ने बताया है कि राज्यों में अंतिम SIR कट-ऑफ डेट के रूप में काम करेगी, जैसे कि बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट का उपयोग चुनाव आयोग ने SIR के लिए किया था। अधिकांश राज्यों में वोटर लिस्ट का अंतिम बार सिर्फ 2002 और 2004 के बीच हुआ था।
चुनाव आयोग द्वारा SIR की शुरुआत इस प्रकार हो सकती है:
1. **देशभर में मतदाता सूचियों की गहन पुनरीक्षण (SIR)**: चुनाव आयोग देश में नवंबर से 10-15 राज्यों में वोटर लिस्ट का SIR शुरू कर सकता है।
2. **अंतिम SIR कट-ऑफ डेट**: राज्यों में अंतिम SIR कट-ऑफ डेट के रूप में काम करने की प्रक्रिया होगी, जैसे कि बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट का उपयोग चुनाव आयोग ने SIR के लिए किया था।
3. **मतदाताओं को हटाना**: स्थानीय निकायों में मतदाताओं को हटाने से पहले, इन राज्यों में SIR होना आवश्यक है।
4. **बिहार और उत्तराखंड की वोटर लिस्ट**: बिहार और उत्तराखंड में 2002 से 2004 के बीच SIR हुआ था, जिसमें 70 करोड़ मतदाताओं को दर्ज किया गया था।
5. **मतदाता सूची को अपडेट करना**: चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करने का मकसद है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी दोहरा मतदान न हो।