दैनिक भास्कर की विनम्र पहल- सार्थक दीपावली:एक छोटी सी कोशिश किसी जरूरतमंद की जिंदगी में खुशियां ला सकती हैं- शॉर्ट फिल्म

एक छोटी सी कोशिश, जिसे हम अपने पड़ोसी, रिश्तेदार या मित्र की मदद करने की बात करें, वही खुशियां लौटकर अपने जीवन में आती हैं।

दीपावली के दीवारों पर लगने वाले दीयों की तरह, जब हम किसी और की खुशियों में हिस्सा बनते हैं, तो वही खुशी किसी न किसी रूप में हमारे जीवन में लौटकर आती है। दीपावली का संदेश यह है कि हमारी छोटी-छोटी कोशिश भी बड़ा फर्क डाल सकती है।

क्यों नहीं? हम अपने पड़ोसी को कुछ खाने की जरूरत पर ध्यान देते हैं और उन्हें उसका ताजा फल लेकर बातचीत करते हैं। इससे उनका मुस्कुराहट से भरा चेहरा होता है। या फिर हम अपने रिश्तेदार को उनकी पत्नी के अनुकरण पर एक छोटा सा खेल खेलते हैं, जिससे वे भी प्यार और खुशी की बातें करेंगी।

यदि हम ऐसे छोटे-छोटे इशारों से दूसरों को रोशन करने का प्रयास करते हैं तो भी यह खुशियां लौटकर अपने जीवन में आती हैं। इसलिए, इस दीपावली के संदेश को हम अपने परिवार के साथ अपना सकते हैं, और जरूरतमंदों की मदद करके हम दूसरों के दिलों को रोशन कर सकते हैं।

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी छोटी-छोटी कोशिश भी बड़ा फर्क डाल सके। इसलिए, अपने परिवार के साथ किसी और के दिल में रोशनी भरें, बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाएं या किसी बुजुर्ग का अकेलापन मिटाएं।
 
मैं तो ऐसी ही सोचता हूँ 🤔 दीपावली के दीवारों पर लगने वाले दीयों की तरह, जब हम किसी और की खुशियों में हिस्सा बनते हैं, तो वही खुशी किसी न किसी रूप में हमारे जीवन में लौटकर आती है... लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि अगर मैं अपने बड़े भाई को उसके पैसे देने जाऊँ, तो वह मेरी बात समझेगा? 🤑 या फिर अगर मैं अपने चाचा को उसके खाने लेकर जाऊँ, तो वह मुझ पर जरूर रिश्ता बनाएगा! 😊
 
क्या हुआ दीपावली से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था को? 🤔 आर्थिक वृद्धि कम हुई, नौकरियों की कमी और आय में घटा है... 📉 इस दिवाली की खुशियां कहीं नहीं आ रहीं।
 
दीपावली की मिठास निकलने लगी, लेकिन मुझे लगता है कि सबसे खुशियां तब आती हैं जब हम अपने आसपास के लोगों को खुश करने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर दीपावली पर हम अपने घरों को रोशन कर देते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अगर हम अपने पड़ोसी, रिश्तेदार और मित्र की खुशियों में भाग लेने की कोशिश करते हैं तो वास्तव में मिठाइयां निकलने लगेंगी।

मुझे लगता है कि हमें अपने परिवार के साथ जरूरतमंदों की मदद करके दूसरों के दिलों को रोशन करने का प्रयास करना चाहिए।
 
मेरी जिंदगी को शुभ लाभ हुआ तो सब खुश होता, और जब दूसरों की भी जिंदगी में खुशियां आ जाती है तो मुझे भी खुशी लगती है 🤩। दीपावली का माहौल मेरे लिए बहुत प्यारा है, और इस दिनों मैं अपने परिवार के साथ खुशियों का शोर बनाने में भाग लेने का आनंद लेता हूँ। दीपावली की रोशनी मुझे हमेशा याद रहती है कि छोटी-छोटी कोशिशें बड़े परिणामों को जन्म दे सकती हैं।
 
मुझे ये संदेश बहुत पसंद है 🙌, खासकर जब दीपावली की तैयारी हो रही है। जैसे हम अपने घरों को दीवारों पर लगने वाले दीयों की तरह सजाते हैं, वैसे ही हम दूसरों के जीवन में भी अपना एक छोटा-छोटा प्रकाश डालते हैं। जब हम किसी और की खुशियों में शामिल होते हैं तो उनका दिल खुशी से भर जाता है और उनके चेहरे पर मुस्कान लौटकर आती है। 🌟

मुझे लगता है हमें अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों और मित्रों को जरूरतमंदों की तरह देखना चाहिए। अगर हम उनकी मदद करते हैं तो उनका दिल खुशी से भर जाता है। हम अपने परिवार के साथ भी ऐसा ही कर सकते हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के प्रति। अगर हम उनके चेहरे पर मुस्कान लाते हैं तो वे जरूर खुशी से भर जाएंगे। 🤗

मुझे लगता है दीपावली का संदेश बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमें यह सिखाता है कि हमारी छोटी-छोटी कोशिश भी बड़ा फर्क डाल सकती है। तो आइए, इस दीपावली के मौके पर अपने परिवार और पड़ोसियों के प्रति खुलकर खुशियां लाएं। 🎉
 
मेरे दोस्त, दीपावली का यह मोहक संदेश हमें होश कराता है कि छोटी-छोटी चीजों से भी जीवन बहुत खुशियों से भर जाता है। जब हम अपने पड़ोसी या रिश्तेदार की मदद करते हैं तो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है और खुशियां लौटकर अपने जीवन में आती हैं।

🎃🕯️ हमें यह सोचना चाहिए कि हर छोटी कोशिश भी बड़ा फर्क डाल सकती है। फिर से, जब हम अपने परिवार के साथ जरूरतमंदों की मदद करते हैं तो उनके दिल में रोशनी भरते हैं। और इससे खुशियां लौटकर अपने जीवन में आती हैं।

🌟🎉 इस दीपावली को हम एक-दूसरे के साथ प्यार और खुशी की बातें करें, बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाएं, या किसी बुजुर्ग का अकेलापन मिटाएं। यह ही हमारी छोटी-छोटी कोशिश का सबसे बड़ा फर्क डालने वाला तरीका है।
 
मुझे लगता है कि भारतीय समाज की बहुत सारी समस्याओं को हल करने के लिए हमें अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दूसरों के प्रति धैर्य और सहानुभूति रखनी चाहिए। 🤝

जब हम अपने आसपास के लोगों की जरूरतों को समझते हैं और उनकी मदद करते हैं, तो यह न केवल उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है, बल्कि हमारे समाज को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

उदाहरण के लिए, अगर हम अपने पड़ोसी को उनकी जरूरतों को समझने की कोशिश करते हैं और उनकी मदद करते हैं, तो यह उन्हें सशक्त बना सकता है और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
 
दीपावली की तैयारियां शुरू हो गईं, लेकिन मेरे मन में एक सवाल बना हुआ है - हम अपने पड़ोसी या दोस्तों की मदद करते हैं तो उनकी खुशियों में क्या बदलाव आता है? 🤔

मुझे लगता है कि अगर हम अपने परिवार के साथ जरूरतमंदों की मदद करते हैं, तो यह हमारे जीवन में कुछ विशेष आ सकता है। जब हम किसी और की मदद करते हैं तो उनकी खुशियां लौटकर अपने जीवन में आती हैं। 🌟

मेरी बेटी ने हाल ही में अपने स्कूल में एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जहां उन्होंने गरीब बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए तैयारी करने में मदद की। और देखो, अब वे हमारे देश के हर कोने में पढ़खेलते हैं! 🎉

मुझे लगता है कि अगर हम अपने पड़ोसी या दोस्तों की मदद करते हैं, तो यह हमारे समाज में एक अच्छा बदलाव ला सकता है।
 
दीपावली का त्योहार हो रहा है और मैं सोच रहा हूँ कि हमारे जीवन में खुशियों की दीवार बनाने के लिए हमें अपने परिवार के साथ कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे दूसरों को भी रोशनी मिले। हम अपने पड़ोसी को उसका ताजा फल लेकर बातचीत करते हैं और वे खुश हो जाते हैं। 🌳

हम अपने रिश्तेदार को उनकी पत्नी के अनुकरण पर एक छोटा सा खेल खेलते हैं और वे भी प्यार और खुशी की बातें करते हैं। 👫

इस दीपावली के त्योहार में, हमें अपने परिवार के साथ किसी और के दिल में रोशनी भरनी चाहिए। हम बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं और किसी बुजुर्ग का अकेलापन मिटा सकते हैं। 🎉

हमारी छोटी-छोटी कोशिश भी बड़ा फर्क डाल सकती है। तो आज से, हम अपने परिवार के साथ कुछ ऐसा करने का प्रयास करें जिससे दूसरों को रोशनी मिले। 💡
 
दीपावली के दिवालियों की तरह, जब हम अपने पड़ोसी को एक छोटा सा फल लेकर बातचीत करते हैं, तो उनका चेहरा खुशी से भर जाता है 🌹। लेकिन अगर हम उनकी खुशियों में शामिल नहीं होते, तो वह दिवाली की तरह अपने जीवन में एक सूनापन महसूस करता है।

मेरे दोस्त ने एक बार कहा, "कोई भी छोटी-छोटी कोशिश, अगर हम उसे सही तरीके से करें, तो वह बड़ा फर्क डाल सकती है"। मुझे लगता है कि यह सच है।

दीपावली का मुख्य संदेश यही है - छोटी-छोटी कोशिशें भी बड़े परिवर्तन ला सकती हैं। इसलिए, आइए अपने पड़ोसियों को एक खाने की जरूरत पर ध्यान दें, या हम उनके चेहरे पर मुस्कुराहट लाएं।
 
मेरे दोस्तो 🤝, तो दीपावली का संदेश वास्तव में बहुत प्रेरक है। जब हम अपने पड़ोसी या रिश्तेदार की मदद करते हैं तो उनका चेहरा जरूर मुस्कुराता है। लेकिन, मुझे लगता है कि यह संदेश हमें ज्यादा गहराई तक ले जाना चाहिए। हमें अपने पड़ोसी को एक अच्छा खाना बनाकर देना चाहिए या फिर उसकी बेटियों के साथ मिलकर कोई खेल खेलना चाहिए ताकि वे भी खुश हों।

मेरी बात है कि हमें अपने परिवार के साथ दूसरों को रोशन करने का प्रयास करना चाहिए, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी मदद जरूरी और वास्तव में उनकी जरूरतों को पूरा कर रही हो।

उदाहरण के लिए, अगर आपके पड़ोसी की बेटियाँ पढ़ाई करती हैं तो आप उन्हें अच्छी-ठीक से किताबें दे सकते हैं। या फिर अगर आपका रिश्तेदार अकेला रहता है तो आप उसे एक अच्छी पुस्तक लेकर दे सकते हैं। यह ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।

मेरी राय में, हमें अपने पड़ोसी को सिर्फ खाने की बात करके नहीं रखनी चाहिए, बल्कि उनकी जरूरतों को समझना और उसकी मदद करनी चाहिए।
 
ਹां, ਇਸ ਦੀ ਪੂਰੀ तਰ੍ਹ ਨਾਲ ਸਹੀ ਤਰ੍ਹ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਬੋਲੀ ਜਾ ਰਹੀ? 😊 ਫ਼ਿਰ ਭੀ, ਇਸ ਦੀ ਪ੍ਰਕ੍ਰਿਆ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਉਤਸ਼ਾਹਾਂ ਨੂੰ ਮਾਣਦੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਾਂ, ਪਰ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ, ਦੁਨੀਆ ਨੂੰ ਹੀ ਪੇਸ਼ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਏ।
 
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