दिल्ली में दिवाली के बाद तेजी से गिरती हवा की गुणवत्ता, प्रदूषण बढ़ जाता है। इस समय तकनीकी भाषा में, जो लॉकेबल लेयर बनती है, उसे ‘लोवर ग्राउंड इनवर्जन लेयर’ कहते हैं। इस लेयर को तोड़ने का काम हीट एनर्जी यानी गर्मी का होता है। पृथ्वी को सूरज से गर्मी मिलती है और धरती की सतह पर जितनी भी सॉलिड चीजें हैं, जैसे सड़कें, इमारतें, पुल वगैरह, ये सभी सूरज से मिली गर्मी को रात में रिलीज करती हैं। रिलीज की गई गर्मी जमीन से 50 से 100 मीटर ऊपर उठकर एक लॉकेबल लेयर बना लेती है। इस कारण वातावरण की हवा ऊपर नहीं उठ पाती।