Bihar Election 2025: मुस्लिम होगा दूसरा डिप्टी सीएम! तेजस्वी यादव ने दिए संकेत

बिहार में आगामी चुनावों के लिए एक नया संकेत देने की कोशिश चल रही है, जहां तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी के नेताओं को इस बात पर विचार करने की सलाह दी है कि क्या मुस्लिम चेहरा डिप्टी सीएम की भूमिका को लेकर आगे बढ़े।

चिराग पासवान, जो लोजपा (रामविलास) के नेता हैं, ने अपने विरोधियों पर हमला करते हुए कहा है कि अगर उनकी पार्टी मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने का समर्थन नहीं देती, तो वह महागठबंधन (महागठबंधन) के खिलाफ खड़े होंगे।

उन्होंने अपने पिता श्री रामविलास पासवान की याद में कहा, जिन्होंने 2005 में अपनी पार्टी तक कुर्बानी देने के लिए मुस्लिम सीएम बनाए थे। उन्होंने यह भी कहना है कि राजद (राष्ट्रीय जनता दल) 2005 में भी तैयार नहीं था और आज भी नहीं।

चिराग पासवान ने कहा, अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी। उनका यह बयान राजद के खिलाफ है और उन्होंने अपनी पार्टी नेताओं से कहा है कि अगर वे मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने का समर्थन नहीं देंगे, तो वह महागठबंधन खिलाफ खड़े होंगे।
 
मुझे लगता है कि यह बात बहुत ही दिलचस्प है कि चिराग पासवान ने अपनी पार्टी में इस बारे में चर्चा करने का संकल्प लिया है। अगर वे मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने का समर्थन करें, तो यह एक बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है और समाज में एक नई दिशा की शुरुआत हो सकती है।

मेरा विचार है कि अगर चिराग पासवान की पार्टी ने मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने का समर्थन किया, तो यह एक बहुत बड़ा सम्मान होगा और समाज में एक नई दिशा की शुरुआत हो सकती है। लेकिन अगर वे नहीं करें, तो यह एक बहुत बड़ा निराशा का कारण भी बन सकता है।

मुझे लगता है कि चिराग पासवान की इस बात पर विचार करने से पहले, उन्हें अपनी पार्टी में सभी नेताओं और सदस्यों से चर्चा करनी चाहिए।
 
तेजस्वी यादव की बात सुनकर लगता है कि यह मुस्लिम चेहरा वामपंथी चुनावी रणनीति के लिए एक अच्छा तरीका हो सकता है। लेकिन अगर हमारे पास सच्चाई और नेतृत्व की कमी है, तो ये सब कुछ भी बेकार होगा।
 
तेजस्वी यादव की बात सुनकर मुझे लगता है कि उनकी पार्टी को अच्छी तरह से विचार करना चाहिए, क्योंकि अगर वे इस मुद्दे पर आगे बढ़ते हैं, तो इससे केवल उनके लाभ नहीं होगा, बल्कि समाज के लिए भी फायदा हो सकता है।

तेजस्वी जी ने अपने पिता की याद में मुस्लिम चेहरों को डिप्टी सीएम बनाने पर विचार करने की बात कही है, लेकिन मुझे लगता है कि इससे पहले उनकी पार्टी को अपने समर्थकों और विरोधियों की राय जाननी चाहिए।
 
तेजस्वी यादव की बात सुनकर लगता है कि अगर वे अपने पार्टी के नेताओं को ऐसा करने पर मजबूर कर देंगे, तो यह उनके खिलाफ होगा।
 
मुझे लगता है कि चिराग पासवान का बयान बहुत ही राजनीतिक है और मैं सोचता हूँ कि अगर वे अपनी पार्टी को मुस्लिम चेहरे की भूमिका पर थोड़ा ध्यान देंगे, तो उनकी जीत की संभावना अधिक होगी।

मुझे लगता है कि राजद 2005 में तैयार नहीं था और आज भी नहीं है। अगर वे अपनी पार्टी को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने नेताओं से कहकर यह बात करनी चाहिए कि वे मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने का समर्थन करें।

मुझे लगता है कि अगर पासवान परिवार अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने की कोशिश करता है, तो वे निश्चित रूप से सफल होंगे। उनका बयान मुझे बहुत पसंद आया और मैं चाहता हूँ कि उनकी पार्टी आगे बढ़े।
 
अगर चिराग पासवान अपने पिता की याद में ऐसा बयान दे रहे हैं तो यह अच्छा है कि वे उन्हीं की तरह सोच रहे हैं। लेकिन अगर वह मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाए बैठने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि वे अपनी पार्टी में मुस्लिमों को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।

मुझे लगता है कि चिराग पासवान की इस बात पर ध्यान केंद्रित करना सही है, क्योंकि अगर हमारी सरकार में मुस्लिम चेहरे और अनुभवी नेताओं को आगे बढ़ाया जाए, तो हमारी पार्टी में विविधता आएगी।
 
तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी के नेताओं को मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने पर विचार करने की सलाह देनी चाहिए, लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं कह रहा है कि उन्हें मुस्लिम चेहरा को डिप्टी सीएम बनाना चाहिए। मेरे ख्याल में, अगर आप अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं तो आपको दूसरों की ताकत पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि आपको अपनी स्वयं की ताकत और समर्थन को बढ़ाना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही दिलचस्प मुद्दा है। अगर हमारे राज्य में सिर्फ एक ही व्यक्ति मुस्लिम होता तो यह जातीयता को भेदभाव करने का अवसर देता। लेकिन अगर उस व्यक्ति को डिप्टी सीएम बनाया जाए, तो यह एक बहुत बड़ा संदेश होगा और हमारे समाज में एक नई दिशा दिखाई देगी।

मुझे लगता है कि चिराग पासवान का यह बयान सही था। अगर हम अपनी पार्टियों को भेदभावित नहीं करते और साथ मिलकर आगे बढ़ते हैं, तो हमारे राज्य में बहुत कुछ संभव है।
 
अरे, यह चुनाव के समय में ऐसे बयान करना नहीं चाहिए जैसे लोग एक-दूसरे पर हमला कर रहे हों। दोनों पार्टियां एक साथ मिलकर बिहार को विकसित करनी चाहिए, इसके लिए हमें अपने मतभेदों को भूलना होगा। चिराग पासवान जी ने उनके पिताजी की याद में कहा, यह अच्छा है। लेकिन अगर हमारे देश में सभी को समान अवसर मिले, तो एक-दूसरे पर हमला करने की जरूरत नहीं होती।
 
तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी के लिए एक मुस्लिम चेहरा डिप्टी सीएम बनाने का सुझाव देने से पहले, उन्हें इस बात पर विचार करना चाहिए कि अगर वे ऐसा करेंगे, तो उनकी पार्टी भी मुस्लिमों के लिए अधिक समर्थन प्राप्त करेगी। यह एक अच्छा निर्णय होगा, खासकर जब बिहार में मुस्लिमों की संख्या बहुत अधिक है।
 
अरे बात बड़ी हुई, रामविलास पासवान ने मुस्लिम चेहरा डिप्टी सीएम बनाया था, अब तेजस्वी यादव ने भी कोशिश कर रहे हैं कि क्या उनकी पार्टी में इस बात पर सहमति होगी। लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा करने से उनकी पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा, खैर चिराग पासवान ने अपने बयान में बहुत तेज़ दिखाई दिया, लेकिन मुझे लगता है कि वह अपने पिता की याद में ऐसा कर रहे हैं तो फिर भी उनकी पार्टी को कुछ नहीं होगा। 🤔
 
तेजस्वी यादव के बयान पर मुझे लगता है कि यह एक मुश्किल स्थिति है। अगर वे मुस्लिम चेहरे को डिप्टी सीएम बनाने का समर्थन नहीं देते तो फिर वह अपनी पार्टी को बहुत हानि पहुंचा सकते हैं। लेकिन अगर वे इसे स्वीकार करेंगे तो फिर भी कुछ लोग उनके खिलाफ हो सकते हैं।

मुझे लगता है कि चिराग पासवान ने सही बात कही है। अगर आप अपने विरोधियों पर हमला करते हैं और उन्हें डिप्टी सीएम बनने के लिए मजबूर करने की कोशिश करें, तो फिर भी आपकी पार्टी में बहुत हानि हो सकती है।
 
अरे यार, यह तो बहुत बड़ा मुद्दा है 🤯। चिराग पासवान की बात सुनकर लगता है कि वे अपने पिता श्री रामविलास की याद में ऐसा कर रहे हैं जो 2005 में अपनी पार्टी तक कुर्बानी देने के लिए मुस्लिम सीएम बनाए थे। लेकिन इसके पीछे क्या खेल है? राजद ने भी उस समय तैयार नहीं थी, फिर आज भी नहीं। यह तो बहुत बड़ा सवाल है कि क्यों हमारे देश में इस तरह के वोट बैंक बनते हैं 🤦‍♂️। चिराग पासवान का बयान राजद के खिलाफ है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को भूल जाएं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी पार्टियां वास्तव में हमारे समाज की जरूरतों को पूरा कर सकें।
 
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