बिहार के चुनाव के अंतिम दिनों में एक बड़ा फैसला सामने आया है - चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल्स को पूरी तरह से बंद करने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय चुनाव के परिणामों के भविष्य की प्रकृति पर सवाल उठाता है।
चुनाव आयोग ने धारा 126A के तहत एक अवरोधित अवधि रखी है जिसमें एग्जिट पोल्स का संचालन और प्रकाशन पूरी तरह से रोक दिया गया है। यह अवधि 6 नवंबर सुबह 7 बजे से 11 नवंबर शाम 6:30 बजे तक चलती है, जिसमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सभी माध्यमों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी घटना में या समय सीमा को उल्लंघन करने पर दो साल तक कैद, जुर्माना या दोनों दोनों का सामना करना पड़ सकता है। आयोग ने सभी मीडिया संगठनों से इन निर्देशों का पालन करने और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनावों की भावना को बनाए रखने की अपील की है।
यह फैसला चुनाव के परिणामों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि एग्जिट पोल्स अक्सर चुनाव के भविष्य के दिशा को आकार देने वाली महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
चुनाव आयोग ने धारा 126A के तहत एक अवरोधित अवधि रखी है जिसमें एग्जिट पोल्स का संचालन और प्रकाशन पूरी तरह से रोक दिया गया है। यह अवधि 6 नवंबर सुबह 7 बजे से 11 नवंबर शाम 6:30 बजे तक चलती है, जिसमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सभी माध्यमों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी घटना में या समय सीमा को उल्लंघन करने पर दो साल तक कैद, जुर्माना या दोनों दोनों का सामना करना पड़ सकता है। आयोग ने सभी मीडिया संगठनों से इन निर्देशों का पालन करने और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनावों की भावना को बनाए रखने की अपील की है।
यह फैसला चुनाव के परिणामों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि एग्जिट पोल्स अक्सर चुनाव के भविष्य के दिशा को आकार देने वाली महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।