मुझे लगता है कि सबकुछ थोड़ा जटिल हो गया है। वोटर लिस्ट में नाम तो हमेशा रहा ही, लेकिन अब SIR की बात आती है, तो यह कैसे सुधारा जाएगा? मैं समझ नहीं पाया, क्या यहाँ कोई नया खेल शुरू हुआ है? 🤔
मेरे दादाजी कहते हैं, "चुनाव में बगैर मुद्दों का खेल न हो, फिर क्यों?" लेकिन अब इतने सारे लोग SIR पर सवाल...