अरे, मैंने पढ़ा विठाबाई पाटिल कितनी सच्ची थीं, उनकी कहानी सुनकर बहुत खुशी आई 🤩। मुझे लगता है कि हमें उनकी जैसी निरंतरता और समर्पण को अपना बनना चाहिए। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन फिर भी वे हार नहीं मानीं। उनकी याददाश्त और रोजमर्रा के जीवन में खुद करने...