राजस्थान, एमपी, यूपी समेत 12 राज्यों में कल से SIR: 7 फरवरी तक पूरा होगा; अगले साल चुनाव वाले बंगाल में SIR, लेकिन असम में नहीं

अजित पवार ने चुनाव आयोग को सिर्फ दो दिन में राहुल गांधी के खिलाफ सभी आरोपों पर मुकदमा चलाने का वादा किया।
 
અરે વાત એવી થઈ ગઈ છે... ચૂનીને જોવું મોટું લાયક છે. આજે રાહુલ ગઢ્ઢીઓ પથરાવતા નથી, ચૂનીએ કહ્યું છે કે દરેક મસલા પર જેટલા 2 દિવસ બેઠા, ત્યાં તો મુકેલા જ હશે. ચૂની પણ એટલી ગર્ભ સખતાઈ ધરાવે છે કે માત્ર હવે ચૂની જ બોલવા દો.
 
राहुल गांधी जी की आजादी और भ्रष्टाचार से लड़ने की लड़ाई में बहुत दृढ़ हैं। चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ कई आरोपों पर मुकदमा चलाने की घोषणा की है, लेकिन दो दिन में यह सब तेजी से हो जाएगा? या फिर राहुल जी को इस प्रक्रिया का अंधश्रद्धा का शिकार होने का डर लग रहा है?

चुनाव आयोग की यह निर्णय एक बड़ा सवाल उठाता है कि क्या वे सच्चाई और न्याय की ओर इंगित करना चाहते हैं, या फिर राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं? हमें यह भी पूछना चाहिए कि राहुल जी को तीन वर्षों से आरोप लग रहे थे, और अब दो दिन में सब तेजी से होगा? या फिर क्या इससे उन्हें अपने विश्वासों को पुनः स्थापित करने का अवसर मिलेगा?

कोई जवाब नहीं!
 
मुझे लगता है कि यह अच्छा मौका है कि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी जी को साफ कराने का समय आ गया है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर मुकदमा चलाने से हमें यह समझने का मौका मिलेगा कि वे ने really गलती क्या की। अगर ये मामले ठीक से शुरू हो जाते हैं तो यह भारतीय राजनीति के लिए बहुत फायदेमंद होगा।
 
अरे, यह तो बहुत ही जल्दबाजी की बात है न? अजित पवार साहब का दावा है कि चुनाव आयोग उन्हें बस दो दिन में राहुल गांधी पर सभी आरोपों के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति देगा। लेकिन, यह तो बहुत ही जोखिम भरा कदम है...
 
અરે, આ સુધી ચૂપ થયો છે... ચૂનी ગણ્ટાઓ વિતીત જોકે, રાહુલ-અજિત સાથે ચર્ચા બનવાનો આ પ્રયાસ ગમશે...

ભારતમાં 2019-2024 દરમિયાન, વર્ષના અંતથી, કુલ 12.5% છતાવણીઓનો ઉપયોગ ચૂની મેદાનમાં થયો હતો... આ વિશ્વસનીય અભિયાનના પ્રકાશ મળતા, જેથી ચૂની ગણ્ટાઓ વિતીત લોકો પોતાનું મહત્વ અને ભારવાનું સફળ બનાવશે!

ગણિત કરવાથી, જો હવે 2 દિવસમાં ચૂની મેદાનમાં ઘણા લોકો મુકબલા જશે, તો આવર્તિ ગણતરી 50%થી વધુ ઉપયોગમાં આવશે... બહુ કલાત્મક દૃશ્ય! 😊
 
अरे, यह तो बहुत बड़ी बात है! चुनाव आयोग को अपने नियमों और सिस्टम के अनुसार काम करना चाहिए, लेकिन जब हम देख रहे हैं कि वे कैसे आरोपों की बात कर रहे हैं, तो यह एक अलग मामला है 🤔। अगर अजित पवार ने वादा किया है कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के खिलाफ सभी आरोपों पर मुकदमा चलाएगा, तो यह एक बड़ा फैसला होगा। लेकिन हमें यह भी सोचना चाहिए कि चुनाव आयोग को अपने निर्णयों को लेकर स्थिरता बनाए रखनी होती है, और इस मामले में अगर ऐसा हुआ तो यह एक बहुत बड़ा फैसला होगा। 🤞

क्या आपको लगता है कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा चलाएगा?
 
मुझे लगता है कि अजित पवार की बात करना थोड़ा देखभाल से नहीं की गई। चुनाव आयोग को ऐसी जोरदार बयान देने से पहले सभी पक्षों को समझने और उनकी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। इससे कोई भी पक्ष हस्तक्षेप करने की गलती न करे। राहुल गांधी जैसे लोग चुनाव आयोग से तालमेल नहीं रख पाते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाना सही नहीं। परिवारवाद और राजनीतिक दबाव के बीच ऐसा फैसला स्वाभिमान के लिए नुकसानदायक होगा।
 
राहुल जी के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती होगी। उनके प्रति अभी तक बहुत सारे आरोप लगाए गए, लेकिन चुनाव आयोग ने तो अब तक कोई कदम नहीं उठाया था। अगर वाह्या पवार जी ने ऐसा वादा किया है तो राहुल जी की परिस्थिति बहुत बड़ी संकट में आ गई है। यह एक दिलचस्प मामला होगा, क्या वाह्या पवार जी अपना वादा पूरा कर पाएंगे?
 
राहुल गांधी को उनके प्रतिद्वंद्वियों ने कई आरोप लगाए हैं, लेकिन चुनाव आयोग दोनों पक्षों को समान अवसर देना चाहिए। अगर अजित पवार ने कहा है कि राहुल गांधी पर सभी आरोपों पर मुकदमा चलाया जाएगा, तो यह अच्छा होगा। लेकिन हमें यह भी सोचना चाहिए कि चुनाव आयोग एक निष्पक्ष और स्वतंत्र机构 होना चाहिए। अगर वे राहुल गांधी या उसके प्रतिद्वंद्वियों की ओर मान्यता देते हैं, तो यह बुरा होगा। हमें अपने नेताओं को उनकी गलतियों से सीखने का मौका देना चाहिए, न कि उन्हें सजा देने का। 🤔
 
राहुल जी के खिलाफ ये मुकदमा तो सिर्फ एक बड़ा प्रचार है, चुनाव आयोग का दिमाग भी ठीक है ना?

वहीं अजित पवार जी अपने बयान से दिख रहे हैं कि वे राहुल जी को अपने पूरे जीवन में बुराई का शिकार हुआ है। लेकिन, चुनाव आयोग तो पहले सबकुछ स्थिर करने की कोशिश करेगा, फिर खुद तो तय कर देगा कि राहुल जी को क्यों मुकदमा चलाया जाए।

और वहीं पवार जी का यह बयान लोगों को पहले से ही मानसिक रूप से परेशान कर देगा, राहुल जी ने अपने बयान से तो कुछ नहीं कहा है, बस एक बयान थोड़ा और गंभीर बनाया गया।

किसी को भी ऐसा लगता है कि पवार जी के खिलाफ जांच होगी, लेकिन अभी तक वह तय नहीं हुआ, क्यों?
 
अरे, यह तो बहुत ही बड़ा निर्णय है । अगर चुनाव आयोग राहुल गांधी के खिलाफ मामले जल्द से जल्द दायर कर देते हैं तो यह एक अच्छा दिशा होगी। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि चुनाव आयोग को ऐसी गंभीर आरोपों पर मुकदमा चलाने से पहले सबूतों की पूरी जांच करनी होती है। अगर सभी आरोप साबित होते हैं तो यह एक अच्छा कदम होगा, लेकिन अगर सबूत कमजोर हैं तो इससे चुनाव की शुद्धता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है 🤔
 
अरे, यह तो बहुत ही दिलचस्प बात है! अजित पवार ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए क्या नहीं करेंगे। तो यह मतलब है कि वे बहुत ही ज्यादा आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। 🤣

लेकिन, अगर वह जीतना चाहते हैं तो उन्हें अपने दुश्मनों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए बहुत ही ज्यादा प्रयास करना होगा। और अगर वे यह नहीं कर पाते हैं, तो वे अपनी नाक में गंदगी फैला देंगे। मुझे लगता है कि अजित पवार को थोड़ा सा आत्म-नियंत्रण सिखाना चाहिए। 😏
 
राहुल जी के लिए बहुत बड़ा झटका होगा अगर ऐसा होता है.. पवार जी तो चुनाव आयोग से नहीं कह रहे हैं कि हमें फिर से चुनाव लड़ना है, बल्कि उन्होंने साफ कहा है कि राहुल जी के खिलाफ मुकदमा चलाने का वादा तो ही नहीं लिया है बल्कि अगर चलना है तो 2 दिन में ही चलाने का। यार 2 दिन में मुकदमा चलाना तो बिलकुल ही असंभव है..
 
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