शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है - 7993 स्कूलों में इस बार कोई भी छात्र दाखिल नहीं हुए। यह आंकड़ा, पिछले शैक्षणिक सत्र 2023-2024 की तुलना में 5000 कम है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए उन्हें राज्यों से यह समझाने की ज़रूरत है कि वे अपने विद्यालयों में शून्य दाखिले के मुद्दे को समाप्त करें।
कुछ राज्यों ने इस समस्या का समाधान करने के लिए स्कूलों की संख्या कम होने पर दूसरे स्कूलों में विलय कर लिया है। इससे स्कूली शिक्षा में सुधार होगा। अधिकारियों ने बताया है कि इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारों को अपनी प्रयास करने होंगे।
शून्य दाखिले वाले स्कूलों की सूची में कई राज्य शामिल हैं। इनमें हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, असम, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दमन-दीव और चंडीगढ़ शामिल हैं।
कुछ राज्यों ने इस समस्या का समाधान करने के लिए स्कूलों की संख्या कम होने पर दूसरे स्कूलों में विलय कर लिया है। इससे स्कूली शिक्षा में सुधार होगा। अधिकारियों ने बताया है कि इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारों को अपनी प्रयास करने होंगे।
शून्य दाखिले वाले स्कूलों की सूची में कई राज्य शामिल हैं। इनमें हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, असम, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दमन-दीव और चंडीगढ़ शामिल हैं।