तेजस्वी यादव का ये दांव नीतीश कुमार पर पड़ेगा भारी? सामने आए नए सर्वे में हो गया बड़ा खुलासा

नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे का दांव निकल गया भारी, यह कैसे हुआ? सामने एक बड़ा सर्वे आया है।

बिहार में चुनाव के लिए ही चंद दिन बचे हैं, लेकिन एक चौंकाने वाला नया सर्वे सामने आ गया है, जिसमें नीतीश कुमार की सरकार पर कई सवाल पूछे गए हैं। इस सर्वे में तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे को लेकर भी सवाल किया गया है।

नीतीश कुमार के सरकार को 56.7 फीसदी लोगों ने बेहतर माना, जबकि लालू-राबड़ी के सरकार को महज 16.4 प्रतिशत लोगों ने अच्छा बताया। इस सर्वे से पता चलता है कि जनता की धारणाओं में बदलाव आ रहा है।

सर्वे में लालू परिवार पर लग रहे करप्शन के आरोपों को लेकर भी सवाल किया गया। 28 फीसदी लोगों ने कहा कि IRCTC घोटाले के आरोपों से नीतीश सरकार की मजबूती बढ़ेगी। वहीं 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह आरोप महागठबंधन को नुकसान पहुंचाएगा।

इसके अलावा, सर्वे में जाति को लेकर भी सवाल किया गया। 51.1 फीसदी लोगों ने कहा कि वोटिंग में जाति का बहुत असर नहीं रहेगा। वहीं, 21.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें यह सवाल कहने में परेशानी हुई।

इस सर्वे से पता चलता है कि जनता को लगता है कि नीतीश सरकार के सरकार पर बहुत अधिक दबाव है, और लोग उसके दम पर विश्वास कर सकते हैं।
 
नीतीश सरकार की मजबूती बढ़ने का यह सर्वे मुझे अच्छा लगता है। 🤝

तेजस्वी यादव को हर घर नौकरी वायदे का दांव लेने का यह प्रयास कुछ अलग है और इसे जरूर ध्यान में रखना चाहिए। लेकिन मुझे लगता है कि जनता अभी भी नीतीश सरकार से सही उम्मीदें रखती है।

लालू परिवार पर लग रहे आरोपों को लेकर सवाल उठाना जरूरी है, लेकिन इससे भी नीतीश सरकार को अपने दम पर विश्वास करना चाहिए। 💪
 
सरकार की स्थिति अच्छी नहीं है 🤕। तेजस्वी यादव को उनके हर घर नौकरी वायदे जैसा चाल चलने से लोग परेशान महसूस कर रहे हैं। और अगर इस सर्वे में सच्चाई की ओर देखें, तो जनता की धारणाओं में बदलाव आ रहा है। लालू-राबड़ी के सरकार को अच्छा नहीं माना जा रहा है, जबकि नीतीश कुमार पर भी कई सवाल उठाए गए। और सबसे बड़ा सवाल यह है कि जनता को लगता है कि सरकार पर बहुत अधिक दबाव है। 🚨
 
😐 तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे का दांव निकल गया भारी, यह तो बहुत ही दिलचस्प बात है! लेकिन मैं सोचता हूँ कि सरकार की इतनी परेशानी तो क्यों हुई? क्या वायदे में गलतफहमी हुई या फिर कुछ और है? 🤔

मुझे लगता है कि यह सर्वे बहुत ही महत्वपूर्ण है, लेकिन मैं सोचता हूँ कि इसके पीछे की वजह भी कुछ और हो सकती है। क्या हमें अपने नेताओं पर इतनी विश्वास करना चाहिए? 🤷‍♂️

मुझे याद है जब मैं छोटा था, तो मेरे दादाजी कहते थे कि "नेता जैसे लोग तो अपनी राजनीतिक पार्टी को भूल जाते हैं।" मुझे लगता है कि यह सच है। 😊
 
नीतीश जी की सरकार में तेजस्वी जी को हर घर नौकरी वायदा करने का यह विचार फिर से उठ गया है। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक बड़ा दांव है। अगर ऐसा कहें तो हमारे देश में आज भी बहुत से लोग बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। तो सरकार द्वारा हर घर नौकरी वायदा करने का यह प्रयास अच्छा नहीं लगेगा। लेकिन इसके अलावा, इस सर्वे से पता चलता है कि जनता में बदलाव आ रहा है। लोग अपनी पसंद और निराशाओं को भी व्यक्त कर रहे हैं। तो हमें एक दूसरे को समझना चाहिए।
 
नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे का दांव 🤑 तो फिर भी यह सवाल उठता है कि अगर यह सब सच है, तो क्यों लोग अपनी आमदन को नहीं रोक सकते।

मेरा ये मानना है कि जितना हुआ है, उतना ही ठीक है। लोगों को लगता है कि नीतीश सरकार उनके लिए कुछ करने को तैयार है। यह सवाल उठता है कि अगर ऐसा है तो फिर भी लोगों को अपनी आमदन को नहीं रोकने का मौका नहीं मिला। और इस बात पर प्रश्न उठता है कि अगर नीतीश सरकार सचमुच कुछ करने को तैयार है, तो फिर भी लोगों को लगता है कि उनकी वोटों का मूल्य कम कर दिया जाएगा।
 
अरे, ये तो मुझे खुशी देता है! नीतीश कुमार जी की सरकार की बेहतरीनता को लेकर इतना सुराग मिल गया है। 56.7 फीसदी लोगों ने उसकी सरकार को बेहतर माना, यह तो बहुत अच्छी बात है! और सबसे जरूरी बात, जनता को लगता है कि नीतीश जी की सरकार पर बहुत अधिक दबाव नहीं है, वह बस दम पर काम कर रहे हैं। मुझे लगने लगा है कि चुनाव से पहले भी लोगों की राय बदल रही है। और ये सर्वे इतना बड़ा है! यह तो हमें उम्मीदें दिलाता है कि आगे क्या होने वाला है, यह निश्चित नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि चुनाव से पहले भी बहुत कुछ हुआ होगा।

मुझे ये सब अच्छा लग रहा है! 😊
 
🤔 तेजस्वी यादव की हर घर नौकरी वायदा बात को देखकर मुझे लगता है कि यह तय किया गया था कि जब वह चुनाव लड़ेगा, तो लोगों को इस बात पर विश्वास करना पड़ेगा कि उनकी सरकार हर घर नौकरी देगी। लेकिन अगर हम देखें तो यह सर्वे बहुत ही गंभीर सवाल उठा रहा है। 🤝
 
नीतीश जी की सरकार में कुछ ऐसे बदलाव आ रहे हैं जो हमें आश्चर्यचकित कर रहे हैं 🤔। तेजस्वी यादव की हर घर नौकरी वायदा यह तो बिल्कुल भी नहीं था, लेकिन जनता की धारणाओं में बदलाव आ रहा है और अब लोग इन पर सवाल पूछने लगे हैं।

यह साफ़ होता है कि जनता को लगता है कि सरकार पर बहुत अधिक दबाव है, और हमें अपनी राय व्यक्त करने में खुलकर बोलने का मौका देना चाहिए। इस सर्वे से यह भी पता चलता है कि जाति को लेकर लोगों की धारणाएं बदल रही हैं और हमें एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की जरूरत है।
 
अरे, यह सर्वे तो बहुत रोचक है। मुझे लगता है कि जनता नीतीश कुमार सरकार की बेहतरी को देखकर आश्चर्यचकित नहीं हुई है, लेकिन क्यों? क्या यह भी एक गड़बड़ी है जो चुनाव से पहले आ रही है? और तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे को लेकर इतना सवाल उठाया गया, इसका मतलब क्या है? कि जनता को लगता है कि सरकारें बहुत आसानी से ऐसा कर सकती हैं? मुझे लगता है कि इसके पीछे एक बड़ी गड़बड़ी है, लेकिन पता नहीं है।
 
नीतीश जी की सरकार में गड़बड़ी होने का ख्याल तो भाई मेरा नहीं लग रहा। अगर 56.7 फीसदी लोगों ने उनकी सरकार को बेहतर बताया है तो यह तो बहुत अच्छा रिकॉर्ड है। और IRCTC घोटाले से उनकी मजबूती बढ़ेगी, यह तो बिल्कुल सही लग रहा। और लोगों को लगता है कि नीतीश जी पर विश्वास करने की जरूरत नहीं है, यह तो बहुत ही सावधानियां बरतनी चाहिए।
 
सर्वे में तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे का दांव निकल गया है? यह तो बहुत बड़ा सवाल है। तो सर्वे में कहा कि 56.7 फीसदी लोग नीतीश कुमार सरकार को बेहतर मानते हैं? लेकिन जाति को लेकर सवाल किया गया तो 51.1 फीसदी लोगों ने कहा कि वोटिंग में जाति का बहुत असर नहीं रहेगा। यह तो एक बड़ा सवाल है?

मुझे लगता है कि अगर इस सर्वे के परिणाम निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से मूल्यांकन किए जाएं, तो पता चलेगा कि जनता की धारणाओं में बदलाव आ रहा है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सर्वे में एक पक्ष को दूसरे से अधिक समर्थन मिलता है, तो इसका मतलब यह नहीं होता कि एक पक्ष बिल्कुल सही है और दूसरा बिल्कुल गलत।

अब लालू परिवार पर लग रहे करप्शन के आरोपों को लेकर भी सवाल किया गया। तो IRCTC घोटाले के आरोपों से नीतीश सरकार की मजबूती बढ़ेगी या नहीं? यह देखकर रोचक है कि 28 फीसदी लोगों ने कहा कि यह आरोप मजबूती बढ़ाएगी, जबकि 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यह आरोप महागठबंधन को नुकसान पहुंचाएगा।
 
तेजस्वी यादव की हर घर नौकरी वायदे, यह बात तो पहले से मिल जाती थी, लेकिन अब सर्वे आया है तो लगता है कि लोगों की धारणाओं में बदलाव आ रहा है, और उनकी भावनाएं और चिंताएं भी बदलती जा रही हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि नीतीश सरकार को पूरी तरह से छोड़ा जाएगा, लेकिन फिर भी यह सर्वे बताता है कि जनता को लगता है कि सरकार पर बहुत अधिक दबाव है।
 
😐 तेजस्वी यादव ने हर घर नौकरी वायदा किया, लेकिन अब यह सवाल उठता है कि इसके पीछे क्या मकसद था। क्या वास्तव में उनकी सरकार को वोट बांटने का मौका मिल रहा है? 56.7 फीसदी लोग नीतीश कुमार की सरकार को बेहतर मानते हैं, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या यह सच है, या बस वोटों की दुनिया में गिरावट।
 
सर्वे तो मुझे जरूर पसंद नहीं है। यह साबित करता है कि जनता अभी भी धोखाधड़ी में गिर गई है। नीतीश कुमार की सरकार पर लालू-राबड़ी के बुराईयों को छुपाया गया है, और तेजस्वी यादव का हर घर नौकरी वायदा भी पूरा करने में असमर्थ है।

मुझे लगता है कि इस सर्वे का अर्थ यह है कि लोग अभी भी अपने दावों को खोने से डर रहे हैं। और अगर हम तय करते हैं कि जनता की धारणाओं में बदलाव आ रहा है, तो यह एक बहुत बड़ी समस्या है।

सर्वे में लोगों ने कहा है कि जाति का बहुत असर नहीं रहेगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह केवल चुनाव स्थलों पर बोली जाने वाली बात है। सच्चाई तो और भी गहरी होगी।
 
क्या तेजस्वी यादव ने अपने मुंह से बात करने के बजाय, अपने खिलाफ ऐसा सर्वे बनाने की कोशिश की? 56.7 फीसदी लोगों ने उन्हें बेहतर माना, लेकिन उनके हर घर नौकरी वायदे को लेकर भी सवाल किया गया। लगता है कि जनता को यह महसूस हुआ कि वह अपने मत को सही ढंग से व्यक्त नहीं कर सकते। और नीतीश सरकार पर इतनी दबाव है, ताकि 28 फीसदी लोगों को लगता है कि उनकी मजबूती बढ़ेगी। ये सर्वे बताता है कि जनता को लगता है कि वोटिंग में जाति का बहुत असर नहीं रहेगा, लेकिन 21.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें यह सवाल कहने में परेशानी हुई। 😐
 
अरे, यह सर्वे तो बहुत भयानक दिख रहा है 🤕। नीतीश कुमार जी की सरकार को कोई अच्छा नहीं कहा गया, बस 56.7 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उनकी सरकार बेहतर है। और तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे को लेकर भी बहुत सवाल किये गए, यह तो मुश्किल हो गया है।

लालू-राबड़ी के सरकार को कोई अच्छा नहीं कहा, बस 16.4 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उनकी सरकार बेहतर है, यह तो बहुत ही दुखद है। और IRCTC घोटाले के आरोपों से नीतीश सरकार की मजबूती बढ़ेगी, यह तो एक बड़ा खतरा है 🚨

सर्वे में जाति को लेकर भी बहुत सवाल किये गए, यह तो बहुत ही गंभीर मुद्दा है। 51.1 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वोटिंग में जाति का बहुत असर नहीं रहेगा, लेकिन 21.7 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उन्हें यह सवाल कहने में परेशानी हुई।
 
अरे भाई, ये सर्वे तो बहुत ही रोचक हैं! मुझे लगता है कि नीतीश कुमार की सरकार के पास सुधार करने के लिए बहुत सारी चीजें हैं। 🤔😬 जैसे कि उन्हें अपने दम पर विश्वास कराने के लिए और भी अधिक काम करना होगा। और तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे को लेकर, मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा दांव था जिस पर उनकी सरकार ने खेला है। 😬

लेकिन भाई, जनता की धारणाओं में बदलाव आ रहा है, और इससे पता चलता है कि लोगों को लगता है कि हमारे देश को सुधारने के लिए अधिक काम करने की जरूरत है। 💪🏽 जैसे कि बिहार में भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी चीजों पर ध्यान देना होगा। 📚💊
 
नीतीश कुमार की सरकार को 56.7 फीसदी लोगों ने बेहतर माना, लेकिन ये सवाल उठता है कि यह संख्या सच्चाई को दर्शाती है या नहीं? मेरे ग्राहकों के लिए, तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे को लेकर सवाल किया गया, लेकिन यह सवाल क्या है? हमारे देश में करप्शन का मुद्दा बहुत ज्यादा है, और इस सर्वे से पता चलता है कि जनता इसके बारे में चिंतित है।

और सबसे अच्छी बात यह है कि लोगों ने कहा है कि वोटिंग में जाति का बहुत असर नहीं रहेगा, यह एक बड़ा संदेश है हमारे देश के प्रति। और फिर भी, कुछ लोगों ने कहा है कि उन्हें यह सवाल कहने में परेशानी हुई, इसे समझना जरूरी है।
 
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