बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, राहुल-खरगे समेत इन नेताओं को किया शामिल; देखें पूरी लिस्ट

कांग्रेस ने अपनी स्टार प्रचारकों की सूची में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और राहुल के नाम जोड़े हैं। यह सूची अपने मजबूत नेताओं को दर्शाती है जिन्हें पार्टी ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में शामिल करने पर विचार कर रही है। प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत, और भूपेश बघेल जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित कई अन्य नेताओं को भी इस सूची में शामिल किया गया है।

इस सूची के साथ ही, पार्टी ने इमरान प्रतापगढ़ी, जीतू पटवारी, शकील अहमद खान, और पप्पू यादव सहित कई अन्य नेताओं को भी शामिल किया है। अलका लांबा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सचिन पायलट, और कन्हैया कुमार जैसे अन्य प्रमुख नेताओं को भी इस सूची में जगह दी गई है।

यह सूची कांग्रेस की रणनीति को दर्शाती है कि वे अपने मजबूत नेताओं का उपयोग करके बिहार चुनाव में एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनाने की कोशिश कर रही है।
 
मुझे लगता है कि ये सूची तो बहुत देर से किया गया है, शायद पार्टी ने अच्छी बात नहीं सोची है। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी जैसे लोगों को चुनाव में डालने से पहले उन्हें एक्सप्रेशन डिबेट में भाग लेना चाहिए, तो ही उनकी राजनीति में सुधार हो सकता है। और पाप्पू यादव जैसे लोगों को शामिल करने से पहले उन्हें अपनी अनुभवहीनता को स्वीकार कर लेना चाहिए, नहीं तो वोटर्स पर बहुत निश्चितता होनी चाहिए।
 
अरे ये तो बहुत बड़ी गड़बड़ी है! कांग्रेस नेताओं का सभी ही परिवार में दीवार जैसी संबंध हैं और अभी भी उनके बेटे या बेटियों को नेता बनाया गया है? अरे ऐसे में चुनाव लड़ने की क्या जरूरत?
 
बीते दिनों की तरह, यह भी ऐसी ही कुछ है जो सोचकर मन मोह लेता है... कभी-कभी, लगता है कि कांग्रेस ने इस बार फिर से अपने पास मजबूत नेताओं का मिलजुल कर रखा है, जैसे मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल... लेकिन, फिर भी कई सवाल उठते हैं, जैसे कि यह सचमुच एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनाने की कोशिश कर रही है या नहीं? क्या उन्हें वास्तव में बिहार के नेताओं से कोई मदद लेनी होगी? और क्या यह सब पूरी तरह से अपनी रणनीति से जुड़ा हुआ है? 🤔
 
मुझे लगता है कि कांग्रेस को अपने नेताओं की सूची में इन सभी नामों को जोड़ने से पहले उन्हें यकीन करना चाहिए कि वे बिहार के लोगों के दिल पर कब्ज़ा कर पाएंगे। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के नाम जोड़ने से पहले उन्हें यह सवाल करना चाहिए कि क्या वे बिहार के मुद्दों को समझते हैं और उनके लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

इसके अलावा, यह सूची मुझे लगता है कि कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं को बहुत ज्यादा महत्व दिया है। अगर वे उनकी उम्र और अनुभव को भूल गए तो बिहार के युवाओं के लिए यह एक बड़ी समस्या बन सकती है।
 
मुझे लगता है की कांग्रेस की यह सूची का अर्थ ये नहीं है की वो चुनाव जीतने की उम्मीद में नेताओं को बेच रही है। उनके पास मजबूत नेताओं की कमी नहीं है, बल्कि उन्हें चुनावों में अपना मूल्य निकालने की जरूरत है। कोई भी मजबूत नेता चुनाव में जीत लेने के लिए तैयार नहीं है! 🤔
 
बेटियों को बाहर निकालना मुश्किल है किन्तु पुरुषों की इस सूची में बहुत सारी महिलाएं शामिल हैं जो कांग्रेस के मजबूत नेताओं का प्रदर्शन कर रही हैं। सोनिया गांधी और राहुल के नाम जोड़ने की बात अच्छी है लेकिन यह तय करना जरूरी है कि वे चुनाव में अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए तैयार हैं या नहीं। प्रियंका गांधी और अन्य महिलाओं को इस सूची में शामिल करने से नेतृत्व के पास भी अच्छे विकल्प मिल सकते हैं।
 
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की अच्छी सूची बनाई है और यह दिखाता है कि वे अपने मजबूत नेताओं का उपयोग करके एक अच्छा प्रतिद्वंद्वी बनने की कोशिश कर रही हैं 🤔। उनके बीच कई अच्छे नेता हैं जो चुनाव में बहुत सफल हो सकते हैं। यह देखने के लिए रोचक है कि वे अपने रणनीति कैसे बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
 
मुझे लगता है कि यह सूची बहुत ही अच्छी निर्णय हो सकता है क्योंकि इसमें कई अनुभवी और मजबूत नेताओं को शामिल किया गया है। मल्लिकार्जुन खरगे जी एक बहुत ही अच्छे स्थानीय नेता हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र में बहुत ही अच्छा काम किया है 🙌

लेकिन मुझे लगता है कि पार्टी को अभी भी थोड़ा और समय चाहिए ताकि वे अपनी रणनीति पर सुरक्षित महसूस कर सकें और उन सभी नेताओं को सही तरीके से चुनने में सफल हो सकें जिनका चयन करना है।
 
🙄 यह तो बिल्कुल सही है कि कांग्रेस ने अपने ज्यादा प्रभावशाली नेताओं को अपनी सूची में शामिल कर दिया है। लेकिन, तुम्हारी याद में आ रहा है कि 2004 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनके प्रायोगिक नेताओं ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। तो फिर यह सूची तो एक रणनीतिक ब्लफ है जिससे उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वियों को मुश्किल में डालने की कोशिश करनी होगी।

मुझे याद है जब मैंने 1995 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में लड़ा था, और मेरी पार्टी ने तो एक छोटी सी जीत हासिल की, लेकिन मेरा यह अनुभव मुझे यह बताता है कि अगर हम अपने मजबूत नेताओं का सही तरीके से उपयोग करें, तो हमें बिल्कुल भी चिंता नहीं करनी चाहिए।

बिहार विधानसभा चुनाव में जीतने की कोशिश करते हुए, कांग्रेस ने अपने रणनीतिक हिस्से पर बहुत सोच-समझकर काम किया होगा। तो फिर यह सूची उनकी मजबूत पार्टी की दीवार को दर्शाती है।
 
बिहार के चुनाव में कांग्रेस को टकराने के लिए तैयार है... उनकी सूची देखकर लगता है कि वे अपने मजबूत नेताओं का उपयोग करके बहुत बड़ा प्रभाव बनाएंगे। मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और राहुल को शामिल करने से यह समझा जा सकता है कि वे अपने मजबूत नेताओं का उपयोग करके बहुत बड़ा प्रभाव बनाएंगे। प्रियंका गांधी जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित कई अन्य नेताओं को भी इस सूची में शामिल किया गया है। यह देखकर आश्चर्यकारक नहीं लगता है कि कांग्रेस अपने मजबूत नेताओं का उपयोग करके बिहार चुनाव में एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनाने की कोशिश कर रही है।
 
मुझे लगता है कि यह सूची बहुत ही अच्छी है, और इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने मजबूत नेताओं को चुनाव में शामिल करने की सोच ली। मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और राहुल जैसे नेताओं को देखकर मुझे बहुत उम्मीदें हैं कि वे पार्टी को बिहार चुनाव में बहुत मजबूत बनाने में मदद करेंगे। यह सूची कांग्रेस की रणनीति को दर्शाती है कि वे अपने नेताओं का उपयोग करके एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनाने की कोशिश कर रही हैं। मुझे लगता है कि यह सूची बहुत ही अच्छी है और मुझे उम्मीदें हैं कि वे पार्टी को बिहार चुनाव में सफल बनाने में मदद करेंगे। 🙌
 
मैंने देखा कि सोनिया गांधी और राहुल को अपनी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है... यह तो एक अच्छा निर्णय लगता है, उनकी अनुभव और योग्यता से चुनाव में जीत हासिल करने की संभावना बढ़ गई है... लेकिन देखिए, पप्पू यादव को भी शामिल किया गया है? यह तो एक राजनीतिक खतरनाक साबित हो सकता है...
 
अरे, यह सूची कितनी अच्छी लगी 🤔, मल्लिकार्जन खरगे जी और सोनिया गांधी जी तो बहुत बड़े नेता हैं... लेकिन मुझे लगता है कि राहुल को शामिल करने से पहले उन्हें अपनी सीट से हार जाना चाहिए 🙅‍♂️, अगर नहीं तो यह सूची खूब परेशान करेगी। और प्रियंका गांधी जी को भी शामिल करने में संदेह है, उनकी राजनीतिक गतिविधियों में कुछ बदलाव जरूरी है।
 
मुझे लगता है की कांग्रेस को ये बहुत जरूरी लगा की उन्होंने अपने मजबूत नेताओं को चुन लिया है जिनसे वे 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और राहुल की शामिली मुझे आश्वस्त करती है की कांग्रेस ने अपने नेताओं को मजबूत बनाने के लिए बहुत सावधानीपूर्वक विचार किया है। प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत, और भूपेश बघेल जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित कई अन्य नेताओं को भी इस सूची में शामिल करने से कांग्रेस की रणनीति में एक नया आयाम आ गया है। अब देखना ही होगा की यह सूची कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होती है या नहीं। 🤔
 
मुझे लगता है कि भ्रष्टाचार की खाई में डूबने वाली पार्टियों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, तो कांग्रेस या उनके साथी चुनावी घोटालों के दुष्ट खिलाड़ियों को माफ करने और फिर अपने 'मजबूत' नेताओं को प्रमोट करते समय बहुत ही बेवकूफी करते हैं 🤦‍♂️
 
यह सूची तो हमेशा से कहीं भी कांग्रेस नेताओं की शक्ति और मजबूती को दिखाती है 🤔. राजनीति में ताकत और कमजोरी, ये हमेशा से एक जीवन की लड़ाई है, लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने इस चुनाव में अपने सबसे अच्छे विकल्पों पर विचार कर लिया है। यह सूची तो हमें उम्मीद दिलाती है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनेगी।

लेकिन, यह सवाल भी उठता है, क्या ये सभी नेताओं को चुनने से हमें वास्तविक राजनीतिक बदलाव मिलेगा? या फिर यह बस एक खेल होगा, जिसमें हर कोई अपनी ताकत और कमजोरी का प्रदर्शन करता रहेगा। 🤷‍♂️
 
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी स्टार प्रचारकों की सूची में कई प्रमुख नेताओं को शामिल किया है यह अच्छा संकेत है कि पार्टी वास्तव में मजबूत नेताओं पर भरोसा करती है। मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और राहुल को शामिल करने से यह दर्शाता है कि पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं का उपयोग करके विपक्षी दलों पर दबाव डाल सकती है। यह सूची भी बताती है कि कांग्रेस बिहार में एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनने की कोशिश कर रही है। 🤔
 
मुझे लगता है कि यह सूची तो बहुत ही अच्छी है 🤔, लेकिन फिर भी मैं नहीं समझ पाता कि क्या वास्तव में ये सभी नेता बिहार चुनाव में जीतने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे लगता है कि कुछ लोग तो बस अपने नाम पर प्रचार करने के लिए यहाँ हैं, न कि वास्तविक राजनीति में शामिल होने के लिए 🤑। फिर, जो भी हो, यह सूची जरूर अच्छी लगती है क्योंकि इसमें बहुत सारे अनुभवी और मजबूत नेता हैं, जो बिहार चुनाव में हमेशा एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनाने की कोशिश करते रहे हैं।
 
कांग्रेस की सूची देखने से लगता है कि वे बिहार चुनाव में बड़ा खेल खेलने जा रही हैं 🏆। मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, और राहुल को शामिल करने से पार्टी के मजबूत नेताओं का दिखावा हो रहा है। लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या ये नेताओं की ताकत बिहार के लोगों की राय में है? कांग्रेस की सूची में प्रियंका, अशोक, और भूपेश जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं को शामिल करना अच्छा है लेकिन उन्हें अपने विचारों को मजबूत बनाने की जरूरत है।
 
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