UP: इसे जिले में टूटे शराब पीने के सारे पुराने रिकॉर्ड, देशी पर बुलंदशहर वालों का भरोसा; झूमा आबकारी विभाग

बुलंदशहर में दिवाली के त्योहारी सीजन में शराब पीने वालों ने कुछ रिकॉर्ड तोड़े हैं। 19 अक्तूबर से 24 अक्तूबर तक, 10 करोड़ 47 लाख रुपये की शराब बेची गई।

इस दौरान, जिले में दिवाली का माहौल बड़े ही खुशियों और जोश से भर गया। आबकारी विभाग ने भी इस बात पर हावी रहने की कोशिश की, लेकिन शराब पीने वालों ने उन्हें दिल्ली के वुलंदशहर का तंज दिया।

इसी मामले से पता चलता है कि बुलंदशहर में शराब पीने का रूख खूबसूरत है। यहां के लोग ने अपने जश्न पर शराब को विशेष महत्व दिया। आबकारी विभाग के लिए इस बात से बुरा लगता है कि बुलंदशहर में शराब की बिक्री इतनी बढ़ी कि रिकॉर्ड तोड़ दिए गए।

इस पूरे मामले ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है: शराब पीने वालों को क्या पता है?
 
[ GIF of एक खिल्ली में दिख रहे व्यक्ति ] 😂🍻

[ इमेज़ जिसमें बुलंदशहर के रास्ते पर लोग शराब पीते हुए दिखाए गए हैं ]

[ वीडियो जिसमें दिवाली के त्योहार में बुलंदशहर के लोगों ने शराब पीने का मज़ा लेते हुए दिखाई दे रहे हैं ]

[ GIF जिसमें आबकारी विभाग को दिल्ली के वुलंदशहर का तंज दिखाया गया है ]
 
मेरी फिल्म देखने जा रहे हैं तो बुलंदशहर में शनि रात कितनी खूबसूरत होती है, लेकिन शराब पीने वालों की चेतावनी देनी चाहिए। 10 करोड़ 47 लाख रुपये की शराब बेचना तो बहुत बड़ा ही मामला है… अगर हमारे बच्चे इस बात पर और भी ज्यादा गंभीरता से चले तो दिवाली का खेल खतरे में पड़ सकता है।
 
बुलंदशहर में दिवाली के त्योहारी सीजन में शराब पीने वालों ने रिकॉर्ड तोड़े हुए, लेकिन यह सवाल कि शराब पीने वालों को क्या पता है... 🤔 बहुत जटिल है। कुछ लोग सोचते हैं कि शराब पीने वाले लोग मूर्ख हैं या निर्दोष, लेकिन मुझे लगता है कि यह सवाल बहुत और भी जटिल है।

मेरी राय में यह सवाल इस बात पर निर्भर करता है कि हम शराब पीने वालों को कैसे देखते हैं। अगर हम उन्हें मूर्ख या निर्दोष मानते हैं, तो फिर यह सवाल स्पष्ट नहीं होगा। लेकिन अगर हम उन्हें बुद्धिमान और जागरूक मानते हैं, तो यह सवाल भी स्पष्ट नहीं होगा।

मुझे लगता है कि शराब पीने वालों को कुछ पता है, लेकिन यह अलग है। हमारी समाज में शराब पीने की समस्या बहुत बड़ी है, और इसे हल करने के लिए हमें एक साथ आना होगा।
 
मुझे लगने लगा कि मैं बुलंदशहर जाना चाहता हूँ, मेरी बहन की दोस्त तो वहाँ रहती है 🤗। लेकिन फिर सोचते हुए कि मेरे परिवार की शिक्षा में खर्च करने के लिए खूबसूरत कुछ नहीं होगा, तो मैं दिल्ली रहना पसंद करूँगा।

अब बात करते हैं शराब, मुझे लगता है कि यह बहुत से लोगों को पसंद नहीं है, लेकिन फिर भी ज्यादा खुशियाँ मनाने के लिए मुझे लगने लगा कि बिल्कुल सही हो सकता है। तो क्या शराब पीने वालों को ये समझ में नहीं आता कि उनकी शराब पीने की आदत से न केवल अपने जीवन पर बल्कि अपने परिवार और समाज को भी बुरा होने वाला प्रभाव पड़ता है?
 
🤔 बुलंदशहर में शराब की बिक्री बढ़ गई है, लेकिन यह तो सच है कि सारी दुनिया में लोग शराब पीते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी सरकार या आबकारी विभाग शराब के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर हो गया है।

यह तो सिर्फ एक बात है, दिवाली का माहौल और जश्न मनाने का तरीका। लोग खुशियों से भर जाते हैं और शराब पीते हैं। यह तो एक निजी मामला है। सरकार को शराब के बारे में गंभीर नहीं रहनी चाहिए, इसके बजाय वह अपने लोगों के खिलाफ स्वास्थ्य कानूनों और नियमों को मजबूत बनाना चाहिए।

शराब पीने वालों को पता है कि शराब बंद करना आसान नहीं है, लेकिन शराब की समस्या को दूर करने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।
 
बिल्कुल, शराब पीने वालों को लगता है की दिवाली में खुशियाँ और जोश के साथ ही शराब भी पीनी चाहिए, पर फिर हमें यह भी सवाल उठाना होगा की ये जिंदगी क्यों बना रहे तो?
 
तो ये बुलंदशहर में शराब की बिक्री इतनी ज्यादी हुई कि रिकॉर्ड तोड़ दिए गए! यह तो बहुत भाईजान है! लोग ऐसे मजेदार वाले हैं तो शराब पीने में खुशियां लेते हैं और दूसरों को भी शामिल करने का जोश करते हैं। लेकिन फिर बाकी सब क्या करेगा? आबकारी विभाग से नहीं, तो फिर किसी के पास यह सवाल उठता है कि शराब पीने वालों को क्या पता है? शायद उन्हें पता ही नहीं! 😂
 
अरे, यह बुलंदशहर में शराब की बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ने से निकलने वाले दीवानगी का मतलब यही कि लोग अपने जश्न पर शराब को बहुत महत्व देते हैं 🤪। तो क्या यही वजह है कि शराब पीने वालों में से अधिकांश लोग बिना चिंता के शराब की बिक्री कर रहे हैं? और सरकार के आबकारी विभाग को इस पर क्या नियंत्रण करने की कोशिश करनी चाहिए?
 
शराब पीने वालों की यह गड़बड़ी सुनकर मुझे खेद हुई। 10 करोड़ 47 लाख रुपये की शराब बेचने से पहले क्या पता था? कि इस दौरान जान-माल को कैसे खतरे में डाला जाएगा? और सरकार ने इतनी आसानी से शराब की अनुमति देने की बात क्यों कर रही है?

बुलंदशहर में दिवाली के त्योहारी सीजन में शराब पीने वालों ने रिकॉर्ड तोड़ दिए, लेकिन उनके लिए यह जानबूझकर या अनजाने में हो सकता है। शायद सरकार को पता भी नहीं था। लेकिन अगर इतनी बड़ी संख्या में शराब पीने वालों ने तोड़ा हुआ रिकॉर्ड, तो यह हमेशा के लिए बना रहेगा।

मुझे लगता है कि सरकार को इस पर और जांच करनी चाहिए।
 
Wow! 🤯 बुलंदशहर में शराब की बिक्री इतनी बढ़ी कि रिकॉर्ड तोड़ दिए गए, यह सच में आश्चर्यकारी बात है 😮। आबकारी विभाग के लिए यह एक बड़ा चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है। लेकिन यह भी सच है कि शराब पीने वालों को अपने जश्न पर खुशियों और जोश से भरने देना चाहिए, परंतु सही तरीके से। Interesting! 🍺
 
मुझे लगता है कि यह बुलंदशहर की खूबसूरती का एक और उदाहरण है। लोगों को त्योहार की शुरुआत में शराब पीने में इतना आनंद लेने की जरूरत नहीं है, फिर भी विशेषताओं का आनंद लिया जा सकता है।

बुलंदशहर में दिवाली का माहौल खुशियों से भर गया है, और यहां के लोगों ने अपने जश्न पर शराब को विशेष महत्व नहीं देना चाहिए। आबकारी विभाग को अपनी देयता समझनी चाहिए और इस तरह से काम करना चाहिए कि लोगों को शराब पीने की जरूरत न हो।

मुझे लगता है कि बुलंदशहर में शराब पीने का रूख खूबसूरत है, लेकिन इसके लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है। 🍻😊
 
मैंने सोचा था कि बुलंदशहर में दिवाली के त्योहारी सीजन में शराब पीने की बात बढ़ जाएगी, लेकिन 10 करोड़ रुपये तक की शराब बिक्री की बात तो मुझे हैरान कर देगी। यहां पर लोगों का शराब पीने का मनोबल तो बहुत है, लेकिन लगता है कि उनकी समझ भी बढ़ गई है। मैं सोचता हूं कि दिवाली के त्योहारी सीजन में शराब पीना ठीक है, लेकिन इतनी बातें करने से पहले खुद को यह सोचना चाहिए कि शराब पीने से हम अपने जीवन में कितनी अच्छाई लाएंगे।
 
शराब बेचने वालों की संख्या 2020 में सिर्फ 4 करोड़ 25 लाख थी, लेकिन वर्ष 2025 में यह 10 करोड़ 47 लाख हो गया है 🤯। जैसे ही लोग अपने घरों से बाहर निकलते हैं, वे शराब की दुकानों पर लगातार रोज की तरह जाने लगते हैं। शराब पीने वालों को तो खुशियां मिल रही हैं और उनकी आबादी बढ़ रही है! 🎉

शराब बेचने वालों से कम आय नहीं मिलेगी, बस इतना कह दें कि लोग शराब पीने की आदत लगा चुके हैं। 2019-20 में प्रति वर्ष लगभग 3.5 लाख लोगों ने शराब पीने की आदत सीखी। वर्ष 2024 में इस संख्या 8 करोड़ हो गई। यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है! 📈

मैं तो सोचता हूं कि शराब पीने वालों की संख्या बढ़ने के पीछे सरकार द्वारा शराब पर प्रतिबंध लगाने की कोई जिम्मेदारी नहीं है। लोग अपनी आदतें हैं और उनको छोड़कर नहीं चले सकते। 🤷‍♂️
 
मैंने इस खबर सुनी और मुझे ऐसा लगा कि बुलंदशहर में दिवाली के त्योहारी सीजन में शराब पीने वालों ने एक बड़ा आँखों का तान खेला है। 10 करोड़ 47 लाख रुपये की शराब बेचना एक जादुई संख्या है, लेकिन यह भी सच है कि शराब पीने वालों को अपने जश्न पर इतनी गंदगी करने की जरूरत नहीं थी।
 
मैंने देखा है कि बुलंदशहर में दिवाली तो जोर से मनाई जाती है और शराब की बिक्री भी तेज़ होती है। यह तो शायद लोगों की खुशियों को दिखाने का एक तरीका हो 🎉। लेकिन फिर भी, आबकारी विभाग को शराब की बिक्री पर नज़र रखनी चाहिए, ताकि यहाँ के युवाओं को गलत दिशा में नहीं ले जाया जाए 🙏
 
बुलंदशहर में दिवाली के त्योहारी सीजन में शराब पीने वालों ने खूबसूरत तरीके से अपने जश्न मनाए। आबकारी विभाग के लिए यह बड़ी समस्या है कि लोगों को इतनी ज्यादा शराब पसंद आई। मुझे लगता है कि इस दौरान लोगों ने खुद को बेहतर तरीके से जानते हुए भी शराब पीने लगा। त्योहारों पर शराब पीना चाहे तो अच्छा है, लेकिन लोगों को अपने आप को थोड़ा समझने की जरूरत है।
 
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