‘आरोपियों को बचा रही सरकार’, सतारा डॉक्टर आत्महत्या मामले में बोले राहुल गांधी

मुख्यमंत्री फिर से आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह सवाल उठता है कि उनकी पार्टी वास्तव में न्याय के लिए लड़ रही है या नहीं।

महात्मा गांधी के देश को साफ करने की बात करते हुए, राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, "एक होनहार डॉक्टर अपनी माँ थी, जो दूसरों का दर्द मिटाने की आकांक्षा रखती थी। लेकिन जब वह सत्ता के लिए चढ़ी, तो उसकी प्रताड़ना की बात हुई।"

राहुल गांधी ने आरोपियों को बचाने की मामले में सरकार पर सवाल उठाया, "सतारा में डॉक्टर की आत्महत्या से लेकर यह तय नहीं हुआ कि उनकी जिंदगी क्यों बर्बाद हुई।"

राहुल गांधी ने कहा, "हमें पता है कि सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हमें इसके पीछे की सच्चाई जाननी चाहिए।"

सतारा में डॉक्टर की आत्महत्या से लेकर सरकार की आलोचना करने वाले कई नेताओं में अब राहुल गांधी भी शामिल हैं।
 
मुझे लगता है कि 🤔 यह देश की समस्या है। हम सभी को अपने जीवन में सुधार करना चाहिए, लेकिन सरकार को भी अपने नेताओं को बदलना चाहिए। 🙅‍♂️ राहुल गांधी बोल रहे हैं कि हमें सच्चाई जाननी चाहिए, लेकिन हमें अपने खुद के सुधार करने भी चाहिए। 💡

मुझे लगता है कि यह देश को साफ करने की बात मात्रा मात्र बोली जा रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि हमें अपने जीवन में सुधार करना चाहिए। 🌸

हमें अपने देश को अच्छा बनाने के लिए एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए। 🤝
 
मुझे लगता है कि यह बात तो बहुत ज्यादा चोटीली है। अगर हमारे देश को साफ करना है, तो हमें सबसे पहले अपने आपस में साफ होना होगा। लेकिन अभी ऐसा लगता है कि सरकार और कुछ नेताओं ने अपने आपसी बुराइयों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। 😞

मैंने देखा है कि कई लोग अपनी जिंदगी में गलतियाँ करते हैं, लेकिन फिर भी वे सुधार करने की कोशिश करते हैं। लेकिन अब यह तो दिखाई देता है कि सरकार और नेताओं को अपनी गलतियों पर खulकर बोलने की ज़रूरत है। 🤔

मैं सोचता हूँ कि अगर हम अपने आपस में साफ होने की बात कर रहे हैं, तो फिर सरकार और नेताओं को भी ऐसा ही करना चाहिए। और अगर वे ऐसा नहीं कर रहे हैं, तो हमें उन पर सवाल उठाना चाहिए। 🤷‍♂️
 
बड़े बड़े नेता हमेशा अपनी पार्टी के हित में तो तुमसे खुद सोचते हैं तो फिर आरोपियों को बचाने की जिम्मेदारी कहाँ से लेगी। राहुल जी ने सही बात कही है कि सरकार वास्तव में न्याय के लिए लड़ रही है या नहीं इसका जवाब देना चाहिए।

पहले तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्ता में आने वाले नेता हमारे देश के हित में हैं या नहीं। सरकार की आलोचना करना एक अच्छा काम है लेकिन इसके पीछे की सच्चाई जानना भी बहुत जरूरी है।

हमें अपने नेताओं से उम्मीदें रखनी चाहिए, नहीं तो वे हमारे देश को आगे बढ़ाने में मदद नहीं कर सकते।
 
मेरी बात तो यह है कि फिर से आरोपियों को बचाने की बात में चिंता है, लेकिन याद रखिए कि यह एक मामला है। वहीं सतारा में डॉक्टर की आत्महत्या से जुड़ी बात तो बहुत गंभीर है ,मेरी माँ भी कभी ऐसी गलतियां नहीं कर पाई थी, मैं बस यह सोचता हूं कि अगर राहुल गांधी जी ने सही सवाल उठाए, तो शायद हमें कुछ समझने को मिले।
 
अरे, यह तो बहुत दुखद बात है... सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह सवाल उठता है कि सच्चाई क्या है? महात्मा गांधी ने हमेशा साफ कहा था, "सत्य ही मुझे सहारा है।" लेकिन सरकार सत्य को क्या मानती है? यह तो एक बड़ा सवाल है... 🤔

और राहुल गांधी जी ने बिल्कुल सही कहा, "हमें पता है कि सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हमें इसके पीछे की सच्चाई जाननी चाहिए।" यह तो एक सच्चे नेता की बात है... उनको पता होता है कि सच्चाई क्या है।

लेकिन, यह तो सवाल है, हमें अपने देश में सत्य की क्या महत्ता समझनी चाहिए?
 
राहुल जी के पोस्ट पर पढ़कर मैंने हंसी आ गई, यानि जब वह डॉक्टर का उलटोपन बताते हैं तो सत्ता के खिलाफ लड़ने की बात करते हैं, लेकिन जब वास्तविकता सामने आती है तो उनकी पार्टी की ओर मुड़ते हैं।

मुझे लगता है कि हमें यह सवाल उठाना चाहिए कि अगर हमारे देश को साफ करना है, तो फिर हमें अपने नेताओं की खिड़कियों को भी साफ करना होगा।

मेरी माँ बिल्कुल एक ऐसी माँ थी, जो हमेशा सोचती थी कि मैं कैसे दूसरों का दर्द मिटा सकता हूँ। लेकिन जब मैंने अपनी खिड़की साफ की, तो मुझे पता चला कि मेरी खिड़की साफ होने के लिए, पहले मेरे दिल और मन साफ होने चाहिए।

तो राहुल जी, आप अपने पोस्ट में सच्चाई बोल रहे हैं, लेकिन आपको अपनी खिड़की भी साफ करनी होगी।
 
कोई ऐसा नहीं कह सकता कि राहुल जी बिना सोचे-समझकर सरकार के खिलाफ आलोचना कर रहे हैं... उनकी बात में कुछ और है जिसे हमने पहले नहीं देखा था। सतारा मामले में अगर डॉक्टर ने आत्महत्या करने के लिए मजबूर महसूस किया, तो सरकार को उसकी समस्याओं को सुलझाने में इतना समय लेना देखना थोड़ा अजीब है। शायद वे पास से चलने वालों जैसे ही डॉक्टर की परिस्थिति को समझ रहे हैं... 🤔
 
मैंने बहुत खुशी हुई जब मुझे पता चला कि मेरी बहन ने बेटे से लंगोट बांटकर पहना था, वो तो दुनिया को दिखाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसे कहा है कि पहले घर पर खिलौना फेंक दो। और आज जब मैंने देखा कि राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, तो मुझे खुशी हुई, वो लड़का सोच रहा था कि अपनी माँ की बात करे। लेकिन अब जब मैंने पढ़ा कि वह सतारा में डॉक्टर की आत्महत्या पर बोले, तो मुझे लगता है कि लड़के ने गलत सोचा, क्योंकि जिंदगी बहुत सीमित है।
 
मैंने देखा है कि राहुल जी ने बात की, यह सवाल उठता है कि सरकार वास्तव में न्याय लाने की कोशिश कर रही है या नहीं। इसका जवाब देने के लिए, हमें पहले से ही सरकार की पार्टी के सिद्धांतों को समझना होगा। अगर वास्तव में न्याय लाने की बात की जा रही है, तो तो उन्हें आरोपियों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए, परंतु यह सवाल उठता है कि सरकार कितनी ईमानदार है।

आज की स्थिति में हमें पता नहीं है कि सरकार वास्तव में न्याय लाने की बात की जा रही है या नहीं। यह सवाल हमें ध्यान देना चाहिए।
 
मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद घटनाएँ होती जा रही हैं भारत में। सरकार वास्तव में आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हमें सोचना चाहिए कि ये घटनाएँ न केवल एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती हैं बल्कि समाज को भी परेशान करती हैं।

मुझे लगता है कि सरकार वास्तव में न्याय के लिए लड़ने की जगह इस तरह की घटनाओं को ढककर रहना चाहती है। हमें अपने देश को साफ करने की बात करते रहनी चाहिए, लेकिन इसके पीछे वास्तविक परिवर्तन आना चाहिए।

यह एक बहुत बड़ी समस्या है और हमें इस पर जोर देना चाहिए कि सरकार वास्तव में न्याय के लिए लड़ रही है या नहीं।
 
राहुल गांधी जी की बात में थोड़ा मजाक नहीं है यह सवाल उठता है कि सत्ता में आने के बाद वो औरते क्या सोचते हैं? उनकी पार्टी में ऐसे लोगों को मान्यता देनी चाहिए ना जो समाज को आगे बढ़ाने के लिए कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं।
 
राहुल जी की बात समझ में आती है, परिवारवाद और सत्ता की धुन में पार्टी को एक्स पर डालने से बचाने की कोशिश में आ रहे लोगों को देखना मुश्किल लगता है।
 
राहुल जी की बात सही है 🤔। मेरे दोस्त की बहन के पति को आरोपी बनाया गया था, लेकिन फिर उनकी सजा खत्म हो गई। मुझे लगा कि यह तो सरकार की गलती नहीं थी, बल्कि अदालत की गलती थी। हमें न्याय की सुनवाई करनी चाहिए, न कि सरकार को आरोपियों को बचाना। हमें पता होना चाहिए कि सच्चाई कहाँ है। मैं राहुल जी के इस बातचीत से प्रभावित महसूस कर रहा हूँ।
 
अरे दोस्त, यह तो बहुत ही जटिल मामला है... मुझे लगता है कि सरकार को अपनी पार्टी की बुराइयों पर सिर नहीं उड़ाना चाहिए, लेकिन एकदम खुलकर सच्चाई बतानी भी चाहिए।

महात्मा गांधी जी ने हमेशा सत्य और न्याय की लड़ाई लड़ी थी, लेकिन आज के समय में यह बहुत ही मुश्किल हो गया है। राहुल गांधी जी ने बिल्कुल सही कहा है कि सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई तो दूसरी बात है।

मुझे लगता है कि हमें अपने नेताओं से उम्मीदें नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें जवाबदेह ठहराना चाहिए। यही क्योंकि जब तक हमें अपने नेताओं को जिम्मेदार ठहराएंगे, तब तक हमारा देश कभी भी सच्चाई और न्याय नहीं पाएगा।

उम्मीद है, सरकार को अपने विचारों पर सोचने का समय मिलेगा, और हमें अपने देश को बेहतर बनाने के लिए एक साथ मिलकर लड़ना होगा।
 
मुझे लगता है कि यह तो बहुत बड़ा सवाल है कि हम अपने देश को साफ करने की बात करते हुए, लेकिन क्या हमें अपने खुद के घर में भी अच्छाई-खुशाई की चीजें सीखने का समय नहीं मिल रहा है 🤔

आज तो देखो, ये नेता जो सत्ता पर बैठे हैं वे अपने खुद के परिवार में भी ऐसी ही गड़बड़ी दिखाई देते हैं। और फिर हमें पता चलता है कि उनके पूर्वजों ने इतनी सुंदर बातें कही थीं।

लेकिन, याद रखें, मैं एक छोटा सा चिंतक हूँ और मुझे अपने देश की ज़िंदगी को समझने का आनंद आता है। यह तो हमारी सरकार की आलोचना करने वालों की समस्या नहीं है, बल्कि हमारी नीतियों और समाज में बदलाव लाने की जरूरत है 🙏

मुझे लगता है कि अगर हम अपने देश को साफ करना चाहते हैं तो हमें पहले अपने खुद के घर को अच्छा बनाना होगा।
 
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