महाराष्ट्र डॉक्टर आत्महत्या केस- फरार सब-इंस्पेक्टर ने सरेंडर किया:मकान मालिक का बेटा भी गिरफ्तार; राहुल गांधी बोले- सिस्टम ने मारा

महाराष्ट्र की महिला डॉक्टर सुसाइड केस में शनिवार को दूसरी गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने बताया कि फरार सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने ने शनिवार शाम फलटण ग्रामीण पुलिस थाने में सरेंडर किया। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।

इससे पहले शनिवार दोपहर पुलिस ने प्रशांत बांकर को गिरफ्तार किया था। पीड़ित जिस मकान में रहती थी, प्रशांत उस मकान मालिक का बेटा है। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उस पर पीड़ित का रेप करने और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मामले को संस्थागत हत्या (सिस्टम की वजह से जान जाना) करार दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर जनता को अपराधियों से बचाने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने इस निर्दोष महिला के साथ सबसे जघन्य अपराध किया।

महिला डॉक्टर ने 23 अक्टूबर को सुसाइड किया था। उसकी हथेली पर गोपाल बदने और प्रशांत बांकर के नाम लिखे थे। पीड़ित ने लिखा था कि गोपाल ने पिछले 5 महीने में 4 बार उसका रेप किया।

पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के चचेरे भाई ने कहा कि उसने इस मामले में सातारा एसपी और डीएसपी से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। उसने लेटर में लिखा था- अगर उसके साथ कुछ हुआ तो जिम्मेदारी कौन लेगा।

इस मामले ने पूरे शहर में गहरा घाव छोड़ दिया है। डॉक्टर्स ने शनिवार को प्रदर्शन किया और पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने पहले से ही जांच की व्यवस्था की थी।
 
मेरी तो यह दुनिया खत्म हो गई 🤯 पूरा शहर रुक गया है। महिला डॉक्टर की कयामत हुई है और अभी भी न्याय नहीं मिला है। पुलिस तो बस घड़ी के मालिक हैं और जनता को सुरक्षित रखने की बातें करते रहते हैं। 🚫

मुझे लगता है कि इस मामले में सरकार भी खामोश है। क्योंकि राहुल गांधी ने जिस तरह से कहा कि यह एक सिस्टम की बात है, वैसे तो पूरे देश में सिस्टम जैसी चीजें खत्म कर दी जाएं तो फिर कोई समस्या नहीं रहती। 😒

मैं तो डॉक्टर के चचेरे भाई की बात समझता हूँ। अगर उन्होंने पुलिस से शिकायत की और कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो यह एक बड़ा मुद्दा है। 🚔
 
ब्राह्मणों के बेटे तो दिल्ली में भी रेप कर लेते हैं... 😱 गोपाल बदने ने जो सब-इंस्पेक्टर का पद छोड़ दिया, वह अब क्या करेगा? चाचा सातारा एसपी और डीएसपी पर उन्हें आरोप लगाने के लिए बोल रहे हैं... 🤦‍♂️ पुलिस को यह अच्छी तरह समझना चाहिए कि एक निर्दोष महिला से जो अपराध हुआ, उस पर पूरा देश आउटसाइड है। लेकिन यह तो बात है... 🙃 शिकायत करने वाले डॉक्टर की बात नहीं मानी गई, लेकिन जब एक महिला मर जाए, तो सब अच्छा पता चलने लगता है। 💔
 
बस मैंने पढ़ा की ये दो चाचेरे भाई तो क्रिमिनल नंबर 1 है। पुलिस ने बताया है कि डॉक्टर के सातारा एसपी और डीएसपी से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। यह तो बहुत दुर्भाग्य है। मुझे लगता है कि पुलिस को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। लोगों से शिकायत करना और फिर कुछ नहीं करना समाज के लिए खतरा है।

मैं तो इस मामले से बहुत निराश हूँ। डॉक्टर को इतना पीड़ित परिस्थिति दी गई, और यह तो एक अपराध की जैसे करार देना अच्छा नहीं लगा। लेकिन अगर पुलिस ने शिकायत मानी होती, तो शायद यह सब नहीं हुआ होता।
 
मेरे दोस्त, यह मामला बहुत ही दुखद है। कैसे कोई भी इंसान ऐसा काम कर सकता है जो एक महिला की जिंदगी को तोड़ देता है? पुलिस की नालस्विकता और हमारी सरकार की चुप्पी का यह मामला बहुत ही उदाहरण है। मैं इसे सिस्टम की बुराई कह सकता हूं, जहां जो लोगों को अपराधियों से बचाना होता है वे ही उन्हें फँसा देते हैं। यह एक बड़ा सवाल है कि पुलिस ने पहले से ही मामले की जांच शुरू कर दी थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। डॉक्टर्स का प्रदर्शन भी बहुत ही उचित है, लेकिन हमें उम्मीद करनी चाहिए कि यह मामला जल्द से जल्द समाधान पर पहुंचेगा। 🤕😡
 
जानवर तो खुद में भी नहीं रहते , प्रशांत बांकर पर तो अभी भी आरोप लगाए गए हैं और उन्होंने पहले से ही इस महिला के रेप करने का केस दर्ज कराया था। लेकिन अब जब उनकी गिरफ्तारी हुई, तो हर जगह डॉक्टर्स ने प्रदर्शन किया और कहा कि पुलिस पहले से ही जांच की व्यवस्था कर चुकी थी।
 
मैंने देखा है कि डॉक्टर की सीट में गोपाल बदने ने सरेंडर कर दिया, तो अब वह जेल में है। लेकिन मुझे लगता है कि पुलिस और अन्य लोगों ने पहले ही इस मामले में खुद में छिपे हुए कुछ। डॉक्टर से 5 महीने पहले उनकी पत्नी ने बार-बार गिरफ्तारी शिकायत की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो ये सब कैसे? यह पुलिस और जेल में खुद को छिपाने का एक ही तरीका है।
 
मेरे दोस्त, यह तो एक बहुत बड़ा मामला है! जान जानकर बुरा लगता है कि पुलिस ने इतने समय तक अपने हाथों छोड़ दिए। और राहुल गांधी जी ने सही कहा, यह तो सिस्टम की वजह से ही इस निर्दोष महिला की जान गई। अगर उसके चचेरे भाई ने पहले से ही शिकायत की थी, तो फिर क्यों नहीं लिया गया कार्रवाई? यह तो बहुत शर्मिंदगी है पुलिस के पास।

और प्रशांत बांकर के परिवार ने भी अपने बेटे को गिरफ्तार करने में इतने समय लगे, यह तो दिल से दर्द करता है। लेकिन फिर भी, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पीड़ित महिला को आत्महत्या के निर्णय पर मजबूर करने का दबाव डाला गया था।
 
पुलिस तया नहीं कर पाती कि ये दो में से एक सच्चा अपराधी है और दूसरा भी... 🤔 क्योंकि चाचेरे भाई ने पहले से ही जांच की व्यवस्था की थी, तो यह तो पुलिस की दूरदराज में लापरवाही है। और अगर डॉक्टर का चाचेरा भाई ने ज्यादा बोल रहा है तो शायद पुलिस को पता चलना चाहिए। 🤷‍♂️
 
मेरे दोस्त, यह मामला बहुत ही गंभीर है। मुझे लगता है कि पुलिस ने अच्छी तरह से जांच नहीं की है, और शनिवार को दूसरी गिरफ्तारी होने पर यह पता चलता है कि उन्होंने पहले से ही मामले को ठीक कर लिया था। पीड़ित महिला डॉक्टर की आत्महत्या के पीछे जिम्मेदारी कौन लेगा, यह सवाल अभी भी उत्तर निकल नहीं पाया है। मेरे अनुसार, पुलिस और अदालत को इस मामले में स्पष्टता और निष्पक्षता से व्यवहार करना चाहिए।
 
मेरी तो बहुत गुस्सा आ गया है यह बात सुनकर 🤬, लोगों को तो पता नहीं होता कि महिलाओं के साथ निंदनीय अपराध होते रहते हैं और उन्हें भी पुलिस माफ कर देती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ, जिन लोगों पर अपराधियों को पकड़ने की जिम्मेदारी थी, वे ही निंदनीय अपराध किए। पुलिस को तो अपनी बुराई सुधारने में सीखना चाहिए, लेकिन लगता है उन्हें यह समझ नहीं आ रही है। डॉक्टर्स ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई, जो सही था।
 
ये सब एक बड़ा दुखद मामला है 🤕। पुलिस में ऐसे लोग भी होते हैं जो हमारी जान बचाने की जिम्मेदारी भी नहीं लेते हैं। यह महिला डॉक्टर की बहुत बड़ी सेवा थी, वह अपने पेशे में भी बहुत अच्छी थी। लेकिन वह इतनी परवाह किए बिना उस दुष्ट पुरुष के साथ कैसे पहुँच गई? यह जानने को भी ही कुछ नहीं है। पुलिस और सरकार दोनों को इस मामले में गंभीरता से व्यवहार करना चाहिए।
 
यह तो बहुत दुखद बात है 🤕। महिला डॉक्टर की जान जाने की खबर सुनकर मेरा दिल टूट गया है। यह कैसे हुआ, इस तरह का अपराध कैसे होता है? पुलिस को तो पता था, लेकिन क्या उन्हें फिर भी जांच की व्यवस्था करनी चाहिए थी? 🤔

मैं समझता हूँ कि यह मामला लोकसभा से लेकर पुलिस तक सभी को दुखी कर रहा है। राहुल गांधी जी ने सही कहा, यह एक सिस्टम की वजह से हुआ अपराध है, जहाँ निर्दोष महिलाओं को भी जान जाने का शिकार होना पड़ता है 🚔। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पुलिस और अधिकारी भी लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए काम कर सकते हैं।

आज देखा, डॉक्टर की दादी ने तो बिल्कुल सही कहा था, अगर उसके साथ कुछ हुआ तो जिम्मेदारी कौन लेगा। यह मामला हमें एक संदेश देता है कि हमें अपनी जिंदगी में जागरूक रहना चाहिए और अपने अधिकारों के बारे में जानना चाहिए। 📚
 
🤔 यह तो बहुत दुखद बात है महाराष्ट्र में ऐसा हुआ। पुलिस ने भी दोनों लोग गिरफ्तार कर लिए, लेकिन अभी तक पीड़ित महिला के परिवार को न्याय नहीं मिला है। राहुल जी ने सही कहा कि यह सिस्टम की वजह से हुआ है। पुलिस और सरकार को तुरंत इस मामले में न्याय दिलाना चाहिए। प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर्स की बात भी सही है, अगर पुलिस ने पहले से ही जांच की व्यवस्था की थी, तो इस मामले में जल्दी से न्याय दिलाना चाहिए। यह सब एक दुखद याद है और हमें ऐसे हालातों से खुद भी बचना चाहिए।
 
गिरफ्तार करने में देरी हुई तो बहुत भयानक होगा। एक सब-इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक तक सबकुछ ठीक से नहीं चल रहा तो यह न्याय कैसे हो सकता? पीड़ित महिला की बेटियों और परिवार को भी शांति नहीं मिल रही।
 
ਇਹ ਮामलਾ ਖ਼ੁਦ ਤੋਂ ਘਟਿਆ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਪੁਲਿਸ ਨੇ ਉਸ ਵੱਲੋਂ ਮਾਫੀ ਕਰਨ ਲਈ ਖ਼ਤੂਰ ਚਸ਼ਮੇ ਪਏ। ਜੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਉਹ ਗ੍ਰਿਫਤਾਰ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਸੁਰਖ਼ਿਆਲਤਾ ਨਾਲ ਮਾਮਲਾ ਦੀ ਪੜਤਾਲ ਹੋ ਗਈ, ਤਾਂ ਫਿਰ ਖ਼ੁਦ ਤੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ 'ਚ ਮਸ਼ਹੂਰ ਨਹੀਂ ਬਣਿਆ।

ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਨੇ ਫ਼ੈਸਲੇ ਕੀਤੇ, ਉਹ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਪਿਛਲੇ ਜੀਵਨ 'ਚ ਮੁਸ਼ਕਲਾਂ ਆ ਗਈਆਂ।
 
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