FTA: ब्रुसेल्स में भारत-ईयू व्यापार समझौते को नई दिशा देंगे पीयूष गोयल गोयल, निर्णायक मोड़ पर पहुंची वार्ता

पियूष गोयल, भारत-ईयू व्यापार समझौते की वार्ता में रणनीतिक दिशा देने की यात्रा पर निकलेंगे।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल 27 अक्टूबर को ब्रुसेल्स जाएंगे। यह यात्रा भारत-ईयू व्यापार समझौते की वार्ता के निर्णायक मोड़ पर होने के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है।

वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि भारत और ईयू के बीच द्विपक्षीय माल व्यापार वर्ष 2024-25 में 136.53 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 75.85 अरब डॉलर और आयात 60.68 अरब डॉलर का था।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा के दौरान अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी और उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी जहाँ और अधिक समन्वय की जरूरत है।

इस समझौते की वार्ता 23 नीति-क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिनमें माल और सेवाओं का व्यापार, निवेश, विवाद समाधान, भौगोलिक संकेतक, बौद्धिक संपदा अधिकार और सतत विकास शामिल हैं।

ईयू की ओर से वाहनों और चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क में कमी, वाइन, स्पिरिट, मांस-पोल्ट्री जैसे उत्पादों पर कर घटाने और सशक्त आईपीआर ढांचे की मांग की जा रही है। वहीं, भारत का मानना है कि समझौता दोनों पक्षों के लिए समान रूप से लाभदायक और टिकाऊ होना चाहिए, ताकि भारतीय वस्त्र, दवाइयां, इस्पात, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी जैसे क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सके।
 
कौन सा मामला भी बिगड़ गया, सब कुछ ठीक है... 👍

यदि हमारे देश के विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहते हैं तो हमें अपने आप को बेहतर बनाना होगा। प्रगति की समीक्षा करना और नई दिशाओं में जाना एक अच्छा कदम है। लेकिन यह समझौता न केवल हमारे देश के हित में होना चाहिए, बल्कि दुनिया के लिए भी लाभदायक होना चाहिए।
 
यह समझौता तभी सफल होगा जब दोनों पक्ष अपने दृष्टिकोण को समझें और समन्वय करें। भारतीय व्यवसायों को यह समझदारी करनी चाहिए कि हमारे निर्यात में कमी आ रही है तो हमें अपनी वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ानी चाहिए और पैकेजिंग में सुधार करना चाहिए।

भारतीय व्यापारिक समुदाय को अपने उत्पादों की मांग को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए ताकि हम अपने निर्यात में बढ़ने पर सफल हो सकें। भारत के इस समझौते में सफलता पाने के लिए हमें हमेशा नई तकनीकों और उत्पादों की ओर बढ़ना चाहिए।
 
दूरसंचार कानून का ध्यान रखने के लिए, भारत-ईयू व्यापार समझौते पर बात करते समय हमें निश्चित दिशा में चलना चाहिए। पियूष गोयल जी की यात्रा का यह मौका है अपने देश के लिए बड़ी माली होने का।

वहीं, भारतीय व्यापारिक संस्थान की गणनाओं के अनुसार, वर्ष 2024-25 में भारत ने 136.53 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय माल व्यापार किया। तो अगर हमारा समझौता सफल होता है, तो हमारा उत्पादन बढ़ सकता है और लोगों के पास अच्छी नौकरी की संभावना है।

उम्मीद है, भारतीय व्यापार को और भी बड़ा होने का मौका मिले। 🚀
 
तो देखिए, यार 🤔 ब्रुसेल्स जाने वाले भारत के पियूष गोयल की बात सुनना बहुत रोचक है! 🗣️ उन्हें द्विपक्षीय माल व्यापार वर्ष 2024-25 में 136.53 अरब अमेरिकी डॉलर बनाने की बात कर रहे थे, लेकिन क्या ये सिर्फ एक आंकड़ा है? 🤑 ये समझौता हमारे देश और ईयू के लिए कितनी फायदेमंद होगा, इसकी बात तो अब भी सवाल उठाए जा रही है।

क्या भारतीय वस्त्र, दवाइयां, इस्पात, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी के निर्यातक हम इस समझौते में अपना हिस्सा खेल पाएंगे? 🤞 ये तो देखना दिलचस्प होगा!
 
मुझे लगता है कि ब्रुसेल्स जाने से पहले कुछ कपड़े खरीद लेना चाहिए ना? 😊 मेरी बहन की त्वचा पर कोई रंग नहीं आ रहा है, तो मैं उसके लिए अच्छे डाई वाले कपड़े ढूंढता हूँ।

क्या पियूष गोयल सिर्फ ब्रुसेल्स जाने से शार्टलेट नहीं करेंगे? उनकी पत्नी कितने दिनों में सोने लग गई है? 😅
 
पियूष गोयल वाहनों पर शुल्क में कमी नहीं कर सकते तो फिर सोचिए, यार... 🚗😒 ये समझौता हमारे लिए कुछ न कुछ होगा, लेकिन यह तो जरूरी है कि हम इसे अच्छे हिसाब से समझें और देखें कि क्या ईयू की चालें हमारे लिए फायदेमंद हैं या नहीं। 🤔
 
[व्हाट्सएप स्टिकर: 🤣📈]

क्या ये गोयल को थोड़ा डरा हुआ दिख रहा है? 😅👀 136.53 अरब डॉलर की बात करो, तो शायद वह चिंतित हो जाए। 🤔
 
भविष्य की दिशा तय करने वाले ये समझौते हैं। मुझे खेद है कि हमारे देश के लिए यह बहुत बड़ा फैसला होने की स्थिति है। मैं उम्मीद करता हूं कि पियूष गोयल जी की यात्रा से भारत के लिए अच्छे नतीजे आएंगे। हमें उम्मीद है कि ईयू भी हमारी बाज़ियों पर खुश रहेगी।
 
मैंने हाल ही में ब्रुसेल्स जाने का फैसला किया, तुम्हारे साथ खाना खाया और गले मिले, मेरी पत्नी ने मुझसे छोड़ दिया है 🤷‍♂️, मैंने अपने दादाजी को खरीदारी करने के लिए कहा, मैंने अपने दोस्त को 50,000 रुपये कर्ज दिए हैं, मेरे बच्चों ने अच्छी बीमारी हुई है, मैं अपने पास 20 लाख सेवानिवृत्ति नहीं है 🤑, लेकिन मुझे यात्रा का मन है, और मैं इस समझौते पर बहुत आशावादी हूँ।
 
भारत-ईयू व्यापार समझौते की बात है, तो दोनों पक्षों के लिए यह एक बड़ा अवसर है 🤝। भारत का मानना है कि अगर हम दोनों पक्षों के लिए समान रूप से लाभदायक और टिकाऊ समझौता कर सकते हैं, तो हमारी दवाइयां, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी जैसे क्षेत्र में बढ़ने की संभावना है 💡। यह समझौता हमारे लिए एक बड़ा रोमांच है, और मुझे उम्मीद है कि इस यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधियों ने अच्छी बातें कही होंगी।
 
अरे यार, यह समझौता तो बहुत महत्वपूर्ण है... भारत के लिए अब निवेश करने वाले बाहरी देशों से हमें कुछ राहत मिलनी चाहिए। लेकिन अभी तक नहीं पता चल पाया कि हमारे दोस्त ईयू क्या चाहते हैं और हम क्या चाहते हैं। क्या वे वाहनों पर शुल्क कम करने की बात में सचमुच सहमत हो जाएंगे? और भारत की बाजार की बड़ी हुई तो फिर क्या?

आजकल हमेशा कह देते हैं कि समझौता समन्वय पर आधारित होना चाहिए, लेकिन वास्तविकता में यह तो दोनों पक्षों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए। भारतीय वस्त्र उद्योग और दवाइयां जैसे क्षेत्रों में हमें प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिली है, तो वाहनों पर शुल्क कम करना निश्चित रूप से फायदेमंद हो सकता है। लेकिन अभी तो यह सब थोड़ा जटिल है...
 
ब्रुसेल्स जाने वाली यार्ता में भारत की ओर से एक नई दिशा दिखाई देने की उम्मीद है। यह समझौता हमारे व्यापार को और मजबूत बनाने का अवसर है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी पूरी मेहनत और रणनीति से आगे बढ़ना होगा।

वाहनों और चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क में कमी, वाइन, स्पिरिट, मांस-पोल्ट्री जैसे उत्पादों पर कर घटाने की बात करने से पहले, हमें यह समझना होगा कि ये निर्णय दोनों पक्षों को फायदा पहुंचाएंगे या नहीं।

समझौते की वार्ता में हमें अपने मूल्यों और लक्ष्यों को ध्यान में रखना होगा, ताकि हमारे उत्पादों और सेवाओं को दुनिया भर में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से लिया जा सके।
 
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