'हम ग्लोबल साउथ के सहयात्री और सांस्कृतिक साझेदार', आसियान समिट में बोले पीएम नरेंद्र मोदी

असियान सम्मेलन: पीएम नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के सहयोगी और सांस्कृतिक साझेदार बने देशों को संबोधित किया|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 47वें आसियान शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा कि भारत और आसियान देश एक-दूसरे के साथ गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साझा मूल्यों पर आधारित मजबूत संबंध बनाए हुए हैं।

पीएम मोदी ने यह कहा, 'भारत और आसियान देश एक-दूसरे के साथ साझेदारी केवल आर्थिक या रणनीतिक नहीं बल्कि विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या को प्रतिनिधित्व करने का भी महत्वपूर्ण कदम है।' उन्होंने कहा, 'हम आसियान को ग्लोबल साउथ के सारथी देश मानते हैं। हमारी इस साझेदारी ने वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण आधार बना।'

पीएम मोदी ने कहा, 'हमने स्थिति की जिम्मेदारी समझी है और हमारी सहयोग की दिशा में सतत प्रगति हुई है।' उन्होंने यह भी कहा, 'भारत इन प्राथमिकताओं का पूर्ण समर्थन करता है और इस दिशा में साथ आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

इससे पहले, मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा, 'विश्व में व्याप्त संरक्षणवाद और अनिश्चितता का सामना करने के लिए अनुकूलनशीलता और सहयोग की आवश्यकता है।' उन्होंने कहा, 'हमें याद दिलाता है कि लचीलापन अनुकूलनशीलता पर निर्भर करता है।'
 
आसियान सम्मेलन में PM नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के सहयोगी और सांस्कृतिक साझेदार बने देशों को बताया। यह बहुत अच्छा है कि हम भारत और आसियान देश एक-दूसरे के साथ गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साझा मूल्यों पर आधारित मजबूत संबंध बनाए हुए हैं। लेकिन याद रखना ज़रूरी है कि आसियान सम्मेलन में 10 देश भाग ले रहे हैं और इसका वास्तविक प्रभाव हमें तुरंत देखना पड़ेगा।
 
🤔 बहुत अच्छा किया पीएम मोदी जी, आसियान सम्मेलन में भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग बढ़ने का बात कही। लेकिन अगर असियान सम्मेलन में स्थिति पर चर्चा हो तो उसके बारे में कुछ नहीं पता चला। 🤷‍♂️

मलेशिया की सरकार ने क्या विश्वास दिखाया कि वह विश्व संरक्षणवाद और अनिश्चितता का सामना करने के लिए अनुकूलनशीलता और सहयोग की आवश्यकता है? 🤔

भारत को आसियान सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के सार्थी देश की भूमिका निभाने का समय आया है, लेकिन अगर हम वास्तविकता को समझें तो वह बात तो ही सच नहीं कही जा सकती। 🙅‍♂️

आसियान सम्मेलन में भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग बढ़ने के लिए हमें आगे चलकर स्थिति पर ध्यान रखना होगा। 🕰️

और अगर आप इस विषय पर और जानना चाहते हैं तो यहाँ एक लिंक दिया गया है: [https://www.ndtv.com/india-news/pm-...asian-leaders-meet-for-virtual-summit-2254343] 📊
 
क्या मोदीजी ने आसियान के बारे में सही बात कही? तो नहीं तो फायदा भी नहीं हुआ। पहले लोग कहते थे कि आसियान हमारी आर्थिक सुरक्षा है, लेकिन अब दिख रहा है कि हमारी अर्थव्यवस्था और भी गहरी बीमार है। और फिर मोदीजी ने कहा कि आसियान हमें विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या को प्रतिनिधित्व करने में मदद करेगा, लेकिन क्या यह सच है? चूंकि हमारी जनसंख्या बढ़ रही है और आर्थिक संकट भी बढ़ रहा है।
 
सांस्कृतिक साझेदार बने भारत और आसियान के बीच हमेश से मजबूत रहेगी दोस्ती, लेकिन आर्थिक सहयोग में भी हमें बहुत सक्रिय रहना चाहिए।
 
असियान सम्मेलन का यह मौका सोचते हुए, हमें अपनी देश की एकता और सामाजिक समरसता पर विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आसियान सम्मेलन में भारत और आसियान देशों के बीच मजबूत संबंध बनाने पर बल दिया, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे सामाजिक मुद्दों को भी ध्यान में रखा जाए।

आजकल कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं - प्रदूषण, जल संकट, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता। इन सभी मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है और हमें अपने समाज को भला बनाने के लिए एक-दूसरे सहयोग करने चाहिए।
 
असियान सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन सुनकर लगा कि वो देशों को आर्थिक ही सहयोग करने के लिए मजबूर कर रहे हैं तो फिर क्या? उनके अनुसार हमारी एक-दूसरे के साथ गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साझा मूल्यों पर आधारित मजबूत संबंध बनाए हुए हैं, लेकिन अभी भी हमारे बीच बहुत कुछ अलग है। 🤔
 
क्या मोदी जी थोड़ा देर से आये तो फायदा होता? 😉 47वें आसियान शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से ऑनलाइन देखकर और पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण सुनकर बहुत खुश रहा 🤩, लेकिन क्या उन्होंने पहले तो आसियान देशों के साथ बातचीत नहीं की थी? मुझे लगता है कि हमें भारत की विदेश नीति पर और अधिक चर्चा करनी चाहिए, खासकर अगर वह देशों की साझेदारी को ग्लोबल साउथ बनाने की बात कह रहे हैं 🤔
 
असियान सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण से मेरा मन खुश हो गया! 🤩 यह सुनकर बिल्कुल सहमत हूँ कि भारत और आसियान देश एक-दूसरे के साथ मजबूत संबंध बनाए हुए हैं। हमारी जनसंख्या के कारण हम ग्लोबल साउथ के सारथी देश हैं, जो वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण आधार हैं।

मुझे लगता है कि पीएम मोदी ने सही कहा है कि हमारी सहयोग की दिशा में सतत प्रगति हुई है। हमें विकास और स्थिरता के लिए अनुकूलनशीलता और सहयोग की आवश्यकता है, जैसा कि मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा। 🤝
 
આ અસીયાન સમ્મેલન તો વિશ્વ દર્શાવવા માટે ચાલુ છે 😊. પીએમ નરેન્દ્ર મોદીજીએ આ સંઘટનની ગતિશીલતા પર ભારતના દૃષ્ટિકોણથી વિચાર આપ્યું. એસએસએન અને આફ્રિકામાં દોરવા લાગી છે તો ભારતનું દૃષ્ટિકોણ અજવાળુ છે 🙄. મળી લાગે છે કે ભારત સૌથી બધા દેશોના વિચારોનું મહત્ત્વ સ્વીકારે છે, પણ અસલથી આજે કેટલાં દેશો બહાર ગયા છે 😊.
 
मुझे लगता है कि भारत और आसियान देशों की बात कर रहे हैं कि हमारी साझेदारी विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या को प्रतिनिधित्व करने का एक महत्वपूर्ण कदम है... 🤔
लेकिन मुझे लगता है कि भारत और आसियान देशों को अपने साझेदारी को कुछ और गहरा बनाना चाहिए... जैसे कि हम अपने सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर बात करें... 🌿
मुझे लगता है कि आसियान देशों को अपनी आर्थिक और राजनीतिक विश्वसनीयता को भी बढ़ाना चाहिए... ताकि हमारे साझेदारी में विश्वास और विशेषज्ञता की कमी न हो। 💪
फिर से, मुझे लगता है कि भारत और आसियान देशों की बात कर रहे हैं कि हमारी साझेदारी विश्व की समस्याओं को हल करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन मुझे लगता है कि हमें अपने साझेदारी को थोड़ा और गहरा बनाने की जरूरत है। 💡
 
मोदीजी की बोली सुनकर तो मुझे बहुत खुशी हुई! 🙌 आसियान सम्मेलन को सफल बनाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत और दृढ़ संकल्प देखकर यह तो लगता है कि ग्लोबल साउथ नामक नए परिवार की शुरुआत हो गई है! 😊 भारत जैसे बड़े देश आसियान देशों के साथ मिलकर वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान करेंगे। यही मोदीजी ने कहा है और हमें उसका पूरा समर्थन करना चाहिए! 🙏
 
भारत और आसियान देशों की साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी जी के इस प्रयास को बिल्कुल सफल मानता हूँ 🙌। ग्लोबल साउथ के रूप में भारत और आसियान देशों की सहयोग की दिशा में हमारी निष्ठा और समर्थन को बढ़ावा देने का यह प्रयास बहुत महत्वपूर्ण है। 🌟

हमारे देश और आसियान देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साझे मूल्यों पर आधारित मजबूत संबंध बनाए गए हैं। यह भारत के लिए एक समृद्धि और विश्वसनीयता की दिशा को प्रदान करता है। 🌈

ग्लोबल साउथ के रूप में हमारी सहयोग की दिशा में हमारी निष्ठा और समर्थन को बढ़ावा देने का यह प्रयास बिल्कुल जरूरी है। वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए हमारी सहयोग की दिशा में हमारी बातों को महत्वपूर्ण माना जाएगा। 💪
 
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