आज के निर्णयों से आने वाली पीढ़ियों का भूगोल तय होगा, यह मौन नहीं रह सकता। जलवायु परिवर्तन, जिसे समुद्र-स्तर वृद्धि कहते हैं, एक मौलिक मुद्दा बन चुका है जिसके बारे में हमें सोचना होगा।
भारत की तटीय शहरों का भाग्य इस पर निर्भर करेगा। अगर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाते हैं, तो समुद्र-स्तर वृद्धि को कम रखा जा सकता है। लेकिन अगर हम इसे तोड़ने में असफल रहें, तो कई तटीय शहर सदा के लिए जलमग्न हो जाएंगे।
जकार्ता (इंडोनेशिया) पहले ही अपने नए राजधानी शहर के निर्माण की घोषणा कर चुका है। ढाका, कोलकाता और मियामी जैसे शहरों में बाढ़ और तटीय कटाव की घटनाएं पिछले 20 वर्षों में दोगुनी हो चुकी हैं। अगर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने में असफल रहें, तो इन शहरों का भाग्य सदा के लिए बदल जाएगा।
आज के निर्णयों से आने वाली पीढ़ियों का भूगोल तय होगा। हमें जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचना होगा, इसके लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। अगर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने में असफल रहें, तो हम अपनी पीढ़ी के भूगोल को बदल देंगे।
भारत की तटीय शहरों का भाग्य इस पर निर्भर करेगा। अगर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाते हैं, तो समुद्र-स्तर वृद्धि को कम रखा जा सकता है। लेकिन अगर हम इसे तोड़ने में असफल रहें, तो कई तटीय शहर सदा के लिए जलमग्न हो जाएंगे।
जकार्ता (इंडोनेशिया) पहले ही अपने नए राजधानी शहर के निर्माण की घोषणा कर चुका है। ढाका, कोलकाता और मियामी जैसे शहरों में बाढ़ और तटीय कटाव की घटनाएं पिछले 20 वर्षों में दोगुनी हो चुकी हैं। अगर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने में असफल रहें, तो इन शहरों का भाग्य सदा के लिए बदल जाएगा।
आज के निर्णयों से आने वाली पीढ़ियों का भूगोल तय होगा। हमें जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचना होगा, इसके लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। अगर हम जलवायु परिवर्तन को रोकने में असफल रहें, तो हम अपनी पीढ़ी के भूगोल को बदल देंगे।