बिहार में आगामी चुनावों से पहले दिलचस्प राजनीतिक खेल हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर कई तीखे हमले किए हैं, जिनमें से एक यह था कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव को "दलित विरोधी" बताते हुए कहा कि उनके शासनकाल में अपराध और अपहरण एक उद्योग बन गया था।
मांझी ने यह आरोप लगाया कि लालू-राबड़ी शासनकाल में बिहार की जनता पर अत्याचार किया गया, जिससे वह इसे "आतंक का राज" बना दिया। इसके अलावा, उन्होंने तेजस्वी को "पागल" कहा था, जब उसने कहा था कि भाजपा और जदयू एससी/एसटी समुदाय के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं।
मांझी ने तेजस्वी की राजनीतिक विरासत पर सवाल उठाकर कहा कि उसके पिता लालू यादव ने ही एक दलित को मुख्यमंत्री पद से हटाया था। इसके अलावा, जब तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की "अचेत अवस्था" पर टिप्पणी की, तो उन्होंने जवाब दिया कि यह दर्शाती है कि तेजस्वी खुद चेतनहीन हो गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के हमले बिहार की जनता को आकर्षित करने के लिए जीतन राम मांझी की तरफ से किये जा रहे हैं।
मांझी ने यह आरोप लगाया कि लालू-राबड़ी शासनकाल में बिहार की जनता पर अत्याचार किया गया, जिससे वह इसे "आतंक का राज" बना दिया। इसके अलावा, उन्होंने तेजस्वी को "पागल" कहा था, जब उसने कहा था कि भाजपा और जदयू एससी/एसटी समुदाय के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं।
मांझी ने तेजस्वी की राजनीतिक विरासत पर सवाल उठाकर कहा कि उसके पिता लालू यादव ने ही एक दलित को मुख्यमंत्री पद से हटाया था। इसके अलावा, जब तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की "अचेत अवस्था" पर टिप्पणी की, तो उन्होंने जवाब दिया कि यह दर्शाती है कि तेजस्वी खुद चेतनहीन हो गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के हमले बिहार की जनता को आकर्षित करने के लिए जीतन राम मांझी की तरफ से किये जा रहे हैं।